रांची: झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के रांची कॉलेज के प्रोफेसर डॉक्टर के एस प्रसाद सिंह के योगदान के विवाद को लेकर रांची विश्वविद्यालय के दायर एलपीए याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद रांची विश्वविद्यालय की याचिका को खारिज कर दिया है.
अदालत ने एकल पीठ के आदेश पर अपनी मुहर लगाते हुए के एस प्रसाद सिंह को शीघ्र योगदान करवाने का आदेश दिया है. इसके साथ ही दिसंबर 2017 से अब तक का वेतन भी भुगतान करने का आदेश दिया है.
बता दें कि रांची विश्वविद्यालय के रांची कॉलेज में कार्यरत शिक्षक डॉक्टर के एस प्रसाद सिंह कुछ दिनों के लिए विश्वविद्यालय के अनुमति से बाहर गए थे. पुनः वे विश्वविद्यालय में दोबारा सेवा देने के लिए आवेदन दिया. जिस पर विश्वविद्यालय ने उनकी सेवाएं लेने से इंकार करते हुए उनके आवेदन को खारिज कर दिया.
विश्वविद्यालय के इस आदेश को के एस प्रसाद सिंह ने झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी. झारखंड हाई कोर्ट की एकल पीठ ने उन्हे सेवाएं देने का आदेश दिया लेकिन रांची विश्वविद्यालय ने एकल पीठ के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट के युगल पीठ में एलपीए याचिका दायर की. उसी एलपीए याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने उसे खारिज कर दिया है.
ये भी देखें- रांचीः कोरोना संकट के बीच कल आएगी राजधानी एक्सप्रेस, गृह मंत्रालय ने जारी किए ये निर्देश
सुनवाई के दौरान अदालत में बताया गया था कि रांची कॉलेज अभी रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत नहीं है इसलिए यह आदेश रांची विश्वविद्यालय को नहीं दिया जा सकता है. अदालत ने वर्तमान में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय को डॉ के एस प्रसाद सिंह की योगदान लेने और अब तक की वेतन भुगतान करने का आदेश दिया है.