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पुलिस के राडार पर विशेष उम्र के बाइक राइडर, डीएल लेकर चेसिस नंबर तक की हो रही जांच - Jharkhand news

रांची में अपराध को कंट्रोल करने और हादसों को रोकने के लिए पुलिस के रडार पर हाई स्पीड दोपहिया चालक हैं. खासकर वैसे दोपहिया चालक जिनकी उम्र 17 से 30 साल है. इसके लिए पुलिस लगातार एंटी क्राइम चेकिंग अभियान चला रही है.

Ranchi Police is targeting bike riders
Ranchi Police is targeting bike riders
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Published : Aug 18, 2022, 6:35 PM IST

Updated : Aug 18, 2022, 9:57 PM IST

रांची: राजधानी रांची में हाई स्पीड दोपहिया वाहन (High Speed Two Wheelers) से लगातार झपटमारी की खबरें आती रहती हैं. इसके अलावा इन वाहनों से हादसे भी होते रहते हैं. इसे रोकने के लिए पुलिस विशेष योजना पर काम कर रही है. एंटी क्राइम चेकिंग अभियान (Anti crime checking campaign) के दौरान हाई स्पीड बाइक (High Speed Two Wheelers) चलाने वाले युवाओं की विशेष रूप से चेकिंग की जा रही है. पुलिस के 17 से लेकर 30 वर्ष के उम्र वाले युवाओं (Bike Riders In Age Group Of 17 to 30 Years) को टारगेट कर चेकिंग अभियान चला जा रही है.

ये भी पढ़ें: देवघर में दिनदहाड़े एक लाख रुपये की छिनतई, रुपये लेकर फरार हुए बाइक सवार अपराधी

17 से लेकर 30 वर्ष के उम्र वाले युवाओं (Bike Riders In Age Group Of 17 to 30 Years) को टारगेट करने के पीछे दो बड़ी वजह है, पहली वजह यह है कि हाल के दिनों में जो भी लूट और छिनतई की वारदातें राजधानी में हुई हैं उनमें अधिकांश मामलों में हाई स्पीड बाइक का ही प्रयोग किया गया है. वहीं, अपराधिक वारदातों को अंजाम देने वालों की उम्र भी 17 से लेकर तकरीबन 30 वर्ष के बीच ही पाई गई है. यही वजह है कि एंटी क्राइम चेकिंग अभियान (Anti crime checking campaign) में इस उम्र वर्ग के लोगों पर विशेष नजर रखी जा रही है.

देखें वीडियो


हादसे भी है टारगेट की वजह: राजधानी में हाल के दिनों में युवाओं के बीच हाई स्पीड बाइक का क्रेज काफी बड़ा है. कॉलेज जाने वाले छात्र हाई स्पीड बाइक (High Speed Two Wheelers) लेकर अक्सर खुली जगह हो या फिर भीड़ भाड़ वाली जगह स्टंट करते नजर आते हैं. वहीं, कुछ युवा बेहद तेज गति से भी भीड़भाड़ वाले इलाकों में भी वाहन चलाते हैं. आए दिन इसी वजह से हादसे भी होते हैं जिनमें युवाओं की जान चली जाती है. पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि जो युवा हादसों का शिकार होते हैं, उनमें से अधिकांश के पास ड्राइविंग लाइसेंस तक नहीं होता. ऐसे में पुलिस की यह योजना है कि अगर चेकिंग अभियान को बेहद कारगर तरीके से चलाया जाए तो ऐसे युवाओं के स्टंट और रफ ड्राइविंग पर ब्रेक लगाया जा सकता है.

