रांची: बहरागोड़ा विधानसभा सीट को लेकर लगातार नेताओं के पाला बदलने का सिलसिला जारी है. बहरागोड़ा के जेएमएम विधायक कुणाल षाड़ंगी ने जहां बीजेपी का दामन थाम लिया है. वहीं अब 14 साल बाद एक बार फिर बहरागोड़ा के सक्रिय नेता समीर महंती ने जेएमएम का दामन थाम लिया है. जेएमएम के कार्यकारिणी बैठक के बाद समीर महंती को जेएमएम के वरीय नेता चंपई सोरेन और कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने पार्टी में स्वागत किया.
2014 में लड़ चुके हैं चुनाव
बता दें कि ये वही समीर महंती हैं जिन्होंने वर्ष 2014 में जेवीएम के टिकट पर बहरागोड़ा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. कुणाल षाड़ंगी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. जेएमएम में शामिल होने से पहले समीर मोहंती ने बहरागोड़ा क्षेत्र में जनता के बीच जनमत संग्रह भी कराया था. फिर जनता के कहने पर ही वह जेएमएम की शरण में दोबारा आए हैं. पार्टी के एथिक्स और जेएमएम की छवि को देखते हुए वो जेएमएम में शामिल हुए हैं.
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42 हजार मत लाकर चौंकाया
इससे पहले वह आजसू और जेवीएम को भी छोड़ चुके हैं, समीर महंती ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत भी जेएमएम से ही की थी. बहरागोड़ा क्षेत्र में उन्होंने जेएमएम को अपने दम पर काफी मजबूत किया था. लेकिन उन्हें पार्टी के ही कुछ नेताओं के कारण पार्टी छोड़नी पड़ी थी. आजसू की टिकट पर भी वह बारहागोड़ा विधानसभा सीट नहीं जीत सके थे. बाद में पार्टी बदलते हुए जेवीएम का दामन थामा और वर्ष 2014 में 42 हजार मत लाकर बहरागोड़ा सीट पर सबको सोचने पर मजबूर कर दिया.
थकने वाले निकल लिए
जेएमएम के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन के आवास पर जेएमएम के वरीय नेता चंपई सोरेन और कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने उन्हें जेएमएम में एक बार फिर स्वागत किया. इस दौरान कुणाल षाड़ंगी के जेएमएम छोड़ने के सवाल पर कहा कि गुरुजी और जेएमएम के साथ कदम से कदम मिला कर चलना उतना आसान नहीं है. जो लोग थक गए वो निकल लिए और जिन्हें साथ चलना है वह उनके साथ हो लिए.