रांची: पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनील तिवारी की मुश्किलें बढ़ते ही जा रही है. सुनील तिवारी पर लगे यौन शोषण और दुष्कर्म के आरोप की जांच पदाधिकारियों ने तेज कर दी है. अदालत ने सुनील तिवारी के खिलाफ वारंट जारी कर दिया है. रांची व्यवहार न्यायालय के अपर आयुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत से सुनील तिवारी के खिलाफ 21 अगस्त को वारंट जारी हुआ है. जिसके बाद सुनील तिवारी (Sunil Tiwari) की मुश्किलें बढ़ गई है. रांची पुलिस उनकी गिरफ्तारी को लेकर लगातार दबिश दे रही है.
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रांची व्यवहार न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रितांशु कुमार सिंह ने बताया कि अदालत से वारंट जारी हो जाने के बाद अभियुक्त को पुलिस कभी भी गिरफ्तार कर सकती है. अगर उनकी गिरफ्तारी नहीं होती है तो सीआरपीसी 82 के तहत इश्तेहार चस्पा कराने को लेकर अदालत में आवेदन दिया जा सकता है. वहीं वारंट के खिलाफ अभियुक्त भी एंटी सेपेटरी बेल फाइल कर सकते हैं. अभियुक्त अदालत में आवेदन देकर वारंट गलत बताकर खारिज करने की अपील कर सकता है.
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी पर एक युवती ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. इस मामले में युवती ने 16 अगस्त को अरगोड़ा थाना में कांड संख्या 229/ 2021 दर्ज कराया है. बेड़ो डीएसपी को केस का अनुसंधानक बनाया गया है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पीड़िता का 164 का बयान भी दर्ज हो चुका है. आए दिन इस प्रकरण में नए मोड़ सामने आ रहा है. युवती के परिजनों के द्वारा इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट में हेवियस कोरपस भी दायर की गई है. इतना ही नहीं इस प्रकरण के सामने आने के बाद बीजेपी के कई नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात की थी. वहीं सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच भी लगातार बयानबाजी भी चल रही है.