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रांची मोरहाबादी मैदान में रावण दहन की तैयारियां पूरी, जलेगी सोने की लंका

रांची के मोरहाबादी मैदान में रावण दहन को लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है. विजयादशमी पर पंजाबी-हिंदू बिरादरी की ओर से 1948 से रावण दहन के कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.

मोरहाबादी मैदान में रावण दहन की तैयारी
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Published : Oct 8, 2019, 1:28 PM IST

रांची: बुराई पर अच्छाई की जीत के त्योहार दशहरा को लेकर राजधानी सहित पूरे देश में रावण दहन का कार्यक्रम किया जाता है. रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में पंजाबी हिंदू बिरादरी की ओर से 1948 से रावण दहन का कार्यक्रम किया जा रहा है.

वीडियो में देखें पूरी खबर

विजयादशमी पर रावण दहन कार्यक्रम को लेकर पंजाबी-हिंदू बिरादरी ने तैयारी पूरी कर ली है. रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले भी खड़े कर दिए गए हैं. कारीगर आतिशबाजी को लेकर तैयारी में जुटे हुए हैं

पंजाबी-हिंदू बिरादरी के कमेटी प्रवक्ता अनूप चावला ने बताया कि राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में पिछले 70 सालों से रावण दहन का कार्यक्रम किया जाता रहा है. हर साल रावण दहन कार्यक्रम को ज्यादा आकर्षक बनाने को लेकर तैयारी की जाती है. इस बार जमीनी आतिशबाजी से लेकर आकाशीय आतिशबाजी पर विशेष जोर दिया गया है. उन्होंने बताया कि राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास रावण का दहन करेंगे. वहीं, 30×30 की सोने की लंका का दहन भी किया जाएगा है.

ये भी पढ़ें- रांची के पूजा पंडाल में दिखी लालू और राबड़ी की प्रतिमा, प्रशंसकों ने मांगी भगवान से दुआ

उन्होंने बताया कि पंजाबी-हिंदू बिरादरी के लोग पिछले 70 सालों से गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश कर रहे हैं. रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले का निर्माण गया के कारीगर मुस्लिम परिवार के लोगों की ओर से किया जाता है. उन्होंने कहा कि पंजाबी-हिंदू बिरादरी का मुख्य उद्देश्य भी है कि आपसी भाईचारगी लोगों में बनी रहे.

रांची: बुराई पर अच्छाई की जीत के त्योहार दशहरा को लेकर राजधानी सहित पूरे देश में रावण दहन का कार्यक्रम किया जाता है. रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में पंजाबी हिंदू बिरादरी की ओर से 1948 से रावण दहन का कार्यक्रम किया जा रहा है.

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विजयादशमी पर रावण दहन कार्यक्रम को लेकर पंजाबी-हिंदू बिरादरी ने तैयारी पूरी कर ली है. रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले भी खड़े कर दिए गए हैं. कारीगर आतिशबाजी को लेकर तैयारी में जुटे हुए हैं

पंजाबी-हिंदू बिरादरी के कमेटी प्रवक्ता अनूप चावला ने बताया कि राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में पिछले 70 सालों से रावण दहन का कार्यक्रम किया जाता रहा है. हर साल रावण दहन कार्यक्रम को ज्यादा आकर्षक बनाने को लेकर तैयारी की जाती है. इस बार जमीनी आतिशबाजी से लेकर आकाशीय आतिशबाजी पर विशेष जोर दिया गया है. उन्होंने बताया कि राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास रावण का दहन करेंगे. वहीं, 30×30 की सोने की लंका का दहन भी किया जाएगा है.

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उन्होंने बताया कि पंजाबी-हिंदू बिरादरी के लोग पिछले 70 सालों से गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश कर रहे हैं. रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले का निर्माण गया के कारीगर मुस्लिम परिवार के लोगों की ओर से किया जाता है. उन्होंने कहा कि पंजाबी-हिंदू बिरादरी का मुख्य उद्देश्य भी है कि आपसी भाईचारगी लोगों में बनी रहे.

Intro:रांची
डे प्लान......वकथ्रू...विजय कुमार गोप


बुराई पर अच्छाई की जीत दशहरा को लेकर राजधानी रांची सहित पूरे देश में रावण दहन का कार्यक्रम किया जाता है। रांची के ऐतिहासिक मोराबादी मैदान में पंजाबी हिंदू बिरादरी के द्वारा सन 1948 रावण दहन का कार्यक्रम किया जा रहा है। आज विजयदशमी दिन होने वाले रावण दहन कार्यक्रम को लेकर पंजाबी हिंदू बिरादरी के द्वारा तैयारी पूरी कर ली गई है रावण कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले भी खड़ा कर दिए गए हैं वही कारीगरों के द्वारा पुतलों पर अंतिम रुप दिया जा रहा है। कारीगर आतिशबाजी को लेकर तैयारी में जुटे हुए हैं। इस बार क्या कुछ मोराबादी मैदान में होने वाले रावण दहन पर होगा अलग इसका जायजा लिया ईटीवी भारत के संवाददाता विजय कुमार गोप ने।


Body:पंजाबी हिंदू बिरादरी के कमेटी प्रवक्ता अनूप चावला ने बताया कि राजधानी रांची के मोराबादी मैदान में पिछले 7 वर्षों से रावण दहन का कार्यक्रम किया जाता रहा है और हर वर्ष रावण दहन में अलग मुख्य आकर्षण का केंद्र बनाने को लेकर तैयारी की जाती है इस बार जमीनी आतिशबाजी से लेकर आकाशीय आतिशबाजी पर विशेष जोर दिया गया है उन्होंने बताया कि राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास के द्वारा रावण दहन का कार्यक्रम किया जाएगा। वही 30× 30 का सोने की लंका का दहन भी किया जाता है।


Conclusion:साथ ही उन्होंने बताया कि पंजाबी हिंदू बिरादरी के द्वारा पिछले 60 वर्षों से गंगा जमुना तहजीब की मिसाल पेश कर रही है क्योंकि रावण कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले का निर्माण गया के कारीगर मुस्लिम परिवार के लोगों के द्वारा किया जाता है और इन कारीगरों के द्वारा एक मिसाल पेश किया जाता है कि हम भारत गंगा जमुना तहजीब का मिसाल है। उन्होंने कहा कि पंजाबी हिंदू बिरादरी का मुख्य उद्देश्य भी है कि कि आपसी भाईचारे की लोगों पर बना रहे और अपने मन के अंदर के रावण को रावण दहन के साथ ही मिटाया जा सके
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