हर कागजात की चेकिंग: रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि सीनियर एसपी ने ये आदेश जारी किया गया है कि 17 से लेकर 30 वर्ष के उम्र वाले युवाओं पर विशेष चौकसी बरती जाए. इसी वजह से अलग-अलग पाली में जवानों और अफसरों की ड्यूटी लगा कर नियमित एंटी क्राइम चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. ग्रामीण एसपी के अनुसार हाल के दिनों में अधिकांश वारदातों में शामिल अपराधियों को जब चिन्हित किया गया तो सब की उम्र 30 वर्ष से कम ही पाई गई. यह सभी हाई स्पीड बाइक का प्रयोग करते हैं इसी वजह से पुलिस ने यह रणनीति बनाई कि 17 से 30 वर्ष के उम्र के युवाओं पर निगरानी रखी जाय. इससे अपराध पर भी लगाम लगेगा और सड़क हादसों में कमी आएगी.



हर दिन औचक जांच: राजधानी में हर दिन एंटी क्राइम चेकिंग अभियान चलाया जाना है, लेकिन इसका समय निश्चित नहीं होता है. इसके लिए बकायदा समय सीनियर अधिकारियों के द्वारा तय किया जाता है और वायरलेस पर इसकी सूचना दी जाती है. जिसके बाद त्वरित गति से हर थाना क्षेत्र में थाना प्रभारी एंटी क्राइम चेकिंग अभियान तुरंत शुरू कर देते हैं. सभी थाना प्रभारियों के द्वारा अपने-अपने थाना क्षेत्रों में कुछ विशेष चेकिंग पॉइंट निर्धारित किए गए हैं, उन सभी चेकिंग पॉइंट पर विशेष चेकिंग अभियान चलाया जाता है. ऐसे चेकिंग पॉइंट हैं जहां से अपराधियों के आने जाने का सुराग मिलते रहता है. सबसे बड़ी बात यह है कि पूरी राजधानी में जब भी एंटी क्राइम चेकिंग अभियान चलाया जाता है तो उसमें स्वयं थाना प्रभारी को भी मौजूद रहना पड़ता है.

कागजातों का मिलान जरूरी: चेकिंग अभियान के दौरान शामिल रहने वाले पुलिसकर्मियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वे सिर्फ सतही तौर पर एंटी क्राइम चेकिंग अभियान नहीं चलाएंगे, बल्कि वाहनों को चेक करके उनके नंबर को रजिस्टर में नोट करेंगे इसके अलावा जो कागजात चेक किए जाएंगे उनसे आधार पर चेचिस नंबर भी चेक किया जाए ताकि बाइक चोरी कि तो नहीं है यह पता चल सके.

रांची: राजधानी रांची में हाई स्पीड दोपहिया वाहन (High Speed Two Wheelers) से लगातार झपटमारी की खबरें आती रहती हैं. इसके अलावा इन वाहनों से हादसे भी होते रहते हैं. इसे रोकने के लिए पुलिस विशेष योजना पर काम कर रही है. एंटी क्राइम चेकिंग अभियान (Anti crime checking campaign) के दौरान हाई स्पीड बाइक (High Speed Two Wheelers) चलाने वाले युवाओं की विशेष रूप से चेकिंग की जा रही है. पुलिस के 17 से लेकर 30 वर्ष के उम्र वाले युवाओं (Bike Riders In Age Group Of 17 to 30 Years) को टारगेट कर चेकिंग अभियान चला जा रही है.

ये भी पढ़ें: देवघर में दिनदहाड़े एक लाख रुपये की छिनतई, रुपये लेकर फरार हुए बाइक सवार अपराधी

17 से लेकर 30 वर्ष के उम्र वाले युवाओं (Bike Riders In Age Group Of 17 to 30 Years) को टारगेट करने के पीछे दो बड़ी वजह है, पहली वजह यह है कि हाल के दिनों में जो भी लूट और छिनतई की वारदातें राजधानी में हुई हैं उनमें अधिकांश मामलों में हाई स्पीड बाइक का ही प्रयोग किया गया है. वहीं, अपराधिक वारदातों को अंजाम देने वालों की उम्र भी 17 से लेकर तकरीबन 30 वर्ष के बीच ही पाई गई है. यही वजह है कि एंटी क्राइम चेकिंग अभियान (Anti crime checking campaign) में इस उम्र वर्ग के लोगों पर विशेष नजर रखी जा रही है.

