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आरयू पर लगा फर्जी डिग्री पर शिक्षकों को नियुक्त करने का आरोप, जानें क्या है पूरा मामला

रांची विश्वविद्यालय में एक बार फिर से फर्जी डिग्री पर शिक्षक नियुक्त करने का मामला सामने आया है. हालांकि इस मामले को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन आनाकानी कर रहा है.

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Published : Oct 9, 2021, 4:29 PM IST

Updated : Oct 9, 2021, 5:26 PM IST

appointing teachers on fake degree
appointing teachers on fake degree

रांची: एक बार फिर रांची विश्वविद्यालय में फर्जी डिग्री पर नौकरी करने का मामला आया है. विश्वविद्यालय के कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अर्जुन राम ने आरयू में फर्जी डिग्री पर कई लेक्चरर पर नौकरी करने का आरोप लगाया है. उन्होंने इस पूरे मामले की जांच की मांग की है.


ऐसे मामलों पर पहले भी हुई है कार्रवाई
मामले को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन आनाकानी कर रहा है, लेकिन दावे के साथ कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ने इस मामले को एक बार फिर उजागर करने की बात कह रहे हैं. इससे पहले रांची विश्वविद्यालय के ही 6 शिक्षकों पर फर्जी नियुक्ति पत्र देकर नौकरी करने का मामला सामने आया था. इन शिक्षकों को विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से बर्खास्त भी किया जा चुका है. गलत तथ्यों की जानकारी देकर नियुक्ति होने के कई मामले सामने आ चुके हैं. प्रमाण पत्र सही ना पाए जाने से मांडर कॉलेज के 3 शिक्षकों की सेवा विश्वविद्यालय ने समाप्त कर दिया था. वहीं, केसीबी कॉलेज बेड़ो के 3 शिक्षकों के प्रमाण पत्र में भी गड़बड़ी पाई गई थी. इनके खिलाफ भी कार्रवाई हुई और इन्हें भी बर्खास्त कर दिया गया था. अब इन 6 शिक्षकों पर कानूनी कार्रवाई चल रही है.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें: आरयू के कॉलेजों में हुई स्थायी प्रिंसिपल की नियुक्ति, अधिसूचना जारी

एक बार फिर लगा आरोप
नवांगीभूत कॉलेजों के शिक्षकों के भी प्रमाण पत्र फर्जी होने का मामला सामने आ रहा है. शिक्षकों के प्रमाण पत्र का सत्यापन का प्रक्रिया अब तक नहीं हुआ है. इस मामले को लेकर राज्य सरकार की ओर से भी विश्वविद्यालय प्रबंधन को फटकार लगाया जा चुका है. इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रबंधन विशेष रूप से इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया. जबकि कुछ दिन पूर्व विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से ही कहा गया था कि इन कॉलेजों में कार्यरत कई ऐसे शिक्षक हैं. जिनका प्रमाण पत्र जांच के बाद फर्जी निकल सकता है. सरकारी नौकरी में प्रमाण पत्रों का सत्यापन संबंधित बोर्ड द्वारा कराए जाने का प्रावधान है. राज्य भर में 12 नवांगीभूत कॉलेज है. राज्य के इन कॉलेजों का वर्ष 1986 में सरकारीकरण हुआ. कॉलेजों के सरकारीकरण के बाद संबंधित विश्वविद्यालयों ने इन कॉलेजों के शिक्षकों की सेवा तो अधिकृत कर ली. लेकिन इनके प्रमाण पत्रों का सत्यापन सही तरीके से नहीं हुआ. अब ऐसे ही कॉलेजों के शिक्षकों पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. सिर्फ रांची विश्वविद्यालय में मांडर कॉलेज, केसीबी कॉलेज बेड़ो, बीएनजे कॉलेज सिसई और पीपीके कॉलेज बुंडू नवांगीभूत कॉलेज हैं. ऐसे कॉलेजों में फर्जी शिक्षकों का मामला सबसे ज्यादा है. हालांकि अब तक इस दिशा में वृहद रूप से जांच नहीं हुई है. जांच होने पर मामला स्पष्ट हो पाएगा.

मामला आने पर होगी जांच
मामले को लेकर हमारी टीम ने रांची विश्वविद्यालय के प्रशासनिक पदाधिकारी रजिस्ट्रार एमसी मेहता से भी बातचीत की है. इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर ऐसे मामले विश्वविद्यालय प्रबंधन के पास आएगी तो जांच करवाई जाएगी. जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे. उसी के आधार पर कार्रवाई होगी.

विश्वविद्यालय प्रबंधन पर सवाल
अब विश्वविद्यालय प्रबंधन पर सवाल यह उठता है कि लगातार ऐसे मामले उजागर हो रहे हैं. इसके बावजूद रजिस्ट्रार को इस संबंध में ज्यादा कुछ जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसे मामले आएंगे तो जांच होगी. हालांकि इस दिशा में विश्वविद्यालय प्रबंधन को सोचने की जरूरत है, नहीं तो फर्जी शिक्षकों के भरोसे ही रांची विश्वविद्यालय का पठन-पाठन भी संचालित होता रहेगा. मामला गंभीर है.

