रांचीः किसी भी प्रदेश की कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में पुलिस का सबसे अहम योगदान होता है. लेकिन झारखंड एक ऐसा राज्य है, जहां ट्रांसफर पोस्टिंग में अनियमितता की वजह से अजब स्थिति उत्पन्न हो गई है. राजधानी रांची में पुलिस के तीन प्रमुख पद खाली हैं, जिसकी वजह से कई जांच प्रभावित हो रही है. इसके साथ ही ट्रैफिक व्यवस्था भी चौपट हो रही है.
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तीन महीने से ट्रैफिक एसपी नहीं
5 अगस्त को रांची के तत्कालीन ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग का तबादला हुआ था, उसके बाद से अब तक रांची में नियमित ट्रैफिक एसपी की पोस्टिंग नही हुई है. सीसीआर एएसपी रिष्मा रमेशन ट्रैफिक एसपी के प्रभार में रही लेकिन बुधवार को उनका भी तबादला कर दिया गया. रिष्मा रमेशन को धनबाद का रूरल एसपी बनाया गया है. ऐसे में राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था संभालने वाला फिलहाल कोई आईपीएस नहीं है.
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डुंगडुंग के तबादले पर सवाल
रांची के ट्रैफिक एसपी रहे अजीत पीटर डुंगडुंग का तबादला झारखंड जगुआर में हुआ था, लेकिन वहां एसपी का पद ही नहीं है. इसकी वजह से उन्हें वेतन तक नहीं मिल रहा है. अब सवाल यह है कि आखिर अजीत पीटर डुंगडुंग को वैसे स्थान पर क्यों भेजा गया, जहां उनके लिए पद ही नहीं था. सवाल यह भी है कि जब अजीत पीटर ट्रैफिक की जिम्मेदारी बेहतर तरीके से संभाल रहे थे, तो भी उनका तबादला आखिर क्यों किया गया. उनके तबादले के बाद नियमित ट्रैफिक एसपी की पोस्टिंग क्यों नहीं की गई?
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हटिया और सीसीआर डीएसपी का पद खाली
वर्तमान समय में हटिया डीएसपी का पद बेहद महत्वपूर्ण बना हुआ है क्योंकि सरकार के खिलाफ साजिश से संबंधित कई बड़े मामले हटिया डीएसपी के जांच पर निर्भर करते हैं. रवि केजरीवाल के खिलाफ पीसी एक्ट में एफआईआर दर्ज की गई है, जिसकी जांच डीएसपी हटिया के जिम्मे है. हटिया डीएसपी का पद खाली होने की वजह से जांच का काम भी प्रभावित हो रहा है. रवि केजरीवाल पर यह आरोप है कि उन्होंने हेमंत सरकार के खिलाफ साजिश रची और विधायकों से संपर्क कर उन्हें सरकार के खिलाफ जाने के लिए उकसाया.
हटिया डीएसपी के जिम्मे राज्यसभा हॉर्स ट्रेडिंग का मामला भी है. इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री सहित एक पुलिस अधिकारी की भूमिका संदिग्ध पाई गई है. आईपीएस विनीत कुमार के तबादले के बाद हटिया डीएसपी का पद खाली पड़ा हुआ है. वही आईपीएस अधिकारी रिष्मा रमेशन के तबादले के बाद सीसीआर डीएसपी का पद भी खाली पड़ा हुआ है.
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चार प्रशिक्षु आईपीएस को पोस्टिंग का इंतजार
नेशनल पुलिस अकादमी हैदराबाद से एक साल की ट्रेनिंग कर झारखंड कैडर में आए चार आईपीएस अधिकारी पोस्टिंग का इंतजार कर रहे हैं. पांच से छह महीने पूर्व झारखंड आए इन अधिकारियों को नियमानुसार अब तक जिला ट्रेनिंग के लिए एसडीपीओ या एएसपी के तौर पर की जानी चाहिए थी. राजधानी सहित कई स्थानों पर एएसपी के पद खाली हैं, इसके बावजूद पोस्टिंग नहीं हो पा रही है.
हैदराबाद स्थित नेशनल पुलिस अकादमी से प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी हरीश विन जमन, हरविंदर सिंह, कपिल चौधरी और शुभांशू जैन को झारखंड कैडर मिला है. कैडर आवंटन के बाद इन आईपीएस अधिकारियों को पुलिस मुख्यालय के स्तर से नक्सल प्रभाव वाले जिलों में तैनात किया गया था. यहां उन्हें थाना ट्रेनिंग और विधि व्यवस्था में लगाया गया है. हरीश बिन जमन को चाईबासा, हरविंदर सिंह को लातेहार, कपिल चौधरी को पलामू और शुभांशू जैन को गुमला जिले में तैनात किया गया था. इन सभी की अब तक एएसपी स्तर पर तैनाती नहीं हो पाई है.