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स्कूल खोलने का अभिभावकों ने किया स्वागत, कहा-लेकिन गाइडलाइन का जरूर हो पालन - रांची समाचार

शिक्षा विभाग की ओर से स्कूल खोलने को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी गई है. 21 दिसंबर से 10वीं और 12वीं के विद्यार्थीयों का स्कूल खुल जाएंगे. कोविड-19 के तहत जारी सभी गाइडलाइन का पालन भी कराया जाएगा.

school opened for 10th and 12th students in jharkhand from 21st December
अभिभावकों की राय
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Published : Dec 19, 2020, 1:56 PM IST

रांची: सोमवार से 10वीं और 12वीं की कक्षा के विद्यार्थी स्कूल आ सकेंगे. आपदा प्रबंधन विभाग के साथ-साथ स्कूली शिक्षा विभाग की ओर से गाइडलाइन जारी कर दी गई है. सरकार के आदेश निजी और सरकारी दोनों स्कूलों के लिए हैं. कोविड-19 गाइडलाइन के तहत स्कूल खोले जा रहे हैं. इधर स्कूल खोले जाने को लेकर अभिभावकों से ईटीवी भारत की टीम ने उनकी राय जानी है. उन्होंने कहा कि सतर्कता के साथ स्कूल खुले तो यह बेहतर निर्णय साबित होगा. हालांकि इसमें किसी भी तरीके का कोताही न बरती जाए ताकि बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर न पड़े.

देखें पूरी खबर

अरसे बाद खुलेंगे स्कूल
अरसे बाद राज्य के स्कूल खोले जा रहे हैं. सोमवार से दसवीं और 12वीं के बच्चों का पठन-पाठन सुचारू करने के उद्देश्य से और बोर्ड परीक्षा के मद्देनजर स्कूल खोलने का निर्णय राज्य आपदा प्रबंधन विभाग और स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग की ओर से यह निर्णय लिया गया है. इस निर्णय के तहत स्कूलों में गाइडलाइन का पालन होगा और बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ न हो इस दिशा में व्यापक व्यवस्था की जा रही है.

स्कूलों में सेनेटाइजेशन की व्यवस्था
स्कूल में सेनेटाइजेसन की व्यवस्था हो रही है. साफ सफाई की जा रही है. इसके अलावा कोरोना महामारी के मद्देनजर केंद्रीय गाइडलाइन का पालन हो इसकी तैयारी चल रही है. स्कूल खोले जाने को लेकर सरकार की भी चिंता है. किसी अनहोनी के डर से सरकार इस दिशा में ढील नहीं देना चाहती है.अभिभावकों का मानना है कि अरसे बाद स्कूल खुल रहे हैं. यह विद्यार्थियों के लिए बेहतर है.

ऑनलाइन पठन-पाठन से बच्चों पर पड़ा दुष्प्रभाव

अभिभावक का कहना है कि ऑनलाइन पठन-पाठन से बच्चों पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है. ऑनलाइन पठन-पाठन का लाभ बच्चे शत-प्रतिशत नहीं ले पा रहे हैं. इस वजह से बीच का रास्ता निकालते हुए ऑफलाइन क्लासेस संचालित करना सरकार का सही निर्णय तब साबित होगा जब कोरोना के मद्देनजर गाइडलाइन का पालन होगा. तमाम सुरक्षात्मक एहतिहातन कदम उठाना जरूरी है.

ये भी पढ़े- लातेहारः तेतरियाखाड़ कोलियरी में उग्रवादियों ने किया हमला, वाहनों को जलाया, जमकर चलाई गोली

स्कूल पर रखी जाएगी निगरानी
स्कूल प्रबंधकों के साथ-साथ जिला प्रशासन को भी इस मामले में निगरानी रखनी होगी. किसी भी तरीके का ढील देना सही नहीं होगा. विद्यार्थी भी कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करें. इसे लेकर उन्हें हर कदम पर जागरूक करना होगा. क्लासेज के दौरान भी कोरोना के बारे में उन्हें जानकारी भी देना होगा ताकि वे सतर्क रहें और पढ़ाई के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य के संबंध में भी बेहतर जानकारी रख सके. अभिभावकों की माने तो बच्चों के भविष्य के साथ साथ उनके स्वास्थ्य का ख्याल उतना ही रखना भी जरूरी है.

