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निगम बना राजनीति का अड्डा, गठबंधन सरकार और बीजेपी मेयर आमने-सामने - रांची नगर निगम की खबरें

मेयर आशा लकड़ा लगातार सरकार की कार्यशैली पर ही सवाल खड़ा कर रही हैं. उन्होंने सुडा की ओर से टेंडर निकाले जाने पर सरकार पर नगर निगम के अधिकारों का हनन किए जाने का आरोप लगाया है.

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रांची नगर निगम
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Published : Jun 20, 2020, 4:15 PM IST

रांची: झारखंड सरकार की इकाई होने के बावजूद नगर निगम के सर्वोच्च पद पर बैठी मेयर लगातार सरकार के कार्यशैली पर ही सवाल खड़ा कर रही हैं. मेयर ने गर्मी के समय जहां पानी की व्यवस्था और सेनेटाइजेशन के लिए राशि आवंटन करने की मांग की थी, तो वहीं वर्तमान में बड़ा तालाब की सफाई के लिए भी राशि की मांग की है. लेकिन साथ ही उन्होंने सुडा की ओर से टेंडर निकाले जाने पर सरकार पर नगर निगम के अधिकारों का हनन किए जाने का आरोप लगाया है. अगर यह आरोप प्रत्यारोप चलता रहा तो इसका सीधा नुकसान यहां की जनता को उठाना पड़ेगा.

देखें पूरी खबर
'जनता निगम के कार्यों से संतुष्ट नहीं'झारखंड में जब बीजेपी की सरकार थी तो मेयर की ओर से सरकार पर कोई आरोप नहीं लगाए जा रहे थे, लेकिन सरकार बदलते ही मेयर के सूर भी बदल गए हैं. अलाम ये है कि राज्य में गठबंधन की सरकार और निगम के सर्वोच्च पद पर बैठी बीजेपी की मेयर आमने सामने आ गए हैं, जो शहर के विकास की राह में रोड़ा उत्पन्न कर सकता है. सत्ता में शामिल कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेश गुप्ता ने मेयर आशा लकड़ा की ओर से लगातार सरकार पर लगाए जा रहे आरोप और राशि आवंटन की मांग को लेकर कहा है कि पहले उन्हें बताना चाहिए कि जिन मदों से टैक्स आते हैं. उससे कितना टैक्स आया है. शहर में निगम की ओर से क्या कार्य किए गए हैं. क्योंकि जनता निगम की कार्यों से संतुष्ट नहीं है.

ये भी पढ़ें- बोकारो: खिलौने में मिला जिलेटिन बम, किया गया डिफ्यूज


'निगम सरकार पर ही निर्भर है'
मेयर आशा लकड़ा का कहना है कि पिछली सरकार में निगम को जो भी जरूरत थी. उसकी मांग की जाती थी तो वह पूरा किया जाता था. लेकिन इस सरकार में उनके हक अधिकार को भी छीनने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि निगम राजनीति नहीं कर रही है, बल्कि जरूरत के हिसाब से मांग कर रही है, क्योंकि निगम सरकार पर ही निर्भर है.

रांची: झारखंड सरकार की इकाई होने के बावजूद नगर निगम के सर्वोच्च पद पर बैठी मेयर लगातार सरकार के कार्यशैली पर ही सवाल खड़ा कर रही हैं. मेयर ने गर्मी के समय जहां पानी की व्यवस्था और सेनेटाइजेशन के लिए राशि आवंटन करने की मांग की थी, तो वहीं वर्तमान में बड़ा तालाब की सफाई के लिए भी राशि की मांग की है. लेकिन साथ ही उन्होंने सुडा की ओर से टेंडर निकाले जाने पर सरकार पर नगर निगम के अधिकारों का हनन किए जाने का आरोप लगाया है. अगर यह आरोप प्रत्यारोप चलता रहा तो इसका सीधा नुकसान यहां की जनता को उठाना पड़ेगा.

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'जनता निगम के कार्यों से संतुष्ट नहीं'झारखंड में जब बीजेपी की सरकार थी तो मेयर की ओर से सरकार पर कोई आरोप नहीं लगाए जा रहे थे, लेकिन सरकार बदलते ही मेयर के सूर भी बदल गए हैं. अलाम ये है कि राज्य में गठबंधन की सरकार और निगम के सर्वोच्च पद पर बैठी बीजेपी की मेयर आमने सामने आ गए हैं, जो शहर के विकास की राह में रोड़ा उत्पन्न कर सकता है. सत्ता में शामिल कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेश गुप्ता ने मेयर आशा लकड़ा की ओर से लगातार सरकार पर लगाए जा रहे आरोप और राशि आवंटन की मांग को लेकर कहा है कि पहले उन्हें बताना चाहिए कि जिन मदों से टैक्स आते हैं. उससे कितना टैक्स आया है. शहर में निगम की ओर से क्या कार्य किए गए हैं. क्योंकि जनता निगम की कार्यों से संतुष्ट नहीं है.

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'निगम सरकार पर ही निर्भर है'
मेयर आशा लकड़ा का कहना है कि पिछली सरकार में निगम को जो भी जरूरत थी. उसकी मांग की जाती थी तो वह पूरा किया जाता था. लेकिन इस सरकार में उनके हक अधिकार को भी छीनने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि निगम राजनीति नहीं कर रही है, बल्कि जरूरत के हिसाब से मांग कर रही है, क्योंकि निगम सरकार पर ही निर्भर है.

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