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रांचीः जमानत मिलने के बाद भी क्यों खुश नहीं है ऋचा भारती, जानें पूरा मामला

सोशल साइट पर धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में पिठोरिया की ऋचा का मामला गरमाता ही जा रहा है. इस मामले में ऋचा ने कोर्ट का आदेश मानने से इन्कार कर दिया है. उसने कहा कि वो इस मामले को लेकर हाई कोर्ट में जाएगी. वहीं इसमें ऋचा को अब राजनीतिक सपोर्ट भी मिल रहा है.

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Published : Jul 16, 2019, 10:44 PM IST

रांची: सोशल साइट पर धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में पिठोरिया की ऋचा को जमानत मिल गई है. उसे पांच कुरान बांटने की शर्त पर जमानत मिली है. ऋचा भारती ने निचली अदालत के आदेश को मानने से इन्कार कर दिया है. ऊपरी अदालत में जाने की बात कही है.

देखें वीडियो


बता दें कि सोशल साइट पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर 12 जुलाई को सदर अंजुमन कमेटी, पिठोरिया द्वारा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. शिकायतकर्ता की ओर से कहा गया कि पिछले तीन दिनों से ऋचा फेसबुक साइट पर धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर रही है. इसे प्रचारित कर रही है. इससे क्षेत्र में कभी भी धार्मिक भावना भड़क सकती है. प्राथमिकी दर्ज होने के तीन घंटे के भीतर ऋचा भारती को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. जिसके विरोध में लोगों ने पिठोरिया बंद भी बुलाया था.


सोमवार को कोर्ट ने दी जमानत
सोमवार को न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की अदालत में इस पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने ऋचा को सशर्त जमानत दी. जज ने कहा, आरोपित को 15 दिनों के अंदर पांच कुरान बांटने होंगे. अगर इसकी अवहेलना की गई तो जमानत रद्द हो सकती है. सात हजार के दो निजी बांड जमा करने के बाद सोमवार को ऋचा जेल से बाहर आ गई.


शैक्षणिक संस्थानों में बांटनी थी कुरान की प्रति
आदेश के मुताबिक कुरान की एक प्रति शिकायतकर्ता सदर अंजुमन कमेटी, पिठोरिया एवं अन्य चार प्रति रांची के सरकारी विश्वविद्यालय या कॉलेज या स्कूलों में बांटनी होगी. कुरान की प्रति बांटने के दौरान रांची पुलिस को उचित सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया गया है.

जानकारी देते अधिवक्ता


परिवार ने जताई आपत्ति
जेल से बाहर आने के बाद ऋचा के परिवार वालों की खुशी देखते ही बनी. ऋचा ने मंदिर में जाकर पूजा भी की लेकिन शर्त पर आपत्ति जताई. इस फैसले के खिलाफ ऋचा के परिवार वाले ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे. जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद ऋचा पटेल उर्फ ऋचा भारती ने मंदिर में जाकर प्रार्थना की और लोगों के बीच प्रसाद बांटा. ऋचा भारती ने अदालत के फैसले पर कहा कि मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है, लेकिन यह फैसला थोड़ा अटपटा है. उन्होंने कहा कि फेसबुक पर उन्होंने कुछ गलत पोस्ट नहीं किया है.

जानकारी देती ऋचा


मामले पर शुरू हुई राजनीति
इस मामले में अब राजनीति शुरू हो गई है. ऋचा के घर प्रदेश भाजपा के लीगल सेल के कन्वेनर विनोद कुमार साहू पहुंचे और मामले पर बाचतीच की. अधिवक्ता विनोद कुमार साहू ने कहा कि हालांकि अभी तक उनके पास कोर्ट के आदेश की कॉपी नहीं मिली है, लेकिन अगर आदेश में ऐसी कोई बात है तो वो इसे बदलने के लिए अपील दायर करेंगे. वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि ऋचा की ओर से जिस तरीके का कमेंट फेसबुक पर किया गया है, वो इतना गंभीर मामला नहीं था कि प्राथमिकी दर्ज होने के 2 घंटे के भीतर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.

जानकारी देते बीजेपी के नेता


प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव कोर्ट की इस शर्त पर पहले ही आश्चर्य जता चुके हैं. वहीं, इस मामले पर मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि वो कोर्ट का सम्मान करते हैं, लेकिन कोर्ट के इस फैसले से लोग आहत महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है और सभी का कर्तव्य है कि सभी धर्म को सम्मान दें. उन्होंने यह भी कहा कि अगर बच्ची को सीख देनी थी तो बेहतर होता कि उस बच्ची को सिर्फ कुरान की 5 कॉपियां बांटने के बजाय अन्य धर्मों के ग्रंथों की भी कॉपियां बांटने को कहा जाता.

