रांची: राजधानी में कुख्यात कोढ़ा गिरोह के बाद अब तमिलनाडु का मुरगन गैंग आतंक मचाए हुए है. हालांकि मुरुगन चोर गिरोह के मुखिया को रांची पुलिस द्वारा पकड़ लिया गया है. गिरोह के मुखिया का नाम मुरुगन मानीकम है.
इस गैंग ने कई बार चोरी की वारदात को अंजाम देकर रांची पुलिस की नींद हराम कर दी थी. वहीं, गिरोह के 8 लोग अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. गिरफ्तारी के बाद मुरुगन ने गिरोह के लेकर कई सारी बातों का खुलासा किया है.
चोरी करना ही इनका मुख्य धर्म
जानकारी के अनुसार इस गिरोह के लोग हथियार नहीं रखते हैं. लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए नशीली दवाओं का इस्तेमाल करते हैं. यही वजह है कि यह जल्दी पकड़ में नहीं आते. अगर इनका कोई सदस्य गिरफ्तार भी हो जाए, तब भी यह चोरी की वारदात को अंजाम देने से नहीं चूकते. इनका मानना है कि चोरी इनका मुख्य धर्म है और इसे किसी भी कीमत में पूरा करना है.
बेहद शातिर है ये गिरोह, पूरा गाँव करता है चोरी
मुरुगन ने बताया कि उसका पूरा गांव चोरी करता है. करीब डेढ़ सौ लोग चोरी के धंधे में लगे हैं. उनका जीवन यापन भी इसी धंधे से होता है. गांव में सभी का अपना-अपना गिरोह है. यह पहले तय हो जाता है कि कौन गिरोह किस राज्य में जाएगा. जिस राज्य में गिरोह के सदस्य पकड़े जाते हैं, दोबारा वहां चोरी की घटना को अंजाम नहीं देते हैं .
सिर्फ तीन पर्व त्योहार पर करते हैं चोरी
ये लोग अलग-अलग राज्यों में 3 पर्व के दौरान ही चोरी की वारदात को अंजाम देते हैं. गिरोह तीन पर्व सावन, दुर्गापूजा और संक्रांति के मौके पर चोरी ही करता है. उनका ऐसा मानना है कि इस दौरान उनके ईश्वर उनकी रक्षा करते हैं. मुरुगन 25 साल की उम्र से चोरी कर रहा है इस वक्त उसकी उम्र 50 साल है.
आधा दर्जन राज्यों में कर चुका है चोरी
यह गिरोह देश के आधा दर्जन से अधिक राज्यों के बैंकों में चोरी की वारदात को अंजाम दे चुका है. तामिलनाडु, आंध्र प्रदेश, बंगाल, केरला, महाराष्ट्र, बिहार और झारखंड के बैंकों में चोरी की वारदात कर चुका है.
थाना में भी रखा है गुप्तचर
मुरुगन ने बताया कि मलई थाना में भी उनका एक गुप्तचर है. जो हर तरह की जानकारी उन्हें उपलब्ध कराता है. देश के किसी भी थाने की पुलिस जब वहां पहुंचती है, उनके आने की खबर थाना से उन्हें प्राप्त हो जाता है. सूचना देने के एवज में उसे गिरोह की ओर से कमीश्न भी दिया जाता है.
सिंडिकेट, एसबीआई को बनाया था पहला निशाना
गिरोह के लोग सोमवार की सुबह साढ़े नौ बजे जमशेदपुर से रांची आए थे. इसके बाद वे सबसे पहले मेन रोड स्थित सिंडिकेट बैंक गए. लेकिन वहां पर उन्हें चोरी करने की जगह नहीं मिली. इसके बाद वो कचहरी रोड स्थित एसबीआई गए. वहां कैश काउंटर में शेड होने की वजह से वो लौट गए. इसलिए उन्होंने केनरा बैंक में चोरी की घटना को अंजाम दिया.
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बाकी सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए रेड अर्लट जारी
रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि यह गिरोह बेहद शातिर है. इस गिरोह का एक सदस्य पुलिस के हाथ आ चुका है. जबकि बाकी 8 सदस्य अभी भी फरार चल हैं . जिनकी गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम गठित की गई है. उम्मीद है कि सभी जल्द ही पुलिस के गिरफ्त में होंगे.