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हादसे भी है टारगेट की वजह: राजधानी में हाल के दिनों में युवाओं के बीच हाई स्पीड बाइक का क्रेज काफी बड़ा है. कॉलेज जाने वाले छात्र हाई स्पीड बाइक (High Speed Two Wheelers) लेकर अक्सर खुली जगह हो या फिर भीड़ भाड़ वाली जगह स्टंट करते नजर आते हैं. वहीं, कुछ युवा बेहद तेज गति से भी भीड़भाड़ वाले इलाकों में भी वाहन चलाते हैं. आए दिन इसी वजह से हादसे भी होते हैं जिनमें युवाओं की जान चली जाती है. पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि जो युवा हादसों का शिकार होते हैं, उनमें से अधिकांश के पास ड्राइविंग लाइसेंस तक नहीं होता. ऐसे में पुलिस की यह योजना है कि अगर चेकिंग अभियान को बेहद कारगर तरीके से चलाया जाए तो ऐसे युवाओं के स्टंट और रफ ड्राइविंग पर ब्रेक लगाया जा सकता है.

हर कागजात की चेकिंग: रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि सीनियर एसपी ने ये आदेश जारी किया गया है कि 17 से लेकर 30 वर्ष के उम्र वाले युवाओं पर विशेष चौकसी बरती जाए. इसी वजह से अलग-अलग पाली में जवानों और अफसरों की ड्यूटी लगा कर नियमित एंटी क्राइम चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. ग्रामीण एसपी के अनुसार हाल के दिनों में अधिकांश वारदातों में शामिल अपराधियों को जब चिन्हित किया गया तो सब की उम्र 30 वर्ष से कम ही पाई गई. यह सभी हाई स्पीड बाइक का प्रयोग करते हैं इसी वजह से पुलिस ने यह रणनीति बनाई कि 17 से 30 वर्ष के उम्र के युवाओं पर निगरानी रखी जाय. इससे अपराध पर भी लगाम लगेगा और सड़क हादसों में कमी आएगी.



हर दिन औचक जांच: राजधानी में हर दिन एंटी क्राइम चेकिंग अभियान चलाया जाना है, लेकिन इसका समय निश्चित नहीं होता है. इसके लिए बकायदा समय सीनियर अधिकारियों के द्वारा तय किया जाता है और वायरलेस पर इसकी सूचना दी जाती है. जिसके बाद त्वरित गति से हर थाना क्षेत्र में थाना प्रभारी एंटी क्राइम चेकिंग अभियान तुरंत शुरू कर देते हैं. सभी थाना प्रभारियों के द्वारा अपने-अपने थाना क्षेत्रों में कुछ विशेष चेकिंग पॉइंट निर्धारित किए गए हैं, उन सभी चेकिंग पॉइंट पर विशेष चेकिंग अभियान चलाया जाता है. ऐसे चेकिंग पॉइंट हैं जहां से अपराधियों के आने जाने का सुराग मिलते रहता है. सबसे बड़ी बात यह है कि पूरी राजधानी में जब भी एंटी क्राइम चेकिंग अभियान चलाया जाता है तो उसमें स्वयं थाना प्रभारी को भी मौजूद रहना पड़ता है.

कागजातों का मिलान जरूरी: चेकिंग अभियान के दौरान शामिल रहने वाले पुलिसकर्मियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वे सिर्फ सतही तौर पर एंटी क्राइम चेकिंग अभियान नहीं चलाएंगे, बल्कि वाहनों को चेक करके उनके नंबर को रजिस्टर में नोट करेंगे इसके अलावा जो कागजात चेक किए जाएंगे उनसे आधार पर चेचिस नंबर भी चेक किया जाए ताकि बाइक चोरी कि तो नहीं है यह पता चल सके.

Last Updated : Aug 18, 2022, 9:57 PM IST
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