रांची: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने प्राकृतिक के महापर्व सरहुल पूजा को फीका कर दिया है. कोरोना का असर सरहुल पूजा में साफ तौर पर देखने को मिल रहा है. बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाने वाला सरहुल पर्व इस बार झारखंड में विधि विधान और सादगी के साथ मनाया जा रहा है. तमाम सरना स्थलों पर पाहन पूजा संपन्न करा रहे हैं और साथ ही धर्मेश सिंग बोंगा (सरना धर्म के भगवान) से पूरे विश्व से कोरोना महामारी से निजात दिलाने को लेकर प्रार्थना कर रहे हैं.
सरना टोली सरना पूजा स्थल पर मुख्य पाहन जगलाल ने विधि विधान के साथ मां सरना की पूजा करवाई गई और साथ ही धर्मेश सिंग बोंगा से प्रार्थना किया गया कि जिस तरह से झारखंड में अब तक कोरोना का प्रकोप नहीं देखने को मिल रहा है, उसी तरह आगे भी आशीर्वाद बनाए रखें. इसके साथ ही पूरे विश्व से जल्द से जल्द इस आपदा से छुटकारा दिलाने की प्रार्थना की गई. मान्यता के तहत जगलाल पाहन ने घड़े में रखे पानी को देखकर बताया कि इस बार चारों भंडार कोना जमकर बारिश होगी और खेतों में इस बार हरियाली रहेगी. तमाम किसान खुशहाल नजर आएंगे.
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केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष ने की प्रार्थना
केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा कि झारखंड में प्राकृतिक की पूजा की जाती है. ऐसे में झारखंड में कोरोना महामारी का असर नहीं देखने को मिलेगा. जिस तरह से अब तक झारखंड में एक भी मरीज नहीं पाया गया है, वह आगे भी इसी तरह बना रहे. उन्होंने प्रार्थना करते हुए कहा कि सरना मां हम लोग को बचाए रखें. यही आशीर्वाद पूरे राज्यवासियों के लिए मांगा जा रहा है.