रांचीः आरयू के 78 कर्मचारी जो कि अनुबंध पर कार्यरत है. अब इन्होंने भी स्थायीकरण की मांग को लेकर आंदोलन की रणनीति बनाने की बात कही है. दरअसल अरसे से अपनी इस मांग को लेकर यह कर्मचारी विश्वविद्यालय प्रबंधन के साथ-साथ सरकार को भी अवगत कराया है, लेकिन अब तक उनकी इस मांग की और किसी ने भी ध्यान नहीं दिया है. जिसके बाद तमाम कर्मचारी अब गोलबंद होने लगे हैं.
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नियम संगत हुई है बहाली, स्थायीकरन का मिला था अश्वासन
रांची विश्वविद्यालय में अनुबंध कर्मियों की बहाली पूरे नियम के साथ हुई है. एक लंबा वक्त इन कर्मियों ने विश्वविद्यालय को दिया है. रांची विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ से जुड़े कर्मचारी भी विश्वविद्यालय प्रशासन से इन कर्मचारियों को नियमित करने के अलावा मानदेय वृद्धि करने की मांग लगातार कर रहे हैं, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ-साथ राज्य सरकार ने भी अब तक इस मामले की ओर गौर नहीं किया है. समय के साथ-साथ महंगाई भी बढ़ रही है. ऐसे में मानदेय में भी बढ़ोतरी होने की जरूरत है. यह कर्मचारी नियमित कर्मचारियों से भी बेहतर काम निष्पादित करते हैं. इसके साथ ही समय भी अधिक देते हैं. फिर भी मानदेय के नाम पर इनको वह सुविधा नहीं मिलती है, जो सुविधा अन्य कर्मचारियों को मिलती है. इस दोहरी नीति के खिलाफ कर्मचारी संघ ने भी आंदोलन करने की बात कही है. कहा गया है कि प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के कारण अनुबंध कर्मियों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. अनुबंध कर्मी यह भी कहते हैं कि विश्वविद्यालय प्रबंधन पर उन्हें भरोसा है. उन्होंने कहा कि वीसी रमेश कुमार पांडे के रहते हुए उनका स्थायीकरण हो जाएगा.
इस पूरे मामले को लेकर जब रजिस्ट्रार अमर कुमार चौधरी से बातचीत की गई तब उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों पर सरकार के साथ भी विचार विमर्श किया जाता है तब जाकर फैसला लिया जाता है. नियम संगत कर्मचारियों को अनुबंध पर रखा गया है और इनकी और विश्वविद्यालय प्रशासन का ध्यान है आने वाले समय में एक योजना बनाकर इनके लिए कुछ बेहतर करने की कोशिश जरूर की जाएगी.