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आरयू के कर्मचारियों ने की स्थायीकरण की मांग, वीसी रमेश कुमार पांडे से है उम्मीद

रांची विश्वविद्यालय के 78 कर्मचारियों ने स्थायीकरण की मांग को लेकर आंदोलन करने की रणनीति बना रहे हैं. आरयू में सालों से काम कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि नौकरी तो उन्हें मिल जाती है, लेकिन स्थायीकरण नहीं होने के कारण वो हमेशा परेशान रहते है. वहीं उनका कहना है कि उन्हें वीसी से स्थायीकरण होने की उम्मीद भी है.

RU employees demand Permanent job in ranchi
कर्मचारियों ने की स्थायीकरण की मांग
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Published : Jun 28, 2020, 2:03 PM IST

रांचीः आरयू के 78 कर्मचारी जो कि अनुबंध पर कार्यरत है. अब इन्होंने भी स्थायीकरण की मांग को लेकर आंदोलन की रणनीति बनाने की बात कही है. दरअसल अरसे से अपनी इस मांग को लेकर यह कर्मचारी विश्वविद्यालय प्रबंधन के साथ-साथ सरकार को भी अवगत कराया है, लेकिन अब तक उनकी इस मांग की और किसी ने भी ध्यान नहीं दिया है. जिसके बाद तमाम कर्मचारी अब गोलबंद होने लगे हैं.

देखें पूरी खबर
कॉन्ट्रैक्ट में काम करने वाले यानी कि अनुबंध कर्मियों की अपनी अलग ही पीड़ा होती है. नौकरी तो मिल जाती है, लेकिन नौकरी स्थायी कब होगा या फिर स्थायी होगी भी या नहीं इसे लेकर वह हमेशा ही परेशान रहते हैं. मानदेय के नाम पर भी उन्हें ज्यादा राशि नहीं दी जाती है, लेकिन काम नियमित कर्मचारियों से भी ज्यादा ऐसे अनुबंध कर्मचारी करते हैं. दरअसल, रांची विश्वविद्यालय के मुख्यालय में 78 ऐसे अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारी हैं. जो 6 से 12 वर्षों से लगातार रांची विश्वविद्यालय में ही कार्यरत है. झारखंड का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है रांची विश्वविद्यालय. रांची विश्वविद्यालय में थर्ड और फोर्थ ग्रेड में 78 कर्मी अनुबंध पर काम कर रहे हैं. रांची विश्वविद्यालय के मुख्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर का काम करने वाले ऐसे कई कर्मचारी हैं जो 10 वर्षों से लगातार काम कर रहे हैं. इनके मन में भी बार-बार ये बातें आती हैं कि उन्हें स्थायी कब किया जाएगा. उनका मानदेय में बढ़ोतरी कैसे हो पाएगी.

ये भी पढ़ें- रांचीः जगन्नाथ अस्पताल में मरीज और डॉक्टर के बीच हुई झड़प, पीपीई किट को लेकर मचा बवाल


नियम संगत हुई है बहाली, स्थायीकरन का मिला था अश्वासन
रांची विश्वविद्यालय में अनुबंध कर्मियों की बहाली पूरे नियम के साथ हुई है. एक लंबा वक्त इन कर्मियों ने विश्वविद्यालय को दिया है. रांची विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ से जुड़े कर्मचारी भी विश्वविद्यालय प्रशासन से इन कर्मचारियों को नियमित करने के अलावा मानदेय वृद्धि करने की मांग लगातार कर रहे हैं, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ-साथ राज्य सरकार ने भी अब तक इस मामले की ओर गौर नहीं किया है. समय के साथ-साथ महंगाई भी बढ़ रही है. ऐसे में मानदेय में भी बढ़ोतरी होने की जरूरत है. यह कर्मचारी नियमित कर्मचारियों से भी बेहतर काम निष्पादित करते हैं. इसके साथ ही समय भी अधिक देते हैं. फिर भी मानदेय के नाम पर इनको वह सुविधा नहीं मिलती है, जो सुविधा अन्य कर्मचारियों को मिलती है. इस दोहरी नीति के खिलाफ कर्मचारी संघ ने भी आंदोलन करने की बात कही है. कहा गया है कि प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के कारण अनुबंध कर्मियों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. अनुबंध कर्मी यह भी कहते हैं कि विश्वविद्यालय प्रबंधन पर उन्हें भरोसा है. उन्होंने कहा कि वीसी रमेश कुमार पांडे के रहते हुए उनका स्थायीकरण हो जाएगा.

