रांची: नगर निगम में होल्डिंग टैक्स कलेक्शन करने के लिए नई एजेंसी के आने से पहले और बाद में शहर की मेयर आशा लकड़ा और नगर विकास विभाग आमने सामने आए थे. जिसके बाद मामला कोर्ट में भी गया. मेयर का साफ आरोप रहा है कि नगर विकास विभाग नगर निगम के कार्यों में हस्तक्षेप कर रहा है. ऐसे में टैक्स कलेक्शन की गति धीमी है. हालांकि कोविड-19 के बाद टैक्स कलेक्शन में असर पड़ा है फिर भी नगर निगम की नई एजेंसी की ओर से होल्डिंग टैक्स कलेक्शन के टारगेट को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है.
टारगेट अचीव करने की उम्मीद अब भी बरकरार
अगर इसके डाटा को देखा जाए तो वित्तीय वर्ष 2020-21 में होल्डिंग टैक्स कलेक्शन लगभग 44 करोड़ तक पहुंचा. हालांकि पिछले वित्तीय वर्ष में 50 करोड़ से ज्यादा का टैक्स कलेक्शन किया गया था. नगर निगम को उम्मीद है कि टैक्स कलेक्शन के टारगेट को अचीव कर लिया जाएगा. नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने कहा कि होल्डिंग टैक्स कलेक्शन किया जा रहा है. कोविड-19 की वजह से कई चीजें प्रभावित हुई हैं और नई एजेंसी के आने में भी देरी हुई है, लेकिन फिर भी टैक्स कलेक्शन का काम निर्बाध तरीके से चल रहा है. ऑनलाइन की समस्या में भी सुधार किया गया है. कई परेशानियां अभी भी हैं. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि ज्यादा से ज्यादा लोग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का यूज करें. ताकि कार्यालय आने की जरूरत न पड़े और लोग परेशान होने से बचें. उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के बाद भी जो टारगेट है, वो जरूर पूरा होगा.
क्या कहती हैं मेयर आशा लाकड़ा
शहर की मेयर आशा लाकड़ा ने कहा है कि फिलहाल मामला कोर्ट में है और कोर्ट के डिसीजन के बाद ही वो कुछ कह पाएंगी. हालांकि कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए आम लोगों के लिए टैक्स में छूट की मांग की गई थी, लेकिन सरकार की तरफ से फिलहाल कोई कदम नहीं उठाया गया है. उन्होंने कहा कि नई एजेंसी आने के बाद होल्डिंग टैक्स कलेक्शन करने का काम धीमा हो गया है. ऑनलाइन व्यवस्था भी शुरू कर दी गई लेकिन वो भी पूरी तरह दुरुस्त नहीं हो पाई है.
ढाई लाख घरों से होल्डिंग कलेक्शन जारी
बहरहाल रांची नगर निगम होल्डिंग टैक्स कलेक्शन का काम कर रही लेकिन नई एजेंसी को लेकर विरोधाभास खत्म नहीं हुआ है. सर्वे के अनुसार ढाई लाख घरों से होल्डिंग कलेक्शन जारी है. लेकिन मामला कोर्ट में होने की वजह से अभी भी समस्या बरकरार है. लेकिन फिर भी वर्तमान में होल्डिंग टैक्स कलेक्शन के जो आंकड़े हैं वो बहुत हद तक टारगेट के नजदीक है.