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निर्भया के दोषियों को फांसी पर रांची के युवाओं की प्रतिक्रिया, कहा- कानून व्यवस्था ने काफी देर कर दी - निर्भया

सात साल के संघर्ष के बाद आखिरकार निर्भया की मां की अर्जी पर आज मुहर लग गई, निर्भया को इंसाफ मिला और उसके दोषियों को फांसी. इस खबर से पूरा देश खुशियां मना रहा है, वहीं रांची के युवाओं ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

Response of youth on hanging Nirbhaya convicts in ranchi
युवाओं की प्रतिक्रिया
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Published : Mar 20, 2020, 8:23 AM IST

रांचीः लगभग सात साल तक चले केस में तमाम कानूनी दांवपेच के बाद आखिरकार निर्भया के गुनहगारों को फांसी के फंदे पर लटका दिया गया. 20 मार्च 2020 सुबह 5:30 बजे मासूम निर्भया को इंसाफ मिल गया जब उसके चारो गुनाहगारों को फांसी दे दी गई. हालांकि गुनहगारों ने फांसी के फंदे से बचने के कई कानूनी दांवपेच अपनाए.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-तिहाड़ में फांसी के बाद निर्भया को इंसाफ, मां ने सरकार और न्यायपालिका का आभार जताया

16 दिसंबर 2012, जब चार दरिंदों ने निर्भया के साथ पहले दुष्कर्म किया फिर उसे बेरहमी से उसकी हत्या कर दी. जिसके बाद निर्भया की मां ने अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए लगातार संघर्ष किया और आखिरकार उनके संघर्ष का सिलसिला शुक्रवार की सुबह थम गया, उनकी बेटी के गुनहगारों को उनके किए की सजा मिल गई. गौरतलब है कि फांसी के फंदे से बचने के लिए आरोपी मुकेश सिंह, पवन, विनोद शर्मा और अक्षय ने कई अर्जियां दी थी.

वहीं, रांची में गुनहगारों को फांसी मिलने पर युवा वर्ग काफी खुश हैं. उनकी मानें तो उन दरिंदों को पहले ही फांसी के फंदे पर लटका देना चाहिए था. उन्होंने कहा कि दोषियों को सजा देने में भारतीय कानून व्यवस्था ने काफी देर कर दी. उन्होंने कहा जब इस मामले में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था उसी समय इन दरिंदों को फांसी के फंदे पर झूला देना चाहिए था.

रांचीः लगभग सात साल तक चले केस में तमाम कानूनी दांवपेच के बाद आखिरकार निर्भया के गुनहगारों को फांसी के फंदे पर लटका दिया गया. 20 मार्च 2020 सुबह 5:30 बजे मासूम निर्भया को इंसाफ मिल गया जब उसके चारो गुनाहगारों को फांसी दे दी गई. हालांकि गुनहगारों ने फांसी के फंदे से बचने के कई कानूनी दांवपेच अपनाए.

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16 दिसंबर 2012, जब चार दरिंदों ने निर्भया के साथ पहले दुष्कर्म किया फिर उसे बेरहमी से उसकी हत्या कर दी. जिसके बाद निर्भया की मां ने अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए लगातार संघर्ष किया और आखिरकार उनके संघर्ष का सिलसिला शुक्रवार की सुबह थम गया, उनकी बेटी के गुनहगारों को उनके किए की सजा मिल गई. गौरतलब है कि फांसी के फंदे से बचने के लिए आरोपी मुकेश सिंह, पवन, विनोद शर्मा और अक्षय ने कई अर्जियां दी थी.

वहीं, रांची में गुनहगारों को फांसी मिलने पर युवा वर्ग काफी खुश हैं. उनकी मानें तो उन दरिंदों को पहले ही फांसी के फंदे पर लटका देना चाहिए था. उन्होंने कहा कि दोषियों को सजा देने में भारतीय कानून व्यवस्था ने काफी देर कर दी. उन्होंने कहा जब इस मामले में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था उसी समय इन दरिंदों को फांसी के फंदे पर झूला देना चाहिए था.

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