रांची: बुधवार को बीजेपी नेता जितराम मुंडा की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पुलिस की टीम ने दो लोगों को हिरासत में लिया है. इसमें मनोज मुंडा और एक अन्य शामिल हैं. दोनों से पुलिस कड़ाई से पूछताछ कर रही है. पुलिस की अब तक की जांच में आपसी रंजिश में हत्या होने की बात सामने आयी है. पुलिस को आशंका है कि मनोज ने ही जीतराम मुंडा की हत्या की पूरी साजिश रची होगी. हालांकि पुलिस उससे लगातार पूछताछ कर रही है.
इधर, पुलिस देर शाम पुलिस की टीम जीतराम की पत्नी से उसके पुंदाग स्थित घर पर गई और उसका बयान दर्ज किया. बुधवार को विधायक बंधु तिर्की का पुतला दहन करने के बाद जीतराम राज किशोर के साथ पालू स्थित एक होटल में बैठे हुए थे. इसी दौरान बाइक सवार दो अपराधी पहुंचे. एनएच सड़क की दूसरी तरफ अपराधियों ने बाइक खड़ी कर दी. इसके बाद एक अपराधी पिस्टल के साथ सड़क पार कर होटल पहुंचा और चाय पी रहे जीतराम पर गोली दाग दी. इसके बाद अपराधी दौड़ते हुए सड़क पार कर बाइक में बैठकर रांची की तरफ फरार हो गया. आनन-फानन में जीतराम को मेदांता अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
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दो बार जीतराम पर हमला कर चुका है मनोज
जीतराम मुंडा का हत्या करने का आरोप साहेर गांव निवासी मनोज मुंडा पर लगा है. मनोज मुंडा के खिलाफ ओरमांझी थाना में चार मामले दर्ज हैं. वह कोर्ट से बेल पर बाहर है. उस पर सबसे पहले 23 दिसंबर 2014 को पत्नी की हत्या करने पर दहेज हत्या का मामला दर्ज हुआ था. उसके बाद उसका विवाद जीतराम मुंडा से हुआ था. मनोज ने जीतराम मुंडा के घर जाकर गोली चलाई थी, इस मामले में छह फरवरी 2017 को मामला दर्ज हुआ था और वह जेल भी गया था. मनोज ने 12 जुलाई 2017 को ही पिस्का और इचादाग गांव में रामधन बेदिया का क्रशर, पोकलेन और जेसीबी उग्रवादियों के साथ मिलकर जला दिया था. इस मामले में वह जेल गया था. उस समय घटना को अंजाम देकर वह मुंबई भागने की तैयारी कर रहा था, लेकिन पुलिस ने उसे भागने से पहले ही पकड़ लिया था.
सड़क जाम कर हुआ प्रदर्शन
बीजेपी एसटी एससी मोर्चा के ग्रामीण जिला अध्यक्ष जीतराम मुंडा की हत्या के विरोध में गुरुवार को भाजपा कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए. हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से आक्रोशित कार्यकर्ता शव के साथ ओरमांझी शास्त्री चौक को जाम कर दिया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने ओरमांझी चौक और उसके आसपास की दुकानों को भी बंद करवा दिया. सभी कार्यकर्ता सड़क पर बैठ गए. इस दौरान किसी भी वाहन को उस मार्ग से गुजरने नहीं दिया जा रहा था. इस दौरान सरकार और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. यहां कहा गया कि 24 घंटे के भीतर अगर हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो भाजपा बड़ा फैसला लेगी.
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सूचना मिलने के बाद ओरमांझी सीओ विजय केरकेट्टा, सिल्ली डीएसपी किस्ट्रोफर केरकेट्टा और इंस्पेक्टर श्याम किशोर महतो दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे. इसके बाद कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस टीम की वार्ता हुई. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के नाम सीओ को मांग पत्र सौंपा. पुलिस से अविलंब गिरफ्तार करने का आश्वासन मिलने के बाद जाम हटाया गया.
हत्यारों को दें फांसी की सजा
भाजपा कार्यकर्ताओं ने सीओ को एक मांग पत्र सौपा है. कार्यकर्ताओं ने हत्यारों को 24 घंटे में गिरफ्तार करें और आरोपियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रायल चलाकर फांसी की सजा दिलायी जाए. जीतराम मुंडा के बच्चों को सरकार नि:शुल्क पढ़ाई की व्यवस्था की जाए. इसके अलावा परिवार के एक सदस्य को नौकरी, जीतराम मुंडा के परिजनों को दो करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाए. कार्यकर्ताओं ने सीओ से कहा है कि अगर सरकार उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं करती है तो भाजपा सड़क पर उतर कर आंदोलन करेगी.