रांची: शनिवार को रांची एयरपोर्ट पर बोकारो से आए एक परिवार को हैदराबाद की फ्लाइट पर नहीं चढ़ने दिया गया. इसको लेकर मनीषा गुप्ता नामक एक यात्री ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि एक दिव्यांग बच्चा अपने अभिभावक के साथ रांची एयरपोर्ट से हैदराबाद का विमान पकड़ने आया था. लेकिन उड़ान भरने से पहले ही दिव्यांग बच्चे और उनके अभिभावक को इंडिगो एयरलाइंस के मैनेजर ने यात्रा करने से रोक दिया. इस पोस्ट के बाद हड़कंप मच गया. वहीं, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी मामले का संज्ञान लिया है. इस घटना पर एयरपोर्ट निदेशक ने सफाई दी है.
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एयरपोर्ट निदेशक केएल अग्रवाल ने कहा कि जो बातें सोशल मीडिया पर बताई जा रही है, वह सिर्फ भ्रम फैलाने की कोशिश है. उन्होंने कहा कि बच्चा काफी परेशान था. मां ने बच्चे को समझाने का प्रयास भी किया. लेकिन बच्चे की स्थिति लगातार खराब हो रही थी. उन्होंने कहा कि बच्चे की स्थिति को देखते हुए एयरलाइंस मैनेजर ने सफर करने से रोका है. एयरलाइंस मैनेजर ने ठहरने और दूसरी फ्लाइट की व्यवस्था की और हैदराबाद भेजा है.
निदेशक ने कहा कि बच्चे के हित को देखते हुए इंडिगो एयरलाइंस मैनेजर ने बच्चे और उनके अभिभावक को सफर करने से रोक दिया. उन्होंने कहा कि यात्री के लिए एक होटल की व्यवस्था की और दूसरे दिन बच्चे की स्थिति ठीक हुई तो उन्हें सकुशल उसी टिकट पर हैदराबाद भेजा गया. बता दें कि मनीषा गुप्ता की पोस्ट के बाद केंद्रीय विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने भी संज्ञान लिया है. इसके बाद एयरपोर्ट निदेशक ने अपना पक्ष रखा और कहा कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दिव्यांग बच्चे और उनके अभिभावक को यात्रा से रोका गया था.