रांची: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन विधायक रणधीर सिंह को सदन से बाहर निकाल दिया गया. जिसके बाद विधायक रणधीर सिंह मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि बेल में जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर सवाल उठाया गया था. सरकार से यही पूछा जा रहा था कि अट्ठारह हजार जो हाई स्कूल शिक्षकों की नियुक्ति को रद्द कर दी गई है उसमें सरकार ने अपना पक्ष क्यों नहीं रखा. सहायक पुलिस कर्मियों पर लाठीचार्ज अपराधी बेलगाम विधि-व्यवस्था से जुड़े मामले पर सवाल उठाए जा रहे थे क्या यह सवाल उठाना गलत है जिस पर माननीय स्पीकर के द्वारा मुझको बाहर निकालो जैसे शब्द से संबोधित करते हुए कहा गया कि गुंडागर्दी नहीं चलेगी और मार्शल के द्वारा मुझे बाहर निकलवा दिया गया.
रणधीर सिंह ने कहा कि मैं जानना चाहता हूं की स्पीकर दोनों पार्टी के मुखिया होते हैं. ऐसे में उनके द्वारा इस तरह का टिप्पणी करना कहीं से भी शोभनीय नहीं है, क्या मैं किसी तरह से गुंडा लगता हूं. उन्होंने कहा कि भले ही स्पीकर साहब के इशारे पर मार्शल के द्वारा मुझे बाहर निकाल दिया जाए. लेकिन मैं जनता की आवाज के लिए हर बार सदन के अंदर आवाज उठाता रहूंगा.
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वहीं इस मामले पर विधायक इरफान अंसारी ने रणधीर सिंह को नैतिक पाठ पढ़ाते हुए कहा कि उन्हें अपना आचरण सुधारना चाहिए. उनके द्वारा सदन के अंदर इस तरह नहीं करना चाहिए. सत्ता के नशे में चूर नहीं रहना चाहिए, उन्होंने कहा कि सदन के अंदर माननीय स्पीकर महोदय संरक्षक होते हैं गार्जियन स्वरूप होते हैं. मुझे लगता है कि अब रणधीर सिंह के द्वारा इस तरह की गलतियां नहीं की जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की आचरण सही नहीं है. भारतीय जनता पार्टी के विधायकों को अपने आचरण को सुधारना चाहिए, जनता सब कुछ देख रही है माफ नहीं करेगी.