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यहां ग्रामीण क्षेत्रों तक नहीं पहुंची सरकारी योजनाएं, स्वास्थ्य व्यवस्था का हालत बेहद गंभीर

खूंटी जिले के तोरपा के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों की हालत काफी दयनीय है. सड़कें बेहाल हैं, सरकारी योजनाओं की हालत खस्ता है. सरकार अपनी योजनाओं को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने का दावा लगातार करती है, लेकिन सच इससे इतर है.

reality of government schemes
स्वास्थ्य व्यवस्था बेहाल
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Published : Dec 17, 2019, 6:38 PM IST

रांची: एक तरफ जहां केंद्र सरकार अपनी तमाम जन-कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने को लेकर एड़ी चोटी का जोड़ लगा रही है. वहीं राज्य सरकार इन योजनाओं को हर जरूरतमंद तक पहुंचाने का दावा कर रही है, लेकिन सच्चाई इन दावों से कोसों दूर है.

वीडियो में देखिए पूरी खबर

ईटीवी भारत की टीम ऐसे ही सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों का जायजा लेकर सरकारी योजनाओं की पड़ताल की है. हमारी टीम की पड़ताल के दौरान कई चौंकाने वाला सच सामने आया है. खूंटी जिले के तोरपा के इन सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं का हाल काफी खराब है. स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां अभी भी जस की तस है. जिसका सूध लेने वाला कोई नहीं है.

सरकारी योजनाओं से अपरिचित हैं स्थानीय

दरअसल, हम बात कर रहे हैं तोरपा के उकरिमारी पंचायत की. हमारी टीम यहां चल रहे सरकारी योजनाओं की जानकारी लेने पहुंची तो पता चला कि ऐसे कई योजनाएं हैं जिसके बारे में यहां के लोग जानते तक नहीं, तो यहां स्वास्थ्य संबंधी कई तरह की परेशानियां व्याप्त है.

ये भी पढ़ें - शराब कारोबारी की आत्महत्या का मामलाः पुलिसियां जांच जारी, उत्पाद अधीक्षक से मांगा गया जवाब

अगर कोई इमरजेंसी आ जाए तो ग्रामीणों को कई किलोमीटर का फासला तय कर तोरपा स्थित सरकारी अस्पताल पहुंचना पड़ता है. गांव में बनाए गए एक भी स्वास्थ्य उप-केंद्रों की हालत सही नहीं है. कहीं ताले जड़े हैं तो कहीं बिल्डिंग की हालत जर्जर हो चली है. ना यहां चिकित्सक पहुंचते हैं और ना ही किसी तरह की सुविधा यहां के ग्रामीणों को मिल पाती है.

गर्भावस्था में भी जाना पड़ता है कई किमी

जब हमने ग्रामीण महिलाओं से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि गर्भावस्था के दौरान भी कई किलोमीटर की दूरी तय कर ऑटो से तोरपा स्थित अस्पताल जाना पड़ता है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां के ग्रामीण किस स्थिति में जीवन यापन कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें - रेलवे ट्रैक के पास 25 वर्षीय अज्ञात युवती का शव बरामद, जांच में जुटी पुलिस

जब इस मामले को लेकर हमारी टीम विभाग से संबंधित अधिकारियों से बातचीत की तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. हालांकि ऑफ द कैमरा उन्होंने कहा कि मामले की जानकारी आप लोगों ने दी है इस मामले पर संज्ञान लिया जाएगा.

यह दुर्भाग्य ही है कि एक तरफ जहां योजनाओं को धरातल पर उतारने को लेकर डींग हांकी जा रही है तो वहीं दूसरी ओर तस्वीरें ही यह बयां कर रही है कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी ग्रामीण किस हालात में जीने को विवश हैं.

रांची: एक तरफ जहां केंद्र सरकार अपनी तमाम जन-कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने को लेकर एड़ी चोटी का जोड़ लगा रही है. वहीं राज्य सरकार इन योजनाओं को हर जरूरतमंद तक पहुंचाने का दावा कर रही है, लेकिन सच्चाई इन दावों से कोसों दूर है.

वीडियो में देखिए पूरी खबर

ईटीवी भारत की टीम ऐसे ही सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों का जायजा लेकर सरकारी योजनाओं की पड़ताल की है. हमारी टीम की पड़ताल के दौरान कई चौंकाने वाला सच सामने आया है. खूंटी जिले के तोरपा के इन सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं का हाल काफी खराब है. स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां अभी भी जस की तस है. जिसका सूध लेने वाला कोई नहीं है.

सरकारी योजनाओं से अपरिचित हैं स्थानीय

दरअसल, हम बात कर रहे हैं तोरपा के उकरिमारी पंचायत की. हमारी टीम यहां चल रहे सरकारी योजनाओं की जानकारी लेने पहुंची तो पता चला कि ऐसे कई योजनाएं हैं जिसके बारे में यहां के लोग जानते तक नहीं, तो यहां स्वास्थ्य संबंधी कई तरह की परेशानियां व्याप्त है.