इस पूरे मामले को लेकर जब रजिस्ट्रार अमर कुमार चौधरी से बातचीत की गई तब उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों पर सरकार के साथ भी विचार विमर्श किया जाता है तब जाकर फैसला लिया जाता है. नियम संगत कर्मचारियों को अनुबंध पर रखा गया है और इनकी और विश्वविद्यालय प्रशासन का ध्यान है आने वाले समय में एक योजना बनाकर इनके लिए कुछ बेहतर करने की कोशिश जरूर की जाएगी.

रांचीः आरयू के 78 कर्मचारी जो कि अनुबंध पर कार्यरत है. अब इन्होंने भी स्थायीकरण की मांग को लेकर आंदोलन की रणनीति बनाने की बात कही है. दरअसल अरसे से अपनी इस मांग को लेकर यह कर्मचारी विश्वविद्यालय प्रबंधन के साथ-साथ सरकार को भी अवगत कराया है, लेकिन अब तक उनकी इस मांग की और किसी ने भी ध्यान नहीं दिया है. जिसके बाद तमाम कर्मचारी अब गोलबंद होने लगे हैं.

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कॉन्ट्रैक्ट में काम करने वाले यानी कि अनुबंध कर्मियों की अपनी अलग ही पीड़ा होती है. नौकरी तो मिल जाती है, लेकिन नौकरी स्थायी कब होगा या फिर स्थायी होगी भी या नहीं इसे लेकर वह हमेशा ही परेशान रहते हैं. मानदेय के नाम पर भी उन्हें ज्यादा राशि नहीं दी जाती है, लेकिन काम नियमित कर्मचारियों से भी ज्यादा ऐसे अनुबंध कर्मचारी करते हैं. दरअसल, रांची विश्वविद्यालय के मुख्यालय में 78 ऐसे अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारी हैं. जो 6 से 12 वर्षों से लगातार रांची विश्वविद्यालय में ही कार्यरत है. झारखंड का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है रांची विश्वविद्यालय. रांची विश्वविद्यालय में थर्ड और फोर्थ ग्रेड में 78 कर्मी अनुबंध पर काम कर रहे हैं. रांची विश्वविद्यालय के मुख्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर का काम करने वाले ऐसे कई कर्मचारी हैं जो 10 वर्षों से लगातार काम कर रहे हैं. इनके मन में भी बार-बार ये बातें आती हैं कि उन्हें स्थायी कब किया जाएगा. उनका मानदेय में बढ़ोतरी कैसे हो पाएगी.

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नियम संगत हुई है बहाली, स्थायीकरन का मिला था अश्वासन
रांची विश्वविद्यालय में अनुबंध कर्मियों की बहाली पूरे नियम के साथ हुई है. एक लंबा वक्त इन कर्मियों ने विश्वविद्यालय को दिया है. रांची विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ से जुड़े कर्मचारी भी विश्वविद्यालय प्रशासन से इन कर्मचारियों को नियमित करने के अलावा मानदेय वृद्धि करने की मांग लगातार कर रहे हैं, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ-साथ राज्य सरकार ने भी अब तक इस मामले की ओर गौर नहीं किया है. समय के साथ-साथ महंगाई भी बढ़ रही है. ऐसे में मानदेय में भी बढ़ोतरी होने की जरूरत है. यह कर्मचारी नियमित कर्मचारियों से भी बेहतर काम निष्पादित करते हैं. इसके साथ ही समय भी अधिक देते हैं. फिर भी मानदेय के नाम पर इनको वह सुविधा नहीं मिलती है, जो सुविधा अन्य कर्मचारियों को मिलती है. इस दोहरी नीति के खिलाफ कर्मचारी संघ ने भी आंदोलन करने की बात कही है. कहा गया है कि प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के कारण अनुबंध कर्मियों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. अनुबंध कर्मी यह भी कहते हैं कि विश्वविद्यालय प्रबंधन पर उन्हें भरोसा है. उन्होंने कहा कि वीसी रमेश कुमार पांडे के रहते हुए उनका स्थायीकरण हो जाएगा.

इस पूरे मामले को लेकर जब रजिस्ट्रार अमर कुमार चौधरी से बातचीत की गई तब उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों पर सरकार के साथ भी विचार विमर्श किया जाता है तब जाकर फैसला लिया जाता है. नियम संगत कर्मचारियों को अनुबंध पर रखा गया है और इनकी और विश्वविद्यालय प्रशासन का ध्यान है आने वाले समय में एक योजना बनाकर इनके लिए कुछ बेहतर करने की कोशिश जरूर की जाएगी.

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