रांची: झारखंड में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बीच रांची सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन कर RAT की रिपोर्ट पर सवाल खड़ा किया था. उन्होंने कहा था कि रैपिड एंटीजेन टेस्ट किट के रिजल्ट सही नहीं हैं और इसकी जांच विभाग को करानी चाहिए.
इसे भी पढे़ं: कोरोना को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट, एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश
रांची के सिविल सर्जन ने 22 और 23 अक्टूबर को RAT टेस्ट में मिले सभी कोविड पॉजिटिव मरीजों की RT-PCR टेस्ट में रिपोर्ट नेगेटिव आने की जानकारी मीडिया को दी. उसके बाद से स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई. मंगलवार को ACS हेल्थ अरुण कुमार सिंह ने विशेष बैठक कर RAT के द्वारा मिल रही रिपोर्ट पर सिविल सर्जन के उठाए गए सवालों पर विशेषज्ञों की राय ली. उसके बाद यह निर्देश दिया कि रांची सिविल सर्जन 15 रैपिड एंटीजेन टेस्ट किट रिम्स भेजें, ताकि उसकी गुणवत्ता जांच की जा सके.
ACS के आदेश के बाद स्वास्थ्य मुख्यालय से आदेश जारी
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अरुण कुमार सिंह ने अब RAT किट की गुणवत्ता और उसके रिजल्ट की जांच की जिम्मेवारी रिम्स के माइक्रो बॉयोलॉजी विभाग को सौंपने के आदेश दिए हैं. पिछले दिनों हटिया रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पर RAT टेस्ट में बड़ी संख्या में यात्री पॉजिटिव मिले थे. सभी पॉजिटिव मरीजों की RT- PCR टेस्ट में रिपोर्ट निगेटिव आई है. उसके बाद अपर मुख्य सचिव ने RAT किट की जांच रिम्स के माइक्रो बायोलॉजी विभाग से कराने का फैसला लिया है.
इसे भी पढे़ं: अमेरिकन मेडिकल जर्नल में छपी रिम्स की रिसर्च रिपोर्ट, कोरोना मरीजों पर स्टेरॉयड डेक्सामेथासोन की मात्रा पर हुआ था शोध
क्या कहते हैं IDSP के नोडल अधिकारी
IDSP झारखंड के नोडल अधिकारी डॉ प्रवीण कर्ण ने बताया कि रांची सिविल सर्जन को यह आदेश दे दिया गया है कि वह RAT किट को जांच के लिए रिम्स भेज दें. बुधवार को रेलवे स्टेशन पर मिले RAT पॉजिटिव मरीजों का सैंपल कंफर्मेशन के लिए RT-PCR टेस्ट के लिए JITM की जगह रिम्स भेजा गया है. अब तक एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर कलेक्ट किए जा रहे सैम्पल की जांच PPP मोड में काम कर रही निजी एजेंसी JITM को भेजा जाता रहा है.