रांची: जम्मू-कश्मीर को लेकर एतिहासिक फैसला आया. गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कश्मीर से धारा-370 को हटाने की सिफारिश की है. बता दें कि धारा 370 के खंड (1) के अलावा सारे प्रावधानों को हटा दिया गया है. जम्मू, कश्मीर और लद्दाख को अलग कर दिया गया. राज्यसभा में इस घोषणा के साथ ही झारखंड के विपक्षी खेमें में खलबली मच गई है. कॉग्रेस, जेएमएम से लेकर झारखंड की तमाम पार्टियों ने बीजेपी को निशाना बनाना शुरु कर दिया है.
संविधान के साथ हमेशा छेड़छाड़ करती है बीजेपी, झारखंड से CNT/SPT एक्ट भी हटाने का सता रहा है डर : कांग्रेस
इस बाबत प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर ने कहा कि बीजेपी हमेशा से संविधान के साथ छेड़छाड़ करती आई है. जो इस बार भी किया गया है. उन्होंने कहा कि झारखंड के परिपेक्ष में डर इस बात की है कि अगर सरकार 2019 में जनता को गुमराह करके समर्थन ले लेती है, तो इस बात की चिंता है कि साजिश के तहत आने वाले समय में राज्य और केंद्र सरकार CNT/SPT एक्ट को खत्म करने में सफल हो जाएगी. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस पार्टी झारखंड की जनता को इसके लिए जागरूक करेगी ताकि राज्य से सीएनटी एसपीटी एक्ट को खत्म करने में सरकार विफल रहे.
370 हटाने का तरीका गलत: हेमंत सोरेन
वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार के तरीकों पर बीजेपी को आड़े हाथों लिया है. सोरेन ने सोमवार को कहा कि जिस तरह से केंद्र सरकार ने इस धारा में परिवर्तन कराने की कोशिश की है वह निंदनीय है. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से जम्मू और कश्मीर में नेताओं को नजरबंद किया गया, वह अलोकतांत्रिक तरीका है.
श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान हुआ सार्थक: प्रतुल शाहदेव
जम्मू कश्मीर से 370 धारा हटाए जाने और लद्दाख को अलग केंद्रशासित प्रदेश बनाए जाने के फैसले को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं में खुशी की लहर देखने को मिल रही है. झारखंड प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि आज केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लिया है. इससे जम्मू, कश्मीर और लद्दाख तीनों क्षेत्रों में विकास का मार्ग खुलेगा. आज का दिन देश की एकता अखंडता और संप्रभुता का दिन है. साथ ही उन्होंने कहा कि जनसंघ संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कश्मीर मुद्दों पर अपना बलिदान दिया था. आज उनके द्वारा देखा गया सपना सच हुआ है. केंद्र सरकार के इस निर्णय से 125 करोड़ देशवासियों का सर गर्व से उठ गया है.