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अगर कोई इमरजेंसी आ जाए तो ग्रामीणों को कई किलोमीटर का फासला तय कर तोरपा स्थित सरकारी अस्पताल पहुंचना पड़ता है. गांव में बनाए गए एक भी स्वास्थ्य उप-केंद्रों की हालत सही नहीं है. कहीं ताले जड़े हैं तो कहीं बिल्डिंग की हालत जर्जर हो चली है. ना यहां चिकित्सक पहुंचते हैं और ना ही किसी तरह की सुविधा यहां के ग्रामीणों को मिल पाती है.

गर्भावस्था में भी जाना पड़ता है कई किमी

जब हमने ग्रामीण महिलाओं से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि गर्भावस्था के दौरान भी कई किलोमीटर की दूरी तय कर ऑटो से तोरपा स्थित अस्पताल जाना पड़ता है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां के ग्रामीण किस स्थिति में जीवन यापन कर रहे हैं.

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जब इस मामले को लेकर हमारी टीम विभाग से संबंधित अधिकारियों से बातचीत की तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. हालांकि ऑफ द कैमरा उन्होंने कहा कि मामले की जानकारी आप लोगों ने दी है इस मामले पर संज्ञान लिया जाएगा.

यह दुर्भाग्य ही है कि एक तरफ जहां योजनाओं को धरातल पर उतारने को लेकर डींग हांकी जा रही है तो वहीं दूसरी ओर तस्वीरें ही यह बयां कर रही है कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी ग्रामीण किस हालात में जीने को विवश हैं.

Intro:रेडी टू अपलोड

रांची-खूंटी-तोरपा

एक तरफ जहां केंद्र सरकार अपनी तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने को लेकर एड़ी चोटी एक कर रही है .वहीं राज्य सरकार इन योजनाओं को हर जरूरतमंद तक पहुंचाने का दावा कर रही है. लेकिन सच्चाई इन दावों से कोसों दूर है.ईटीवी भारत की टीम ऐसे ही सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों का जायजा लिया और सरकारी योजनाओं की पड़ताल की है.हमारी टीम की पड़ताल के दौरान कई चौंकाने वाला सच सामने आया है. खूंटी जिले के तोरपा के इन सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं का हाल काफी खराब है .स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां अभी भी जस का तस है .इधर देखने और झांकने वाला तक कोई नहीं है..


Body:खूंटी जिले के तोरपा के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों की हालत काफी दयनीय है .सड़कें भी बेहाल है. सरकारी योजनाओं की हालत खस्ता है. योजनाओं को इन ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने की दावा लगातार किया जाता रहा है .लेकिन सच इससे इतर है .दरअसल हम बात कर रहे हैं तोरपा के उकरिमारी पंचायत की .ईटीवी भारत की टीम ने यहां चल रहे सरकारी योजनाओं की जानकारी ली तो पता चला ऐसे कई योजनाएं हैं जिसके बारे में यहां के ग्रामीण जानते तक नहीं है .तो इधर स्वास्थ्य संबंधी कई तरह की परेशानियां यहां व्याप्त है .अगर कोई इमरजेंसी आ जाए तो ग्रामीणों को कई किलोमीटर का फासला तय कर तोरपा स्थित सरकारी अस्पताल पहुंचना पड़ता है .गांव में बनाए गए एक भी स्वास्थ्य उप केंद्रों की हालत सही नहीं है. कहीं ताले जड़े हैं तो कहीं बिल्डिंग की हालत जर्जर हो चली है .ना यहां चिकित्सक पहुंचते हैं और ना ही किसी तरह की सुविधा यहां के ग्रामीणों को मिल पाती है. जब हमने ग्रामीण महिलाओं से बातचीत की तो इनकी मानें तो उन्हें कई किलोमीटर की दूरी तय कर गर्भावस्था के दौरान ऑटो से तोरपा स्थित अस्पताल जाना पड़ता है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि के ग्रामीण किस स्थिति में जी रहे हैं .वहीं इस पूरे मामले को लेकर जब हमारी टीम विभाग से संबंधित अधिकारियों से बातचीत की तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. हालांकि ऑफ द कैमरा उन्होंने कहा कि मामले की जानकारी आप लोगों ने दी है इस मामले पर संज्ञान लिया जाएगा.


Conclusion:यह दुर्भाग्य ही है एक तरफ जहां योजनाओं को धरातल पर उतारने को लेकर डींग हांकी जा रही है तो वहीं दूसरी ओर तस्वीरें ही यह बयां कर रही है कि ग्रामीण किस हालात में आज भी सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में जीने को विवश है.

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