रांचीः ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में भारत निर्वाचन आयोग की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायिकी को लेकर क्या अनुशंसा है यह अभी कयासों के घेरे में ही है तो दूसरी ओर राज्य की राजनीति गरमाई हुई है. UPA यानि महागठबंधन दलों के 31 विधायक जहां राज्य से बाहर रायपुर में हैं तो इधर आज शाम हेमंत सोरेन की सरकार ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है. इन राजनीतिक हलचलों के बीच UPA प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात के लिए राज्यपाल से समय मांगा है. झामुमो के अनुसार सत्ताधारी सहयोगी दलों के 11 प्रतिनिधिमंडल शाम 04 बजे राज्यपाल से मुलाकात करेगा और उनसे आग्रह करेंगे कि ECI यानि भारत निर्वाचन आयोग से आई चिट्ठी में क्या है उसे वह सार्वजनिक करें क्योंकि राजनीतिक अस्थिरता और उहापोह की स्थिति से निकलना जरूरी है.
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राष्ट्रीय जनता दल झारखंड के कार्यकारी अध्यक्ष संजय सिंह यादव (Jharkhand RJD Working President) ने संवाददाता सम्मेलन कर राज्यपाल रमेश बैस से राजनीतिक अनिश्चितता को दूर करें. संजय सिंह यादव ने कहा कि कई दिनों से राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है. ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में भारत निर्वाचन आयोग की अनुशंसा के पत्र में क्या है, यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है. ऐसे में अब राज्यपाल को देर नहीं करना चाहिए और तत्काल यह सार्वजनिक करना चाहिए कि निर्वाचन आयोग से राज्यपाल को आए पत्र में क्या है.
विपक्षी दल भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सरोज सिंह ने कहा कि राज्यपाल से मिलने का उनको अधिकार है परंतु यह एक सच्चाई है कि सभी मोर्चा पर फेल होने पर हेमंत सरकार के नेता, मंत्री बेवजह भाजपा पर सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाते हैं. सरोज सिंह ने कहा कि जब विधायकों का दवाब मुख्यमंत्री पर पड़ता है तो वह भाजपा पर आरोप लगाने लगते हैं. उन्होंने कहा कि विपक्षी दल होने के नाते राज्य के तमाम राजनीतिक घटनाक्रम पर भाजपा की नजर रहती है.