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राजेश्वरी बी बनीं झारखंड की पहली महिला मनरेगा आयुक्त, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना चुनौती - झारखंड की पहली महिला मनरेगा आयुक्त

राजेश्वरी बी झारखंड की पहली महिला मनरेगा आयुक्त(MNREGA commissioner) बन गई हैं. राजेश्वरी बी(Rajeshwari B) की पहली प्राथमिकता केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को हर किसी तक पहुंचाना होगा. इसके अलावा इनके सामने योजनाओं से जुड़ी गड़बड़ियों पर विराम लगाने जैसी बड़ी चुनौती भी होगी.

jharkhand MNREGA commissioner
राजेश्वरी बी
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Published : Jul 8, 2021, 9:32 PM IST

रांची: 2014 बैच की आईएएस ऑफिसर राजेश्वरी बी(Rajeshwari B) झारखंड की पहली महिला मनरेगा आयुक्त(MNREGA commissioner) बनीं हैं. इससे पहले वह झारखंड की उपराजधानी दुमका की उपायुक्त थीं. ट्रांसफर होने के 24 घंटे के भीतर ही पदभार संभालते हुए उन्होंने कहा की केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को जन जन तक पहुंचाना प्राथमिकता होगी. मूलभूत समस्याओं का समाधान और व्यवस्थओं को दुरुस्त बनाए रखने पर विशेष जोर दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें: 48 घंटे के भीतर एक IAS ऑफिसर की दो बार हो गई पोस्टिंग, इस ट्रांसफर की खूब हो रही चर्चा

पहले दिन विभाग के सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों से मुलाकात

अपने ऑफिस पहुंचते ही राजेश्वरी बी ने विभाग के सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों से मुलाकात कर काम के तौर तरीके को समझा. आपको बता दें कि साल 2020 के मार्च महीने में कोरोना की एंट्री के बाद मनरेगा से जुड़ी योजनाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संभालने में मील का पत्थर साबित हुई हैं. चूकि कोरोना का दौर अभी भी जारी है, इसलिए नवनियुक्त मनरेगा आयुक्त पर ज्यादा से ज्यादा मानव दिवस का सृजन, मनरेगा कर्मियों की समस्याओं को दूर करने के अलावा योजनाओं से जुड़ी गड़बड़ियों पर विराम लगाना बड़ी चुनौती होगी.

मनरेगा के तहत 340 लाख मानव दिवस सृजित

संक्रमण काल के बावजूद वित्तीय वर्ष 2021-22 में अबतक मनरेगा के तहत 340 लाख मानव दिवस सृजित हुआ है. वर्तमान में कृषि से संबंधित 94.33% प्रतिशत योजनाएं झारखंड में चलाई जा रही हैं जो पूरे देश में सबसे अधिक है. इस वित्तीय वर्ष में अब तक योजना से जुड़े कुल 47, 242 कार्य को पूर्ण किया जा चुका है. जबकि 9.42 लाख योजनाओं का कार्य चालू है. कुल व्यय की लगभग 81 प्रतिशत राशि प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन से जुड़ी योजनाओं पर इस्तेमाल की गई है.

रांची: 2014 बैच की आईएएस ऑफिसर राजेश्वरी बी(Rajeshwari B) झारखंड की पहली महिला मनरेगा आयुक्त(MNREGA commissioner) बनीं हैं. इससे पहले वह झारखंड की उपराजधानी दुमका की उपायुक्त थीं. ट्रांसफर होने के 24 घंटे के भीतर ही पदभार संभालते हुए उन्होंने कहा की केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को जन जन तक पहुंचाना प्राथमिकता होगी. मूलभूत समस्याओं का समाधान और व्यवस्थओं को दुरुस्त बनाए रखने पर विशेष जोर दिया जाएगा.

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पहले दिन विभाग के सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों से मुलाकात

अपने ऑफिस पहुंचते ही राजेश्वरी बी ने विभाग के सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों से मुलाकात कर काम के तौर तरीके को समझा. आपको बता दें कि साल 2020 के मार्च महीने में कोरोना की एंट्री के बाद मनरेगा से जुड़ी योजनाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संभालने में मील का पत्थर साबित हुई हैं. चूकि कोरोना का दौर अभी भी जारी है, इसलिए नवनियुक्त मनरेगा आयुक्त पर ज्यादा से ज्यादा मानव दिवस का सृजन, मनरेगा कर्मियों की समस्याओं को दूर करने के अलावा योजनाओं से जुड़ी गड़बड़ियों पर विराम लगाना बड़ी चुनौती होगी.

मनरेगा के तहत 340 लाख मानव दिवस सृजित

संक्रमण काल के बावजूद वित्तीय वर्ष 2021-22 में अबतक मनरेगा के तहत 340 लाख मानव दिवस सृजित हुआ है. वर्तमान में कृषि से संबंधित 94.33% प्रतिशत योजनाएं झारखंड में चलाई जा रही हैं जो पूरे देश में सबसे अधिक है. इस वित्तीय वर्ष में अब तक योजना से जुड़े कुल 47, 242 कार्य को पूर्ण किया जा चुका है. जबकि 9.42 लाख योजनाओं का कार्य चालू है. कुल व्यय की लगभग 81 प्रतिशत राशि प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन से जुड़ी योजनाओं पर इस्तेमाल की गई है.

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