रांचीः झारखंड मंत्रालय की गेट पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपना दुखड़ा सुनाने अपनी मासूम बेटी के साथ गिरिडीह की रीना देवी का दसवां प्रयास भी असफल रहा. अपनी परेशानी को सीएम से मिलकर दूर कराने की आस लगाकर यहां तक पहुंची यह महिला काफी देर तक पुलिस वालों के समक्ष रोती-गिड़गिड़ती रही मगर उसकी फरियाद किसी ने नहीं सुनी.
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गिरिडीह की रीना देवी अपनी बेटी के साथ मंत्रालय पहुंची थी. लेकिन 10वीं बार भी वो सीएम से नहीं मिल पायी. जब मीडियाकर्मियों की नजर इस रोती-बिलखती महिला पर पड़ी तो पुलिसवाले गेट के अंदर ले जाकर मुख्यमंत्री से मिलाने के बजाय सड़क के दूसरे किनारे स्थित यात्री शेड पर ले जाकर बैठा दिया.
आखिर लोग सरकार से कैसे करें फरियाद
इस महिला से जब ईटीवी भारत की टीम ने मुख्यमंत्री से मिलने की वजह पूछी तो उसने बताया कि गिरिडीह प्रशासन की उदासीन रवैया के कारण पिछले चार वर्षों से जारी जमीन विवाद अब तक नहीं सुलझ पाया है, इसी की गुहार लेकर वो हर बार मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि उसके पति किशुन मेहता चार भाई हैं और पारिवारिक विवाद के कारण उसके हिस्से की जमीन उन्होंने हथिया लिया.
जिसके कारण वो दो वर्ष से किराये के मकान में रह रही है. आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण परिवार चलाना मुश्किल है. सरकार की किसी भी योजना का लाभ उन लोगों को नहीं मिल रहा है. जिससे उसकी घर की हालत काफी खराब है. इन्हीं सब परेशानियों के बाबत वो बार-बार मुख्यमंत्री से मिलने आती हैं. मगर 10वीं बार में भी वो मुख्यमंत्री से नहीं मिल पायी, जिसका उसे बेहद दुख है.
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गिरिडीह की रहने वाली है रीना देवी
रीना देवी गिरिडीह जिला के बगोदर थाना के गांधीटक गांव की रहनेवाली है. परिवार में पति किशुन मेहता के अलावा चार बच्चे ह़ैं. परिवार की आय का जरिया खेती है लेकिन जमीन चली जाने के बाद अब उनके पास आजीविका का कोई भी साधन नहीं है. मुख्यमंत्री से मिलने के प्रयास में अब तक दस बार गिरिडीह से रांची प्रोजेक्ट भवन आ चुकी है. रीना का मानना है कि स्थानीय स्तर पर उसने स्थानीय थाना से लेकर गिरिडीह उपायुक्त कार्यालय तक के चक्कर वो लगा चुकी है. लेकिन इतने दिनों में अब तक किसी ने उनकी गुहार नहीं सुनी.