रांचीः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले झारखंड दौरे पर हैं. दो दिवसीय झारखंड दौरे पर आये दत्तात्रेय बुधवार को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के मैदान में साखा का आयोजन किया गया, जहां सैकड़ों की संख्या में संघ से जुड़े स्वयंसेवक और कार्यकर्ता शामिल हुए.
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स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए दत्तात्रेय होसवाले ने कहा कि अभी नवरात्रि का उत्सव (Festival of Navratri) चल रहा है. इसी नवरात्रि के समापन यानि विजयादशमी को वर्ष 1925 में परम पूज्य डॉ केशव वलिराम हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना नागपुर में की थी. तीन वर्ष के बाद संघ अपने स्थापना के सौ साल पूरे करने वाला है. हम सब राष्ट्र के लिए कुछ करें, ऐसा संकल्प हमसब के मन में होना चाहिए. इसी संकल्प के आलोक में यह कार्यक्रम स्वयंसेवकों की ओर से आयोजित की गई है.
दत्तात्रेय ने कहा कि प्रकृति की परीक्षा संघ के जीवन में कोई नई बात नहीं है. उन्होंने कहा कि सब प्रकार की चुनौतियों और संकटों का सामना करते हुए संघ आज तक अपने समाज और राष्ट्र की सेवा करता आया है. उन्होंने कहा कि हम ईश्वर से प्रतिदिन अपने प्रार्थना के माध्यम से पांच कृपा का निवेदन करते हैं. देश का कार्य करने के लिए हम कटिबद्ध हैं. इसलिए हमें अजेय शक्ति, सच्चा ज्ञान, ध्येय निष्ठा और वीरव्रत का आशीर्वाद दें. यह समाज संगठन का कार्य है. उन्होंने कहा कि यह कांटों से भरा मार्ग है. इस मार्ग की विभीषिका से हम परिचित हैं. फिर भी हमने स्वयं की प्रेरणा से अभिभूत होकर उत्तरदायित्वों को अपने कंधों पर लिया है. इस कार्य को करने के लिए हमें किसी भी प्रकार का लोभ और अभिलाषा भी नहीं है. राष्ट्र निर्माण के कार्य या राष्ट्र मुक्ति के कार्य में जिन लोगों ने संकल्प लेकर आगे बढ़ने का कार्य किया है, उन महान विभूतिओं के मार्ग में संकट आये हैं.
दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि देश ने स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरा कर अमृत काल में प्रवेश किया है. इन बीते 75 वर्षों में समाज ने अब व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से व्यापक चिंतन किया है. स्वतंत्रता की यह प्राप्ति हमारे दीर्घकालीन संघर्ष और हमारे पूर्वजों के बलिदान का एक विराट स्वरूप है. हमारे युवकों ने हंसते हुए फांसी के फंदे को स्वीकार किया. उन्होंने कहा कि डॉ हेडगेवार इस स्वतंत्रता आंदोलन में दो बार देश की मुक्ति के लिए लड़ते हुए जेल की यातना को गले लगाया. उस समय सैकड़ों संघ के स्वयंसेवकों ने भी अपना सर्वस्व समर्पण कर भारत माता की मुक्ति में अपना योगदान दिया. इस अवसर पर मोहन सिंह, रामनवमी प्रसाद, अजय कुमार, प्रेम अग्रवाल, सच्चिदानंद लाल अग्रवाल, अशोक श्रीवास्तव, संजय कुमार आदि लोग उपस्थित थे.