रांची: कोरोना संक्रमण के दौर में अनलॉक की प्रक्रिया जारी है. झारखंड के आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से 1 अक्टूबर को इस बाबत आदेश जारी किया गया था कि कंटेनमेंट जोन के बाहर सभी धार्मिक स्थल 8 अक्टूबर से खोले जा सकेंगे. जाहिर सी बात है कि जब मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च के दरवाजे आम श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे तो वहां भीड़ जमा होगी. ऐसी स्थिति में कोरोना संक्रमण का खतरा होगा. इसे ध्यान में रखते हुए सभी धार्मिक स्थलों के लिए 32 बिंदुओं पर आधारित गाइडलाइन जारी किया गया है.
धार्मिक स्थलों से जुड़ा गाइडलाइन
- किसी भी धार्मिक स्थल में बिना मास्क के एंट्री नहीं होगी.
- धार्मिक स्थल के धर्म गुरुओं को भी मास्क पहनना होगा.
- धार्मिक स्थल पर मूर्ति, पवित्र पुस्तक और घंटी के स्पर्श पर रोक रहेगी.
- भीड़ लगाकर किसी भी तरह का भजन कीर्तन कार्यक्रम नहीं किया जाएगा.
- धार्मिक स्थलों में प्रसाद वितरण पर पूरी तरह रोक रहेगी.
- सार्वजनिक मैट पर इबादत नहीं की जाएगी. सभी लोग इबादत के दौरान अपना मैट खुद लेकर आएंगे और ले जाएंगे.
- धर्म गुरु और श्रद्धालु किसी भी हाल में एक-दूसरे को स्पर्श नहीं करेंगे.
- सिर्फ कंटेनमेंट जोन के बाहर स्थित धार्मिक स्थल खोले जा सकेंगे.
- धार्मिक स्थल पर दो लोगों के बीच कम से कम 6 फीट की दूरी सुनिश्चित करानी होगी. अधिकतम 50 लोग ही एक धार्मिक स्थल में जा सकेंगे.
- धार्मिक स्थल क्षेत्र के आसपास भीड़ नहीं होनी चाहिए.
- धार्मिक स्थल के बाहर भी भीड़ नहीं जुटनी चाहिए.
- धार्मिक स्थलों के प्रबंधक को दो लोगों के बीच 6 फीट की दूरी सुनिश्चित कराने के लिए मार्किंग व्यवस्था करनी होगी.
- श्रद्धालुओं के बैठने के दौरान भी 6 फीट की दूरी सुनिश्चित करानी होगी.
- किसी धार्मिक स्थल पर तय संख्या से ज्यादा भीड़ जमा होगी तो वहां के प्रबंधक की जिम्मेदारी होगी कि वह इसकी जानकारी जिला प्रशासन को दें ताकि धार्मिक स्थल को बंद किया जा सके.
- अगर किसी धार्मिक स्थल में जरूरत से ज्यादा भीड़ होगी तो इसके लिए जिलाधिकारी से ऑनलाइन पास लेना होगा.
- थर्मल स्क्रीनिंग और हैंड सेनेटाइजर की व्यवस्था सुनिश्चित करानी होगी.
- सिर्फ वैसे लोग ही धार्मिक स्थलों में जा सकेंगे, जिनमें किसी भी तरह का कोई सिंप्टम नहीं होगा.
- जूता चप्पल को अपनी अपनी गाड़ियों में ही रखने की सलाह दी गई है, जिसके पास यह सुविधा ना हो उन्हें अपने परिवार के जूते चप्पल एक जगह रखने होंगे.
- धार्मिक स्थलों के आसपास के पार्किंग एरिया में भी सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करना होगा.
- धार्मिक स्थलों में दिन में कई बार वैसे जगहों को सेनेटाइज करना होगा, जहां हाथ पैर धोने और टॉयलेट की जगह हो.
- धार्मिक स्थलों के आसपास मेला लगाने पर रोक.
- किसी भी तरह के जुलूस पर रोक रहेगी.
- धार्मिक स्थलों के अंदर और बाहर स्थित कैफेटेरिया और होटल संचालकों को सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित कराना होगा.
- उपरोक्त निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट और आईपीसी की धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी.