रांची: एक तरफ जहां केंद्र सरकार अपनी तमाम जन-कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने को लेकर एड़ी चोटी का जोड़ लगा रही है. वहीं राज्य सरकार इन योजनाओं को हर जरूरतमंद तक पहुंचाने का दावा कर रही है, लेकिन सच्चाई इन दावों से कोसों दूर है.
ईटीवी भारत की टीम ऐसे ही सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों का जायजा लेकर सरकारी योजनाओं की पड़ताल की है. हमारी टीम की पड़ताल के दौरान कई चौंकाने वाला सच सामने आया है. खूंटी जिले के तोरपा के इन सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं का हाल काफी खराब है. स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां अभी भी जस की तस है. जिसका सूध लेने वाला कोई नहीं है.
सरकारी योजनाओं से अपरिचित हैं स्थानीय
दरअसल, हम बात कर रहे हैं तोरपा के उकरिमारी पंचायत की. हमारी टीम यहां चल रहे सरकारी योजनाओं की जानकारी लेने पहुंची तो पता चला कि ऐसे कई योजनाएं हैं जिसके बारे में यहां के लोग जानते तक नहीं, तो यहां स्वास्थ्य संबंधी कई तरह की परेशानियां व्याप्त है.
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अगर कोई इमरजेंसी आ जाए तो ग्रामीणों को कई किलोमीटर का फासला तय कर तोरपा स्थित सरकारी अस्पताल पहुंचना पड़ता है. गांव में बनाए गए एक भी स्वास्थ्य उप-केंद्रों की हालत सही नहीं है. कहीं ताले जड़े हैं तो कहीं बिल्डिंग की हालत जर्जर हो चली है. ना यहां चिकित्सक पहुंचते हैं और ना ही किसी तरह की सुविधा यहां के ग्रामीणों को मिल पाती है.
गर्भावस्था में भी जाना पड़ता है कई किमी
जब हमने ग्रामीण महिलाओं से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि गर्भावस्था के दौरान भी कई किलोमीटर की दूरी तय कर ऑटो से तोरपा स्थित अस्पताल जाना पड़ता है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां के ग्रामीण किस स्थिति में जीवन यापन कर रहे हैं.
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जब इस मामले को लेकर हमारी टीम विभाग से संबंधित अधिकारियों से बातचीत की तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. हालांकि ऑफ द कैमरा उन्होंने कहा कि मामले की जानकारी आप लोगों ने दी है इस मामले पर संज्ञान लिया जाएगा.
यह दुर्भाग्य ही है कि एक तरफ जहां योजनाओं को धरातल पर उतारने को लेकर डींग हांकी जा रही है तो वहीं दूसरी ओर तस्वीरें ही यह बयां कर रही है कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी ग्रामीण किस हालात में जीने को विवश हैं.