रांची: रांची विश्वविद्यालय सिंडिकेट की बैठक 23 सितंबर को आयोजित होनी है. इस बैठक में कई महत्वपूर्ण एजेंडों पर निर्णय लेना है. जानकारी के मुताबिक, जाली शैक्षणिक प्रमाण पत्र जमा करने के मामले में केसीबी कॉलेज बेड़ो के तीन शिक्षकों के लंबित भुगतान पर सिंडिकेट की बैठक में मुहर लगाई जा सकती है. इसके अलावा और भी कई महत्वपूर्ण निर्णय इस बैठक में लिए जाएंगे.
लंबित भुगतान को लेकर चर्चा होगी
3 वर्ष पहले सिंडिकेट की एक बैठक में केसीबी कॉलेज बेड़ो के 3 शिक्षकों को जाली शैक्षणिक प्रमाण पत्र जमा करने के मामले में दोषी पाया था. बैठक के दौरान ही इन शिक्षकों को बर्खास्त करने का निर्णय ले लिया गया था और वेतन भी तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया था. विश्वविद्यालय की ओर से उस दौरान अधिसूचना जारी नहीं हुई थी. इस लिए यह शिक्षक कॉलेज जाते रहे. इस मामले को लेकर 23 सितंबर को सिंडिकेट की बैठक में लंबित भुगतान को लेकर चर्चा होगी. इस पर सहमति जताई जा सकती है.
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बैठक में ये भी निर्णय
जेपीएससी की ओर से मांडर कॉलेज के 9 शिक्षक और पीपीके कॉलेज के एक शिक्षक को सेवा संपुष्टि में प्राप्त सहमति के आलोक में स्वीकृति दी जा सकती है. इसके साथ ही विश्वविद्यालय कॉमर्स विभाग के एक, मांडर कॉलेज के तीन, बुंडू कॉलेज के दो और केसीबी कॉलेज बेड़ो के 3 शिक्षकों के सेवा संपुष्टि पर मुहर लगाई जा सकती है. इसके अलावा जून महीने में आयोजित सिंडिकेट की बैठक में लिए गए निर्णय को भी सिंडिकेट की बैठक में मुहर लगाई जा सकती है. एकेडमिक काउंसिल की ओर से लिए गए निर्णय पर भी सहमति बनेगी.
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वर्ष 2021 मैट्रिक-इंटर परीक्षा की तैयारी
स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की ओर से झारखंड एकेडमिक काउंसिल को मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा का मॉडल पेपर बनाने की तैयारी शुरू करने को लेकर निर्देश जारी किया गया है. शिक्षा विभाग की ओर से संशोधित किए जा रहे सिलेबस का प्रस्ताव जैक को सौंपा गया है. इसके आधार पर जैक अब मॉडल प्रश्न पत्र तैयार करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है. हालांकि, इस पर भी संशय बना हुआ है. क्योंकि अब तक विभाग की ओर से सिलेबस को लेकर स्पष्ट निर्देश जारी नहीं किया गया है. फरवरी 2021 में मैट्रिक और इंटरनेट की परीक्षा आयोजित होगी. लेकिन विद्यार्थी इस ऊहापोह की स्थिति में है कि आखिर उनका सिलेबस कितना छोटा होगा. अब तक मिली जानकारी के अनुसार, सरकार ने सिलेबस में 40 फीसदी पाठ्यक्रम कम करने का निर्णय लिया है और इसे लेकर अब तक मंजूरी नहीं मिली है. हालांकि मॉडल प्रश्न पत्र तैयार होने के बाद परीक्षार्थियों की परेशानी कम होगी और उन्हीं प्रश्न पत्रों के आधार पर वर्ष 2021 में मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी.