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अमित शाह से सीएम हेमंत सोरेन की मुलाकात के बाद कयासों का बाजार गर्म, जेएमएम ने कहा- राजनीतिक चश्मा से देखने की जरूरत नहीं

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Published : Jun 29, 2022, 1:12 PM IST

Updated : Jun 29, 2022, 1:39 PM IST

सीएम हेमंत सोरेन के दिल्ली दौरे के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात को लेकर झारखंड के राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चा है. वहीं बीजेपी ने जेएमएम पर राष्ट्रपति चुनाव को लेकर निशाना साधा है. जबकि जेए्मएम ने जल्द ही स्टैंड क्लियर करने की बात कही है.

amit shah and cm hemant soren meeting in delhi
amit shah and cm hemant soren meeting in delhi

रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली दौरे के क्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात और राष्ट्रपति पद के यूपीए प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के नामांकन से दूर रहने पर सियासत तेज हो गई है. मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारे में तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे हैं. राष्ट्रपति चुनाव को लेकर जेएमएम के स्टैंड क्लियर नहीं करने की वजह से राजनीति गरमाई हुई है.

मुख्यमंत्री के केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से हुई मुलाकात को लेकर सियासी गलियारों में तरह तरह के कयास लगाये जाने लगे हैं. इसके अलावे झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा अब तक राष्ट्रपति चुनाव में स्टैंड साफ नहीं किये जाने पर भी राजनीति गरमा गई है. झामुमो से संबंधों में आ रही नजदीकी के बीच बीजेपी ने इस मामले में झामुमो की आलोचना की है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने तंज कसते हुए कहा है कि जिस आदिवासी वोटबैंक को आधार मानकर झारखंड मुक्ति मोर्चा इसपर राजनीति करती रही है, वहीं देश के प्रथम नागरिक के चुनाव में आदिवासी प्रत्याशी को समर्थन देने पर अब तक अपना स्टैंड साफ नहीं कर पाई है.

प्रतिक्रिया देते नेता
सफाई देने में जुटा सत्तारूढ़ दलः इधर बीजेपी के आरोप पर सफाई देने में सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस जुट गई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जल्द ही पार्टी द्वारा स्टैंड साफ करने की बात कही है. पार्टी नेता मनोज पांडे ने कहा है कि एक बार फिर विधायक, सांसदों की राय लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और गुरुजी शिबू सोरेन द्वारा निर्णय लिया जायेगा. अमित शाह से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुलाकात को राजनीतिक चश्मा से नहीं देखने की बात कहते हुए मनोज पांडे ने कहा कि राज्य के कई अहम मुद्दों पर उनसे मुलाकात के दौरान चर्चा हुई है.

इधर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री की केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात को गैरराजनीतिक बताते हुए कहा कि इसका कोई राजनीतिक मायने नहीं निकालना चाहिए. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए यूपीए प्रत्याशी के नामांकन में मुख्यमंत्री का ना होना कोई बड़ी बात नहीं है. इसे गठबंधन के अंदर खटास बढने का संकेत नहीं माना जा सकता.

रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली दौरे के क्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात और राष्ट्रपति पद के यूपीए प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के नामांकन से दूर रहने पर सियासत तेज हो गई है. मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारे में तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे हैं. राष्ट्रपति चुनाव को लेकर जेएमएम के स्टैंड क्लियर नहीं करने की वजह से राजनीति गरमाई हुई है.

मुख्यमंत्री के केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से हुई मुलाकात को लेकर सियासी गलियारों में तरह तरह के कयास लगाये जाने लगे हैं. इसके अलावे झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा अब तक राष्ट्रपति चुनाव में स्टैंड साफ नहीं किये जाने पर भी राजनीति गरमा गई है. झामुमो से संबंधों में आ रही नजदीकी के बीच बीजेपी ने इस मामले में झामुमो की आलोचना की है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने तंज कसते हुए कहा है कि जिस आदिवासी वोटबैंक को आधार मानकर झारखंड मुक्ति मोर्चा इसपर राजनीति करती रही है, वहीं देश के प्रथम नागरिक के चुनाव में आदिवासी प्रत्याशी को समर्थन देने पर अब तक अपना स्टैंड साफ नहीं कर पाई है.

प्रतिक्रिया देते नेता
सफाई देने में जुटा सत्तारूढ़ दलः इधर बीजेपी के आरोप पर सफाई देने में सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस जुट गई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जल्द ही पार्टी द्वारा स्टैंड साफ करने की बात कही है. पार्टी नेता मनोज पांडे ने कहा है कि एक बार फिर विधायक, सांसदों की राय लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और गुरुजी शिबू सोरेन द्वारा निर्णय लिया जायेगा. अमित शाह से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुलाकात को राजनीतिक चश्मा से नहीं देखने की बात कहते हुए मनोज पांडे ने कहा कि राज्य के कई अहम मुद्दों पर उनसे मुलाकात के दौरान चर्चा हुई है.

इधर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री की केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात को गैरराजनीतिक बताते हुए कहा कि इसका कोई राजनीतिक मायने नहीं निकालना चाहिए. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए यूपीए प्रत्याशी के नामांकन में मुख्यमंत्री का ना होना कोई बड़ी बात नहीं है. इसे गठबंधन के अंदर खटास बढने का संकेत नहीं माना जा सकता.

Last Updated : Jun 29, 2022, 1:39 PM IST
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