रांची: अपने मालिक के घर से 26 लाख की चोरी कर फरार हुए ड्राइवर को रांची पुलिस ने छत्तीसगढ़ के रायपुर से गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार ड्राइवर अनिल भगत के पास से पुलिस ने 10 लाख रुपए नगद और चोरी के पैसे से खरीदे गए भारी मात्रा में महंगे सामान भी बरामद किए हैं.
गोंदा थाना प्रभारी की मेहनत आई काम
चोरी की वारदात के बाद से ही गोंदा पुलिस पर बहुत ज्यादा प्रेशर बना हुआ था, इसी बीच गोंदा थाना प्रभारी अवधेश ठाकुर को यह जानकारी मिली की अनिल भगत छत्तीसगढ़ के रायपुर में रह रहा है. जानकारी यह भी मिली कि वहां पर उसकी प्रेमिका भी मौजूद है. टेक्निकल टीम की मदद से पुलिस की टीम ने रायपुर में छापेमारी की और अनिल भगत को धर दबोचा. अनिल के पास से पुलिस ने चोरी के 26 लाख में से 10 लाख रुपए बरामद किए हैं. हालांकि, अधिकांश पैसे अनिल ने घूमने-फिरने और खरीदारी में उड़ा दिए हैं.
शानो शौकत की हर सामान की खरीदारी
26 लाख चुराने के बाद अनिल ने ऐशो आराम की जिंदगी बिताई, उसमें चोरी के पैसे से एलईडी टीवी, लैपटॉप, महंगे कपड़े, घड़ी, सोफा जैसे सामानों की जमकर खरीदारी की. अनिल भगत की गिरफ्तारी के बाद रांची के धुर्वा इलाके से पुलिस की टीम ने चोरी के पैसे से खरीदे गए एक ट्रक सामान भी जब्त किया है.
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मुंबई-दिल्ली जैसे शहर घूमता रहा
थाना प्रभारी अवधेश ठाकुर ने बताया कि चोरी करने के बाद अनिल उसी पैसे से मुंबई-दिल्ली जैसे शहर घूमता रहा. इस दौरान उसने लगभग पूरे देश का भ्रमण किया. जब काफी कम पैसे बच गए, तब अनिल छत्तीसगढ़ में ही कोई काम खोज रहा था, ताकि वहीं पर रह कर पुलिस की नजरों से बच सके, लेकिन टेक्निकल सेल की मदद से उसे धर दबोचा गया.
मालिक को हुआ था कोविड उसी दौरान उड़ा दिए थे 26 लाख
गोंदा थाना इलाके के कांके रोड स्थित एक अपार्टमेंट में रहने वाले कारोबारी रविंद्र कुमार टिबड़ेवाल के घर से 26 लाख की चोरी हो गई थी. रविंद्र कुमार टिबड़ेवाल कांके रोड स्थित ब्लेसिंगटन हाइट में दसवें तल्ले पर अकेले रहते हैं. 24 अप्रैल को वे कोरोना से गंभीर रूप से संक्रमित हो गए थे. इस वजह से उन्हें सेंटेविटा अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था. वे गंभीर स्थिति में एक महीने से ज्यादा 28 मई तक अस्पताल में भर्ती रहे. जहां उनका इलाज चल रहा था. व्यवसायी होने की वजह से ग्राहकों और डीलरों से कलेक्शन के पैसे उनके पास बीमार होने के दौरान काफी आ गए थे. जिसे वे बैंक में जमा नहीं करा सके थे. उन पैसों को उन्होंने अपने फ्लैट में एक लकड़ी के अलमीरा में रखा था. उसी अपार्टमेंट में चौथे तल्ले में स्थिति दूसरे फ्लैट में उनकी पत्नी और बच्चे रहते हैं. जब उनकी तबीयत में सुधार आया तो 18 जून को वे दोबारा अपने दसवें तल्ले के फ्लैट में गए. अलमीरा खोला तो देखा कि उसमें रखे पैसे गायब थे. जब इस मामले की जांच की तो पता चला कि उनके चालक अनिल ने नौकरी छोड़ दी है. उससे संपर्क करने का प्रयास भी किया, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया. इसके बाद उन्होंने गोंदा थाना पहुंचकर आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी.