रांची: जिले में जमीन माफियाओं की सांठगांठ से जमीन घोटाला के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इस सिलसिले में बड़गाईं अंचल की 55 एकड़ सरकारी जमीन का घोटाला कर लिया गया है. यह घोटाला सामने आने के बाद बड़गाईं सीओ की ओर से मामले में खेलगांव थाने में एफआइआर दर्ज कराई गई है.
क्या है एफआईआर में
एफआईआर में बताया गया है कि होटवार मौजा के खाता नंबर 72, प्लॉट नंबर 1004, 1042, 1062, 1063, 1065, 1093, 1099, 1139, 1161, 1180, 1206, 1211, 1228, 179, 182, 30, 42, 463, 466, 674, 520, 542, 640, 780, 798, 832, 833, 926 और 953 की कुल 54.75 एकड़ जमीन की जमाबंदी नगनारायण सिंह के नाम पर दर्ज है, जबकि यह जमीन पूरी तरह सरकारी है.
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सीओ की ओर से बताया गया है कि गैरमजरुआ जमीन की अवैध जमाबंदी की जानकारी मिलने पर जब जांच की गई तो कई चौंकाने वाली जानकारियां मिली है. जांच में स्पष्ट प्रतीत हो रहा है कि यह अवैध जमाबंदी पंजी टू के अवैध जमाबंदी मालिक और एनआईसी के अधिकारियों की मिलीभगत से की गई है. इस मामले में अंचलाधिकारी की ओर से गाड़ी होटवार निवासी एनजी अपार्टमेंट के सामने रहने वाला नरेंद्र गोप, मनन गोप और एनआइसी के अधिकारी व कर्मियों को आरोपी बनाया गया है. पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है.
रिकॉर्ड रूम में अलग विवरण दर्ज
सीओ की ओर से एफआईआर में बताया गया है कि खतियान के अवलोकन में पाया गया कि जमीनदार के कॉलम में कैफियत कॉलज में शिवदेनी चौधरी पिता जीवत चौधरी दिख रहा है जबकि रिकॉर्ड रूम और अंचल कार्यालय के खतियान में यह विवरण नहीं है. तीन जुलाई 2017 की ऑनलाइन डाउनलोड खतियान में भी यह विवरण नहीं है. इससे प्रतीत होता है कि तीन जुलाई के बाद इसमें छेड़छाड़ किया गया है.
अपर समाहर्ता के लॉगिन से ही होता है खतियान सुधार
एफआईआर आवेदन में बताया गया है कि किसी भी प्रकार के रिकॉर्ड में सुधार या खतियान में सुधार अपर समाहर्ता के लॉगिन से ही हो सकती है. इस जमीन से संबंधित अंचल कार्यालय बड़गाईं की ओर से कोई भी अनुसंशा नहीं की गई है. 16 दिसंबर को अपर समाहर्ता के लॉगिन से जानने का प्रयास किया गया कि खतियान के रिकॉर्ड में छेड़छाड़ किस स्तर से हुआ है कि उसमें कोई भी रिकॉर्ड नहीं मिला. इससे प्रतीत होता है कि अपर समाहर्ता या अंचल कार्यालय से कोई भी सुधार या छेड़छाड़ नहीं किया गया है. यह जमाबंदी पूरी तरह संदेह के घेरे में है.