रांची: झारखंड के सत्ताधारी दलों के भीतर खींचतान अब सामने आने लगी है. मंत्री रामेश्वर उरांव के एक बयान से राजद खेमा भड़का हुआ है. दरअसल, 18 अक्टूबर को मनिका में एक कार्यक्रम के दौरान मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा था कि झारखंड में राजद का कोई जनाधार नहीं है. अब राजद ने इसपर तीखी प्रतिक्रिया दी है.
खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव ने राजद के बारे में कहा था कि उनका कोई जनाधार नहीं है और उनके सैकड़ों कार्यकर्ता कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. रामेश्वर उरांव के इस बयान पर राजद नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें खुली चुनौती दे दी है. राजद के प्रदेश अध्यक्ष अभय सिंह और युवा प्रदेश अध्यक्ष रंजन कुमार यादव ने कहा कि अगर रामेश्वर उरांव को राजद का जनाधार देखना है तो 2024 का इंतजार करने की बजाए आज इस्तीफा देकर लोहरदगा के मैदान में उतरें. उनको औकात पता चल जाएगा. यही नहीं राजद नेताओं ने कहा कि जरमुंडी में कांग्रेस के बादल पत्रलेख की जीत के पीछे राजद का हाथ था.
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अभय कुमार ने कहा कि अगर राजद ने साथ नहीं दिया होता तो आज न बादल पत्रलेख मंत्री बनते और ना रामेश्वर उरांव. राजद प्रदेश अध्यक्ष अभय कुमार ने खुलकर कहा कि मधुपर में झामुमो के हफीजुल हसन की जीत सिर्फ और सिर्फ तेजस्वी यादव की वजह से हुई है. अगर राजद ने साथ नहीं दिया होता तो मधुपुर में झामुमो की हार तय थी.
राजद नेताओं ने कहा कि 2019 में हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में कई सीटों पर राजद के प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे हैं. इस बात को कांग्रेस को समझना चाहिए. अभय सिंह ने कहा कि पिछले दिनों तेजस्वी यादव का रांची का कार्यक्रम हुआ था. उस कार्यक्रम में उमड़ी भीड़ के देखकर सभी तिलमिलाए हुए हैं. उन्होंने रामेश्वर उरांव को सुझाव दिया कि कांग्रेस के इतने बड़े नेता से राजद के खिलाफ इस तरह के बयान की उम्मीद नहीं की जाती है.