रांची: एक बार फिर रांची विश्वविद्यालय में फर्जी डिग्री पर नौकरी करने का मामला आया है. विश्वविद्यालय के कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अर्जुन राम ने आरयू में फर्जी डिग्री पर कई लेक्चरर पर नौकरी करने का आरोप लगाया है. उन्होंने इस पूरे मामले की जांच की मांग की है.


ऐसे मामलों पर पहले भी हुई है कार्रवाई
मामले को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन आनाकानी कर रहा है, लेकिन दावे के साथ कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ने इस मामले को एक बार फिर उजागर करने की बात कह रहे हैं. इससे पहले रांची विश्वविद्यालय के ही 6 शिक्षकों पर फर्जी नियुक्ति पत्र देकर नौकरी करने का मामला सामने आया था. इन शिक्षकों को विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से बर्खास्त भी किया जा चुका है. गलत तथ्यों की जानकारी देकर नियुक्ति होने के कई मामले सामने आ चुके हैं. प्रमाण पत्र सही ना पाए जाने से मांडर कॉलेज के 3 शिक्षकों की सेवा विश्वविद्यालय ने समाप्त कर दिया था. वहीं, केसीबी कॉलेज बेड़ो के 3 शिक्षकों के प्रमाण पत्र में भी गड़बड़ी पाई गई थी. इनके खिलाफ भी कार्रवाई हुई और इन्हें भी बर्खास्त कर दिया गया था. अब इन 6 शिक्षकों पर कानूनी कार्रवाई चल रही है.

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एक बार फिर लगा आरोप
नवांगीभूत कॉलेजों के शिक्षकों के भी प्रमाण पत्र फर्जी होने का मामला सामने आ रहा है. शिक्षकों के प्रमाण पत्र का सत्यापन का प्रक्रिया अब तक नहीं हुआ है. इस मामले को लेकर राज्य सरकार की ओर से भी विश्वविद्यालय प्रबंधन को फटकार लगाया जा चुका है. इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रबंधन विशेष रूप से इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया. जबकि कुछ दिन पूर्व विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से ही कहा गया था कि इन कॉलेजों में कार्यरत कई ऐसे शिक्षक हैं. जिनका प्रमाण पत्र जांच के बाद फर्जी निकल सकता है. सरकारी नौकरी में प्रमाण पत्रों का सत्यापन संबंधित बोर्ड द्वारा कराए जाने का प्रावधान है. राज्य भर में 12 नवांगीभूत कॉलेज है. राज्य के इन कॉलेजों का वर्ष 1986 में सरकारीकरण हुआ. कॉलेजों के सरकारीकरण के बाद संबंधित विश्वविद्यालयों ने इन कॉलेजों के शिक्षकों की सेवा तो अधिकृत कर ली. लेकिन इनके प्रमाण पत्रों का सत्यापन सही तरीके से नहीं हुआ. अब ऐसे ही कॉलेजों के शिक्षकों पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. सिर्फ रांची विश्वविद्यालय में मांडर कॉलेज, केसीबी कॉलेज बेड़ो, बीएनजे कॉलेज सिसई और पीपीके कॉलेज बुंडू नवांगीभूत कॉलेज हैं. ऐसे कॉलेजों में फर्जी शिक्षकों का मामला सबसे ज्यादा है. हालांकि अब तक इस दिशा में वृहद रूप से जांच नहीं हुई है. जांच होने पर मामला स्पष्ट हो पाएगा.

मामला आने पर होगी जांच
मामले को लेकर हमारी टीम ने रांची विश्वविद्यालय के प्रशासनिक पदाधिकारी रजिस्ट्रार एमसी मेहता से भी बातचीत की है. इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर ऐसे मामले विश्वविद्यालय प्रबंधन के पास आएगी तो जांच करवाई जाएगी. जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे. उसी के आधार पर कार्रवाई होगी.

विश्वविद्यालय प्रबंधन पर सवाल
अब विश्वविद्यालय प्रबंधन पर सवाल यह उठता है कि लगातार ऐसे मामले उजागर हो रहे हैं. इसके बावजूद रजिस्ट्रार को इस संबंध में ज्यादा कुछ जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसे मामले आएंगे तो जांच होगी. हालांकि इस दिशा में विश्वविद्यालय प्रबंधन को सोचने की जरूरत है, नहीं तो फर्जी शिक्षकों के भरोसे ही रांची विश्वविद्यालय का पठन-पाठन भी संचालित होता रहेगा. मामला गंभीर है.

Last Updated : Oct 9, 2021, 5:26 PM IST
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