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कोयला तस्करी मामले में CID जांच शुरू, रडार पर पुलिस और सीसीएल अफसर

कोयला तस्करी में पुलिस अफसरों की भूमिका की रांची सीआईडी ने जांच शुरू कर दी है. बता दें कि कोल तस्करी में पुलिस और सीसीएल अफसरों की भूमिका की जांच की जाएगी. सीआईडी ने लातेहार पुलिस के एसआईटी की जांच में आए तथ्यों के आधार पर केस को टेकओवर किया है.

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रांची सीआईडी
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Published : Jul 21, 2020, 9:10 PM IST

रांची: मगध-आम्रपाली कोल परियोजना के प्रोजेक्ट अफसर की शिकायत पर बालूमाथ इलाके में कोयला तस्करी की जांच सीआईडी ने शुरू कर दी है. सीआईडी ने लातेहार पुलिस के एसआईटी की जांच में आए तथ्यों के आधार पर केस को टेकओवर किया है. इस संबंध में बालूमाथ थाने में दर्ज केस 126/20 के अनुसंधान की जिम्मेदारी डीएसपी स्तर के अधिकारी जेपी चौधरी को दी गई है.

रडार पर कई पुलिस अधिकारी
सीआईडी कोयला तस्करी में लातेहार के एसडीपीओ रहे रणवीर सिंह, बालूमाथ के थानेदार रहे राजेश मंडल और पूर्व में बालूमाथ में तैनात रहे पुलिस अफसरों के अलावे चतरा, रांची, रामगढ़ समेत अन्य जिलों में कोयला तस्करी में शामिल अफसरों की भूमिका की जांच होगी. कोयला तस्करी में सीसीएल के अफसरों- कर्मियों की भूमिका की जांच भी सीआईडी करेगी. लातेहार पुलिस की एसआईटी की जांच में पुलिस, सीसीएल अफसरों और कोयला तस्करों के बीच बैंक खातों में करोड़ों की लेन देने की पुष्टि हुई थी.

ये भी पढ़ें- हजारीबागः अपराधी मोहम्मद जावेद को जेल, कई मामलों में था फरार

एसआईटी की जांच में क्या सच आया था सामने
कोयला माफिया मिथून साव, चेतलाल रामदास, पवन कुमार ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस अधिकारियों, सीसीएल के पदाधिकारियों और कर्मियों के सहयोग से अवैध कोयला कारोबार करने की बात स्वीकार की थी. अवैध कोयला पकड़ा न जाए इसके लिए लोडिंग, कांटा, जीएसटी और परिवहन संबंधी फर्जी कागजात तैयार किए जाते थे. जब्त मोबाइल की जांच में यह बात सामने आई कि पुलिसकर्मियों और कोल माफियाओं के बीच मैसेज पर कई सारी बातें मौजूद हैं. वहीं, कोयला के अवैध परिवहन के लिए रांची में रहने वाला संतोष मिश्रा फर्जी कागजात बनाता था. पुलिस ने संतोष के अरगोड़ा स्थित ऑफिस की भी तलाशी ली थी, जहां से कोयला संबंधी फर्जी कागजात मिले थे. व्हाट्सएप पर कई कागजात मिथून साव, त्रिवेणी साव को भेजे जाने के सबूत मिले हैं.

खातों का सत्यापन करेगी सीआईडी, इन बिंदूओं पर होगी जांच
कोयला माफियाओं के खातों के जरिए करोड़ों रुपए की राशि की लेन देन नियमित रूप से हुई है. मामले में सीआईडी अब पुलिस अफसरों के खातों का भी सत्यापन करेगी. कांड में तत्कालीन थानेदार राजेश मंडल, पूर्व के थानेदारों और तत्कालीन एसडीपीओ रणवीर सिंह की संलिप्तता आई है. कांड में जब्त एक पे लोडर पूर्व थानेदार सुभाष कुमार पासवान के निकट संबंधी का है. सीआईडी यह जांचेगी कि सुभाष पासवान के कोयला तस्करों से क्या संबंध थे.

ये भी पढ़ें- झारखंड में गुटखा और पान मसाला पर 2021 तक लगा बैन, स्वास्थ विभाग ने जारी किए आदेश

सीसीएल के पदाधिकारियों की भूमिका की गहराई से जांच

एसआईटी ने सीसीएल के पदाधिकारियों की भूमिका की गहराई से जांच करने, पैसों के लेन देने और साक्ष्यों के पूर्ण संकलन की जरूरत बताई है. एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि अब तक की जांच में ही करोड़ों के लेन देन के सबूत मिले हैं. कांड में दूसरे जिलों के गिरोह की भी भूमिका बताई गई है. एसआईटी ने रामगढ़ में अमित केसरी और रांची में संतोष मिश्रा के यहां से जो फर्जी दस्तावेज बरामद किए थे, उससे एसआईटी ने आशंका जाहिर की है कि गिरोह के अंतरराज्यीय लिंक हैं. टैक्स चोरी के पहलुओं पर भी जांच की गुजारिश एसआईटी ने पुलिस मुख्यालय से की थी. ऐसे में केस टेकओवर होने के बाद सीआईडी इन सारी पहलुओं को जांचेगी.

