रांची: कोरोना वायरस के तनाव को कम करने को लेकर शिक्षा विभाग लगातार इन दिनों कुछ न कुछ नया प्रयोग कर रहा है. इसी कड़ी में शहर के निजी और सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का दिन यानी कि रीडिंग डे को लेकर एक गाइडलाइन जारी किया गया है. 19 जून से 18 जुलाई तक रीडिंग मंथ के रूप में मनाए जाने को लेकर शिक्षा विभाग ने तमाम स्कूलों को निर्देश जारी किया. निर्देश के तहत सरकारी स्कूलों में क्रियान्वयन भी शुरू हो चुका है.
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रीडिंग डे की शुरूआत
बता दें कि इसकी शुरुआत 19 जून से कर दी गई है. 19 जून को रीडिंग डे के रूप में मनाया गया. वहीं 19 जून से 18 जुलाई तक रीडिंग मंथ के रूप में मनाया जा रहा है. इसे लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी की ओर से तमाम स्कूलों को भी गाइडलाइन जारी की गई है, ताकि स्कूल के शिक्षक अपने विद्यार्थियों को घर पर व्हाट्सएप और ऑनलाइन के जरिए निर्देशित कर सकें. विभाग के निर्देश के मुताबिक, इसका उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों में पढ़ने की आदत को बेहतर बनाना है.
दिए जा रहे नए-नए टास्क
इसके तहत बच्चों को संबंधित शिक्षक हर दिन नया-नया टास्क दिया जाता है और बच्चे ऑनलाइन माध्यम से इसे पूरा भी करेंगे. जिला शिक्षा पदाधिकारी की ओर से हर जिले में इसे सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी हर प्रखंड में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को दे दी गई है.
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कुपोषण दूर करने को लेकर चना गुड़ का होगा वितरण
इधर, वित्तीय वर्ष 2020- 21 के मिड डे मील के बजट में राशि देने की सहमति केंद्र सरकार ने दे दी है. जुलाई के अंत तक केंद्र से राशि मिल जाने की संभावना शिक्षा विभाग ने जताई है. स्कूल नहीं खुलने की स्थिति में बच्चों को चना और गुड़ की राशि भी अब दी जाएगी. सप्ताह में 2 दिन मिड डे मील के पहले चना और गुड़ दिया जाएगा. साल में कुल 48 दिन चना गुड़ देने का प्रावधान तय किया गया है. इसके लिए 60 फीसदी राशि केंद्र और 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार वहन करेगी. राज्य में बढ़ते कुपोषण प्रभावित 12 जिलों को देखते हुए यह योजना तय किया गया है. राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से इस संबंध में आग्रह किया था.
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फर्जी डिग्रीधारी तीन शिक्षिक पर कार्रवाई
वहीं, वर्ष 2019 में नवनियुक्त शिक्षक-शिक्षिकाओं के प्रमाण पत्र सत्यापन के क्रम में तीन शिक्षिकाओं का संबंधित प्रशिक्षण संस्थानों से शैक्षणिक प्रमाण पत्रों को फर्जी पाया गया है. इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के स्तर पर सुनवाई की गई है. सुनवाई के क्रम में तीनों शिक्षिकाएं उपस्थित थी. इनके प्रमाण पत्र को फर्जी करार देते हुए समिति सर्वसम्मति से तीनों शिक्षिकाओं की सेवा समाप्त करने के साथ-साथ उन पर एफआईआर दर्ज कराने का भी निर्णय लिया गया है. इनमें यशोदा कुमारी, जिनका B.Ed बिलासपुर का बताया जा रहा है और यह फर्जी प्रमाणपत्र माना गया है. स्वाति कुमारी का भी छत्तीसगढ़ का ही B.Ed की डिग्री है, जो कि शिक्षा विभाग की जांच में फर्जी पाया गया है. साथ ही कुमारी निशा कच्छप की डिग्री भी फर्जी है, जो भोपाल बरकतउल्ला विश्वविद्यालय का पाया गया है.