रांची: सोशल साइट पर धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में पिठोरिया की ऋचा को जमानत मिल गई है. उसे पांच कुरान बांटने की शर्त पर जमानत मिली है. ऋचा भारती ने निचली अदालत के आदेश को मानने से इन्कार कर दिया है. ऊपरी अदालत में जाने की बात कही है.

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बता दें कि सोशल साइट पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर 12 जुलाई को सदर अंजुमन कमेटी, पिठोरिया द्वारा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. शिकायतकर्ता की ओर से कहा गया कि पिछले तीन दिनों से ऋचा फेसबुक साइट पर धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर रही है. इसे प्रचारित कर रही है. इससे क्षेत्र में कभी भी धार्मिक भावना भड़क सकती है. प्राथमिकी दर्ज होने के तीन घंटे के भीतर ऋचा भारती को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. जिसके विरोध में लोगों ने पिठोरिया बंद भी बुलाया था.


सोमवार को कोर्ट ने दी जमानत
सोमवार को न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की अदालत में इस पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने ऋचा को सशर्त जमानत दी. जज ने कहा, आरोपित को 15 दिनों के अंदर पांच कुरान बांटने होंगे. अगर इसकी अवहेलना की गई तो जमानत रद्द हो सकती है. सात हजार के दो निजी बांड जमा करने के बाद सोमवार को ऋचा जेल से बाहर आ गई.


शैक्षणिक संस्थानों में बांटनी थी कुरान की प्रति
आदेश के मुताबिक कुरान की एक प्रति शिकायतकर्ता सदर अंजुमन कमेटी, पिठोरिया एवं अन्य चार प्रति रांची के सरकारी विश्वविद्यालय या कॉलेज या स्कूलों में बांटनी होगी. कुरान की प्रति बांटने के दौरान रांची पुलिस को उचित सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया गया है.

जानकारी देते अधिवक्ता


परिवार ने जताई आपत्ति
जेल से बाहर आने के बाद ऋचा के परिवार वालों की खुशी देखते ही बनी. ऋचा ने मंदिर में जाकर पूजा भी की लेकिन शर्त पर आपत्ति जताई. इस फैसले के खिलाफ ऋचा के परिवार वाले ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे. जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद ऋचा पटेल उर्फ ऋचा भारती ने मंदिर में जाकर प्रार्थना की और लोगों के बीच प्रसाद बांटा. ऋचा भारती ने अदालत के फैसले पर कहा कि मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है, लेकिन यह फैसला थोड़ा अटपटा है. उन्होंने कहा कि फेसबुक पर उन्होंने कुछ गलत पोस्ट नहीं किया है.

जानकारी देती ऋचा


मामले पर शुरू हुई राजनीति
इस मामले में अब राजनीति शुरू हो गई है. ऋचा के घर प्रदेश भाजपा के लीगल सेल के कन्वेनर विनोद कुमार साहू पहुंचे और मामले पर बाचतीच की. अधिवक्ता विनोद कुमार साहू ने कहा कि हालांकि अभी तक उनके पास कोर्ट के आदेश की कॉपी नहीं मिली है, लेकिन अगर आदेश में ऐसी कोई बात है तो वो इसे बदलने के लिए अपील दायर करेंगे. वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि ऋचा की ओर से जिस तरीके का कमेंट फेसबुक पर किया गया है, वो इतना गंभीर मामला नहीं था कि प्राथमिकी दर्ज होने के 2 घंटे के भीतर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.

जानकारी देते बीजेपी के नेता


प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव कोर्ट की इस शर्त पर पहले ही आश्चर्य जता चुके हैं. वहीं, इस मामले पर मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि वो कोर्ट का सम्मान करते हैं, लेकिन कोर्ट के इस फैसले से लोग आहत महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है और सभी का कर्तव्य है कि सभी धर्म को सम्मान दें. उन्होंने यह भी कहा कि अगर बच्ची को सीख देनी थी तो बेहतर होता कि उस बच्ची को सिर्फ कुरान की 5 कॉपियां बांटने के बजाय अन्य धर्मों के ग्रंथों की भी कॉपियां बांटने को कहा जाता.

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