रांची: मगध-आम्रपाली कोल परियोजना के प्रोजेक्ट अफसर की शिकायत पर बालूमाथ इलाके में कोयला तस्करी की जांच सीआईडी ने शुरू कर दी है. सीआईडी ने लातेहार पुलिस के एसआईटी की जांच में आए तथ्यों के आधार पर केस को टेकओवर किया है. इस संबंध में बालूमाथ थाने में दर्ज केस 126/20 के अनुसंधान की जिम्मेदारी डीएसपी स्तर के अधिकारी जेपी चौधरी को दी गई है.

रडार पर कई पुलिस अधिकारी
सीआईडी कोयला तस्करी में लातेहार के एसडीपीओ रहे रणवीर सिंह, बालूमाथ के थानेदार रहे राजेश मंडल और पूर्व में बालूमाथ में तैनात रहे पुलिस अफसरों के अलावे चतरा, रांची, रामगढ़ समेत अन्य जिलों में कोयला तस्करी में शामिल अफसरों की भूमिका की जांच होगी. कोयला तस्करी में सीसीएल के अफसरों- कर्मियों की भूमिका की जांच भी सीआईडी करेगी. लातेहार पुलिस की एसआईटी की जांच में पुलिस, सीसीएल अफसरों और कोयला तस्करों के बीच बैंक खातों में करोड़ों की लेन देने की पुष्टि हुई थी.

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एसआईटी की जांच में क्या सच आया था सामने
कोयला माफिया मिथून साव, चेतलाल रामदास, पवन कुमार ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस अधिकारियों, सीसीएल के पदाधिकारियों और कर्मियों के सहयोग से अवैध कोयला कारोबार करने की बात स्वीकार की थी. अवैध कोयला पकड़ा न जाए इसके लिए लोडिंग, कांटा, जीएसटी और परिवहन संबंधी फर्जी कागजात तैयार किए जाते थे. जब्त मोबाइल की जांच में यह बात सामने आई कि पुलिसकर्मियों और कोल माफियाओं के बीच मैसेज पर कई सारी बातें मौजूद हैं. वहीं, कोयला के अवैध परिवहन के लिए रांची में रहने वाला संतोष मिश्रा फर्जी कागजात बनाता था. पुलिस ने संतोष के अरगोड़ा स्थित ऑफिस की भी तलाशी ली थी, जहां से कोयला संबंधी फर्जी कागजात मिले थे. व्हाट्सएप पर कई कागजात मिथून साव, त्रिवेणी साव को भेजे जाने के सबूत मिले हैं.

खातों का सत्यापन करेगी सीआईडी, इन बिंदूओं पर होगी जांच
कोयला माफियाओं के खातों के जरिए करोड़ों रुपए की राशि की लेन देन नियमित रूप से हुई है. मामले में सीआईडी अब पुलिस अफसरों के खातों का भी सत्यापन करेगी. कांड में तत्कालीन थानेदार राजेश मंडल, पूर्व के थानेदारों और तत्कालीन एसडीपीओ रणवीर सिंह की संलिप्तता आई है. कांड में जब्त एक पे लोडर पूर्व थानेदार सुभाष कुमार पासवान के निकट संबंधी का है. सीआईडी यह जांचेगी कि सुभाष पासवान के कोयला तस्करों से क्या संबंध थे.

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सीसीएल के पदाधिकारियों की भूमिका की गहराई से जांच

एसआईटी ने सीसीएल के पदाधिकारियों की भूमिका की गहराई से जांच करने, पैसों के लेन देने और साक्ष्यों के पूर्ण संकलन की जरूरत बताई है. एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि अब तक की जांच में ही करोड़ों के लेन देन के सबूत मिले हैं. कांड में दूसरे जिलों के गिरोह की भी भूमिका बताई गई है. एसआईटी ने रामगढ़ में अमित केसरी और रांची में संतोष मिश्रा के यहां से जो फर्जी दस्तावेज बरामद किए थे, उससे एसआईटी ने आशंका जाहिर की है कि गिरोह के अंतरराज्यीय लिंक हैं. टैक्स चोरी के पहलुओं पर भी जांच की गुजारिश एसआईटी ने पुलिस मुख्यालय से की थी. ऐसे में केस टेकओवर होने के बाद सीआईडी इन सारी पहलुओं को जांचेगी.

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