रांची: सोमवार से 10वीं और 12वीं की कक्षा के विद्यार्थी स्कूल आ सकेंगे. आपदा प्रबंधन विभाग के साथ-साथ स्कूली शिक्षा विभाग की ओर से गाइडलाइन जारी कर दी गई है. सरकार के आदेश निजी और सरकारी दोनों स्कूलों के लिए हैं. कोविड-19 गाइडलाइन के तहत स्कूल खोले जा रहे हैं. इधर स्कूल खोले जाने को लेकर अभिभावकों से ईटीवी भारत की टीम ने उनकी राय जानी है. उन्होंने कहा कि सतर्कता के साथ स्कूल खुले तो यह बेहतर निर्णय साबित होगा. हालांकि इसमें किसी भी तरीके का कोताही न बरती जाए ताकि बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर न पड़े.

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अरसे बाद खुलेंगे स्कूल
अरसे बाद राज्य के स्कूल खोले जा रहे हैं. सोमवार से दसवीं और 12वीं के बच्चों का पठन-पाठन सुचारू करने के उद्देश्य से और बोर्ड परीक्षा के मद्देनजर स्कूल खोलने का निर्णय राज्य आपदा प्रबंधन विभाग और स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग की ओर से यह निर्णय लिया गया है. इस निर्णय के तहत स्कूलों में गाइडलाइन का पालन होगा और बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ न हो इस दिशा में व्यापक व्यवस्था की जा रही है.

स्कूलों में सेनेटाइजेशन की व्यवस्था
स्कूल में सेनेटाइजेसन की व्यवस्था हो रही है. साफ सफाई की जा रही है. इसके अलावा कोरोना महामारी के मद्देनजर केंद्रीय गाइडलाइन का पालन हो इसकी तैयारी चल रही है. स्कूल खोले जाने को लेकर सरकार की भी चिंता है. किसी अनहोनी के डर से सरकार इस दिशा में ढील नहीं देना चाहती है.अभिभावकों का मानना है कि अरसे बाद स्कूल खुल रहे हैं. यह विद्यार्थियों के लिए बेहतर है.

ऑनलाइन पठन-पाठन से बच्चों पर पड़ा दुष्प्रभाव

अभिभावक का कहना है कि ऑनलाइन पठन-पाठन से बच्चों पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है. ऑनलाइन पठन-पाठन का लाभ बच्चे शत-प्रतिशत नहीं ले पा रहे हैं. इस वजह से बीच का रास्ता निकालते हुए ऑफलाइन क्लासेस संचालित करना सरकार का सही निर्णय तब साबित होगा जब कोरोना के मद्देनजर गाइडलाइन का पालन होगा. तमाम सुरक्षात्मक एहतिहातन कदम उठाना जरूरी है.

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स्कूल पर रखी जाएगी निगरानी
स्कूल प्रबंधकों के साथ-साथ जिला प्रशासन को भी इस मामले में निगरानी रखनी होगी. किसी भी तरीके का ढील देना सही नहीं होगा. विद्यार्थी भी कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करें. इसे लेकर उन्हें हर कदम पर जागरूक करना होगा. क्लासेज के दौरान भी कोरोना के बारे में उन्हें जानकारी भी देना होगा ताकि वे सतर्क रहें और पढ़ाई के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य के संबंध में भी बेहतर जानकारी रख सके. अभिभावकों की माने तो बच्चों के भविष्य के साथ साथ उनके स्वास्थ्य का ख्याल उतना ही रखना भी जरूरी है.

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