रांची: चाईबासा जिला के मुफस्सिल थाना के एक केस में 10 सालों से जांच पूरी नहीं होने के मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है. हाई कोर्ट ने मामले पर चाईबासा के एसपी से जवाब पेश करने को कहा है. न्यायाधीश आनंद सेन की अदालत ने शैलेश अग्रवाल की सीआरएमपी याचिका पर सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत 10 वर्ष से पुलिस की जांच पूरी नहीं हो पाने पर आश्चर्य व्यक्त किया. उन्होंने चाईबासा एसपी को केस के आईओ और मॉनिटरिंग इंचार्ज को 7 फरवरी को अदालत में पेश करने को कहा है.
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वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शैलेश कुमार सिंह ने बताया कि चाईबासा में फर्जी कागजात के आधार पर लौह अयस्क की ट्रांसपोर्टिंग के एक मामले में साल 2009 में मुफस्सिल थाना में एक केस दायर कराई गई थी, जिसमें शैलेश कुमार का नाम जांच के क्रम में आया था. इस मामले में जितने नामजद अभियुक्त थे उसे निचली अदालत से बरी कर दिया गया. लेकिन जांच के क्रम में जो शैलेश अग्रवाल का नाम आया उसकी जांच लंबित ही रही. उसके बाद शैलेश अग्रवाल ने हाई कोर्ट में याचिका दायर करके अपने ऊपर लगे आरोप को निरस्त करने की मांग की. उस याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत में यह बात सामने आई कि 10 वर्ष से मामले में पुलिसिया जांच चल रही है. लेकिन अब तक जांच पूरी नहीं हुई. इस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए चाईबासा एसपी, आईओ और मॉनिटरिंग अधिकारी को हाजिर होकर जवाब देने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी.