रांची: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के मद्देनजर पिछले साल की तरह इस बार भी राजधानी रांची में रावण दहन का आयोजन नहीं किया जाएगा. रांची के मोरहाबादी मैदान का रावण दहन ऐतिहासिक माना जाता है. लेकिन पिछले 2 सालों से रावण दहन का कार्यक्रम नहीं हो रहा है. मोरहाबादी मैदान में पंजाबी हिंदू बिरादरी की ओर से बड़े पैमाने पर रावण दहन का कार्यक्रम किया जाता है. इस कार्यक्रम को देखने के लिए लोग दूर-दराज से पहुंचते हैं. लेकिन पिछले 2 सालों से कार्यक्रम का आयोजन नहीं हो रहा है.
इसे भी पढे़ं: शक्ति के उपासक गोरखा जवानों की अनोखी पूजा, देखिए कैसे करते हैं मां की भक्ति
कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सरकार ने दुर्गा पूजा में मेला के आयोजन पर रोक लगा दी है. वहीं हर साल होने वाले रावण दहन का कार्यक्रम पिछले 2 सालों से कोरोना के कारण प्रभावित है. रावण दहन का कार्यक्रम नहीं होने को लेकर लोगों ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है. रामलगन महली ने कहा कि रावण दहन का कार्यक्रम को लेकर बच्चे से लेकर बूढ़े तक उत्साहित होते हैं. लेकिन मेला नहीं लगने से सबसे ज्यादा दुखी बच्चे हैं. वहीं श्रवण गोप का कहना है कि कोरोना का संक्रमण अब धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहा है. लेकिन सरकार के गाइडलाइन का पालन करते हुए इस बार भी रावण दहन का कार्यक्रम नहीं हो रहा है. विक्की चौरसिया की मानें तो भले ही बड़े अफसरों का रावण दहन का कार्यक्रम ना हो रहा हो. लेकिन अपने अंदर छुपे रावण को नष्ट करना इस बार का संकल्प रहेगा.
रावण दहन कार्यक्रम पर रोक
रांची के मोरहाबादी मैदान, धुर्वा के एचईसी, टाटीसिल्वे के ईईएफ ग्राउंड में हर साल रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले का दहन किया जाता था. लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दो सालों से इसका आयोजन नहीं किया जा रहा है. शहर में सबसे बड़ा रावण दहन का आयोजन मोरहाबादी मैदान में किया जाता है.