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मॉब लिंचिंग बिल पर सदन में हंगामा, सत्ता पक्ष ने कहा- राजभवन को बीजेपी ने कर लिया है हाइजैक

झारखंड विधानसभा में मॉबलिंचिंग बिल को वापस लौटाए जाने के बाद जमकर हंगामा हुआ है. कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने जहां बीजेपी पर राजभवन को हाईजैक करने का आरोप लगाया वहीं बीजेपी के सीपी सिंह ने सरकार के अधिकारियों की नाकामी को इसके लिए जिम्मेदार बताया है.

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झारखंड विधानसभा
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Published : Mar 21, 2022, 1:19 PM IST

Updated : Mar 21, 2022, 3:56 PM IST

रांची: होली अवकाश के बाद शुरू हुए झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन बीजेपी आक्रामक मूड में नजर आयी. सदन के बाहर और अंदर पार्टी के विधायकों के द्वारा जमकर हंगामा किया गया. राज्यपाल द्वारा झारखंड मॉब वायलेंस एंड मॉब लिंचिंग निवारण विधेयक को वापस करने के बाद बीजेपी विधायकों ने सरकार पर नाकामी का आरोप लगाया है.

ये भी पढ़ें- क्यों विवादों में है झारखंड का मॉब लिंचिंग बिल, जानिए पूरी खबर

सदन में छाया रहा मॉब लिंचिंग बिल: सदन शुरू होते ही भारतीय जनता पार्टी के विधायक सरकार पर जमकर हमला बोलते नजर आए. भाजपा विधायकों ने वेल में आकर हंगामा किया. पूरे हंगामे के दौरान राज्यपाल द्वारा झारखंड मॉब वायलेंस एंड मॉब लिंचिंग निवारण विधेयक 2021' को वापस लौटाये जाने का मुद्दा छाया रहा.

विधायकों के बयान

बीजेपी पर राजभवन को हाईजैक करने का आरोप: बीजेपी विधायकों के हंगामे पर कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने बीजेपी पर राजभवन को हाई जैक करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार के इस कानून से राज्य की जनता को काफी लाभ होता और इसको लेकर जनता में काफी खुशी थी. लेकिन बीजेपी शुरू से ही इसका विरोध कर रही थी. उन्होंने कहा मॉबलिंचिंग को बीजेपी अपना संगठन मान चुकी है. ऐसे में उसका विरोध करना स्वभाविक है.

ये भी पढ़ें- स्थानीय नीति को लेकर आजसू विधायक का प्रदर्शन, सत्तापक्ष के विधायक का मिला साथ

अधिकारियों की गलती से लौटा विधेयक: भाजपा विधायक सीपी सिंह ने सरकार पर निशाना साधते हुए सरकार के अधिकारियों पर निकम्मा होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अधिकारियों की गलती की वजह से बिल को राज्यपाल ने लौटाया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बिल में भीड़ की जो परिभाषा दी गई है उस पर बीजेपी पहले से आपत्ति जता रही थी. इधर विधायक सरयू राय ने राज्यपाल द्वारा मॉब लिंचिंग बिल को लौटाये जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार चाहे तो अध्यादेश ला सकती है.

शीतकालीन सत्र में पास हुआ था बिल: गौरतलब है कि विधानसभा के पिछले शीतकालीन सत्र के दौरान 21 दिसंबर को सदन के पटल पर मॉब लिंचिंग बिल राज्य सरकार की ओर से लाया गया था.इस बिल के प्रावधानों पर विपक्षी दल बीजेपी ने आपत्ति जताते हुए सदन से वाक आउट किया था. इस बिल के विरोध में बीजेपी राज्यपाल से मिलकर इसकी मंजूरी नहीं देने की अपील की थी. राज्यपाल ने इस बिल में मुख्यत: दो बिन्दुओं पर आपत्ति जताई है जिसमें भीड़ की परिभाषा पर पुनर्विचार करने को कहा है. वहीं दो या दो से अधिक लोगों के समूह को अशांत भीड़ नहीं कहे जाने की टिप्पणी की है. इसके अलावा विधेयक के हिंदी संस्करण और अंग्रेजी संस्करण में अंतर को लेकर राज्यपाल ने आपत्ति जताई है.

रांची: होली अवकाश के बाद शुरू हुए झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन बीजेपी आक्रामक मूड में नजर आयी. सदन के बाहर और अंदर पार्टी के विधायकों के द्वारा जमकर हंगामा किया गया. राज्यपाल द्वारा झारखंड मॉब वायलेंस एंड मॉब लिंचिंग निवारण विधेयक को वापस करने के बाद बीजेपी विधायकों ने सरकार पर नाकामी का आरोप लगाया है.

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सदन में छाया रहा मॉब लिंचिंग बिल: सदन शुरू होते ही भारतीय जनता पार्टी के विधायक सरकार पर जमकर हमला बोलते नजर आए. भाजपा विधायकों ने वेल में आकर हंगामा किया. पूरे हंगामे के दौरान राज्यपाल द्वारा झारखंड मॉब वायलेंस एंड मॉब लिंचिंग निवारण विधेयक 2021' को वापस लौटाये जाने का मुद्दा छाया रहा.

विधायकों के बयान

बीजेपी पर राजभवन को हाईजैक करने का आरोप: बीजेपी विधायकों के हंगामे पर कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने बीजेपी पर राजभवन को हाई जैक करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार के इस कानून से राज्य की जनता को काफी लाभ होता और इसको लेकर जनता में काफी खुशी थी. लेकिन बीजेपी शुरू से ही इसका विरोध कर रही थी. उन्होंने कहा मॉबलिंचिंग को बीजेपी अपना संगठन मान चुकी है. ऐसे में उसका विरोध करना स्वभाविक है.

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अधिकारियों की गलती से लौटा विधेयक: भाजपा विधायक सीपी सिंह ने सरकार पर निशाना साधते हुए सरकार के अधिकारियों पर निकम्मा होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अधिकारियों की गलती की वजह से बिल को राज्यपाल ने लौटाया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बिल में भीड़ की जो परिभाषा दी गई है उस पर बीजेपी पहले से आपत्ति जता रही थी. इधर विधायक सरयू राय ने राज्यपाल द्वारा मॉब लिंचिंग बिल को लौटाये जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार चाहे तो अध्यादेश ला सकती है.

शीतकालीन सत्र में पास हुआ था बिल: गौरतलब है कि विधानसभा के पिछले शीतकालीन सत्र के दौरान 21 दिसंबर को सदन के पटल पर मॉब लिंचिंग बिल राज्य सरकार की ओर से लाया गया था.इस बिल के प्रावधानों पर विपक्षी दल बीजेपी ने आपत्ति जताते हुए सदन से वाक आउट किया था. इस बिल के विरोध में बीजेपी राज्यपाल से मिलकर इसकी मंजूरी नहीं देने की अपील की थी. राज्यपाल ने इस बिल में मुख्यत: दो बिन्दुओं पर आपत्ति जताई है जिसमें भीड़ की परिभाषा पर पुनर्विचार करने को कहा है. वहीं दो या दो से अधिक लोगों के समूह को अशांत भीड़ नहीं कहे जाने की टिप्पणी की है. इसके अलावा विधेयक के हिंदी संस्करण और अंग्रेजी संस्करण में अंतर को लेकर राज्यपाल ने आपत्ति जताई है.

Last Updated : Mar 21, 2022, 3:56 PM IST
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