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हेमंत सरकार की फिर हुई फजीहत, त्रुटि के कारण राजभवन ने सरकार को लौटाया बिल - Ranchi news

प्रशासनिक अनदेखी की वजह से हेमंत सरकार की लगातार फजीहत हो रही है. झारखंड कराधान अधिनियमन की बकाया राशि का समाधान बिल- 2022 के हिंदी और अंग्रेजी संस्करण की कॉपियों में कई गलतियां मिली है. इन गलतियों की वजह से राजभवन ने सरकार को बिल लौटा दिया है.

Raj Bhavan returned bill to government
हेमंत सरकार की फिर हई फजीहत
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Published : Sep 15, 2022, 9:50 PM IST

Updated : Sep 15, 2022, 10:56 PM IST

रांचीः झारखंड के प्रशासनिक अधिकारियों की गलतियों की वजह से सरकार को लगातार फजीहत हो रही है. झारखंड कराधान अधिनियमन की बकाया राशि का समाधान बिल- 2022 के हिंदी और अंग्रेजी संस्करण की कॉपियों में कई गलतियां है. इन त्रुटियों के कारण राजभवन ने बिल लौटा दिया है.

यह भी पढ़ेंः झारखंड में सियासी संकट, चुनाव आयोग की सिफारिश पर शुक्रवार को राजभवन जारी कर सकता है ऑर्डर

इस बिल में पहली गलती यह है कि सेक्सन 3 के तीसरे कॉलम में अंग्रेजी संस्करण में आर्टिकल को ए और बी में दर्शाया गया है जबकि हिंदी संस्करण में क और ख की जगह 1 और 2 लिखा गया है. दूसरी गलती यह है कि अंग्रेजी संस्करण में छूट प्रतिशत में 50% कटौती का जिक्र है जबकि हिंदी संस्करण में 60% दर्शाया गया है. खास बात यह है कि इससे पहले भी सदन से पारित कई बिल को राजभवन लौटा चुका है. अब इस बिल को लागू करने के लिए चिन्हित गलतियों को सुधारने के बाद नये सिरे से विधानसभा से पारित कराना होगा.

बता दें कि इसी साल मई माह में राजभवन ने झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन (संवर्धन और सुविधा) विधेयक 2022 को वापस लौटा दिया था. इस विधेयक के हिंदी और अंग्रेजी संस्करण में काफी विसंगतियां थी. इससे पहले अप्रैल में भारतीय मुद्रांक शुल्क अधिनियम में संशोधन विधेयक 2021 को राजभवन ने सरकार को लौटा दिया था. जिसमें भाषाई कई त्रुटियां बताई गई थी. फरवरी माह में राजभवन ने ट्राइबल यूनिवर्सिटी बिल को वापस किया था. इस बिल के हिंदी और अंग्रेजी संस्करण में कई त्रुटियां थी. यही हाल झारखंड भीड़ हिंसा एवं भीड़ लिंचिंग निवारण विधेयक के साथ हुआ. इसमें भी हिंदी और अंग्रेजी प्रारूप में कई त्रुटियां होने के साथ साथ भीड़ की परिभाषा पर सवाल उठाते हुए राजभवन ने लौटा दिया था.

रांचीः झारखंड के प्रशासनिक अधिकारियों की गलतियों की वजह से सरकार को लगातार फजीहत हो रही है. झारखंड कराधान अधिनियमन की बकाया राशि का समाधान बिल- 2022 के हिंदी और अंग्रेजी संस्करण की कॉपियों में कई गलतियां है. इन त्रुटियों के कारण राजभवन ने बिल लौटा दिया है.

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इस बिल में पहली गलती यह है कि सेक्सन 3 के तीसरे कॉलम में अंग्रेजी संस्करण में आर्टिकल को ए और बी में दर्शाया गया है जबकि हिंदी संस्करण में क और ख की जगह 1 और 2 लिखा गया है. दूसरी गलती यह है कि अंग्रेजी संस्करण में छूट प्रतिशत में 50% कटौती का जिक्र है जबकि हिंदी संस्करण में 60% दर्शाया गया है. खास बात यह है कि इससे पहले भी सदन से पारित कई बिल को राजभवन लौटा चुका है. अब इस बिल को लागू करने के लिए चिन्हित गलतियों को सुधारने के बाद नये सिरे से विधानसभा से पारित कराना होगा.

बता दें कि इसी साल मई माह में राजभवन ने झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन (संवर्धन और सुविधा) विधेयक 2022 को वापस लौटा दिया था. इस विधेयक के हिंदी और अंग्रेजी संस्करण में काफी विसंगतियां थी. इससे पहले अप्रैल में भारतीय मुद्रांक शुल्क अधिनियम में संशोधन विधेयक 2021 को राजभवन ने सरकार को लौटा दिया था. जिसमें भाषाई कई त्रुटियां बताई गई थी. फरवरी माह में राजभवन ने ट्राइबल यूनिवर्सिटी बिल को वापस किया था. इस बिल के हिंदी और अंग्रेजी संस्करण में कई त्रुटियां थी. यही हाल झारखंड भीड़ हिंसा एवं भीड़ लिंचिंग निवारण विधेयक के साथ हुआ. इसमें भी हिंदी और अंग्रेजी प्रारूप में कई त्रुटियां होने के साथ साथ भीड़ की परिभाषा पर सवाल उठाते हुए राजभवन ने लौटा दिया था.

Last Updated : Sep 15, 2022, 10:56 PM IST
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