रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली दौरे के क्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात और राष्ट्रपति पद के यूपीए प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के नामांकन से दूर रहने पर सियासत तेज हो गई है. मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारे में तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे हैं. राष्ट्रपति चुनाव को लेकर जेएमएम के स्टैंड क्लियर नहीं करने की वजह से राजनीति गरमाई हुई है.
मुख्यमंत्री के केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से हुई मुलाकात को लेकर सियासी गलियारों में तरह तरह के कयास लगाये जाने लगे हैं. इसके अलावे झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा अब तक राष्ट्रपति चुनाव में स्टैंड साफ नहीं किये जाने पर भी राजनीति गरमा गई है. झामुमो से संबंधों में आ रही नजदीकी के बीच बीजेपी ने इस मामले में झामुमो की आलोचना की है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने तंज कसते हुए कहा है कि जिस आदिवासी वोटबैंक को आधार मानकर झारखंड मुक्ति मोर्चा इसपर राजनीति करती रही है, वहीं देश के प्रथम नागरिक के चुनाव में आदिवासी प्रत्याशी को समर्थन देने पर अब तक अपना स्टैंड साफ नहीं कर पाई है.
इधर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री की केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात को गैरराजनीतिक बताते हुए कहा कि इसका कोई राजनीतिक मायने नहीं निकालना चाहिए. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए यूपीए प्रत्याशी के नामांकन में मुख्यमंत्री का ना होना कोई बड़ी बात नहीं है. इसे गठबंधन के अंदर खटास बढने का संकेत नहीं माना जा सकता.