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पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सीएम हेमंत सोरेन को लिखा पत्र, पोषण सखियों की सेवा जारी रखने का किया अनुरोध - झारखंड समाचार

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है और मांग की है कि पोषण सखियों की सेवा को जारी रखने का अनुरोध किया है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि पोषण सखियों की वजह से ही झारखंड में कुपोषण के आंकड़ों में कमी आई है.

Raghuvar Das has written letter to Hemant Soren
Raghuvar Das has written letter to Hemant Soren
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Published : Apr 8, 2022, 10:45 PM IST

रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर राज्य में पोषण सखियों की सेवा को जारी रखने का अनुरोध किया है. अपने पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने लिखा है की पोषण सखी की बहाली के बाद से झारखंड में कुपोषण के आंकड़ों में कमी आई है. उन्होंने आग्रह किया है कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से उनकी सेवा को जारी रखी जाए.

ये भी पढ़ें: रघुवर दास ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र, कहा - बच्चे पड़ रहे हैं बीमार, स्कूलों का टाइम टेबल बदलवाएं


झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हेमंत सोरेन को पत्र में लिखा कि झारखंड में कुपोषण एक बड़ी समस्या रही है. इस कारण प्रदेश में मातृत्व मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर काफी अधिक है. झारखंड से कुपोषण को मिटाने के लिए उनकी सरकार ने सबसे ज्यादा प्रभावित जिले धनबाद, कोडरमा, दुमका, चतरा, गिरिडीह और गोड्डा में पोषण सखी की नियुक्ति की थी. ये पोषण सखियां घर-घर जाकर महिलाओं को कुपोषण के प्रति जागरूक करने और पौष्टिक आहार के विषय में उन्हें शिक्षित कर रही थी. उनके प्रयासों से झारखंड में कुपोषण के खिलाफ एक माहौल तैयार करने में सहायता मिली थी, इसके साथ ही बच्चों में कुपोषण की दर में कमी दर्ज की गई.

Raghuvar Das has written letter to Hemant Soren
रघुवर दास की चिट्ठी

रघुवर दास ने हेमंत सोरेने को लिखी चिट्ठी में लिखा कि पिछले वर्ष नवंबर में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के नतीजों ने इस पर मुहर भी लगाई, जिसमें बताया गया है कि वर्ष 2015 -16 में जहां राज्य में 45.3% अति कुपोषित बच्चे थे उनकी संख्या वर्ष 2020 में घटकर 39.6% हो गई है. इसी प्रकार कुपोषित बच्चों की संख्या भी 29% से घटकर 22.4 प्रतिशत हो गई है. रघुवर दास ने हेमंत सोरेन से आग्रह है किया कि राज्य में कार्यरत 10388 पोषण सखी की सेवा को समाप्त नहीं की जाए, मलेरिया की रोकथाम के लिए कार्य कर रहे लगभग 2200 MPW की सेवा को ऐसे ही परिस्थितियों में राज्य सरकार के संसाधनों से जारी रखा.

Raghuvar Das has written letter to Hemant Soren
रघुवर दास की चिट्ठी


क्या है झारखंड में पोषण सखियों का मामला: कुपोषण मुक्त झारखंड बनाने के लिए पोषण सखियों की नियुक्ति अनुबंध पर हुई थी, पोषण सखियों के लिए जो राशि खर्च होती उसका 75% राशि के केंद्र सरकार वहन करती वहीं 25% राशि झारखंड सरकार को वहन करना था. पिछले दिनों विधानसभा के बजट सत्र के दौरान पोषण सखियों ने 11 महीने में बकाए मानदेय की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था, जिसके बाद विधानसभा में विभागीय मंत्री जोबा मांझी ने कहा था कि 2017 से ही केंद्र की सरकार ने मानदेय देना बंद कर दिया, बावजूद इसके झारखंड सरकार अभी तक इस उम्मीद में अपनी राशि पोषण सखियों को इस उम्मीद में देती आयी है कि भारत सरकार देर सवेर राशि निर्गत करेगी.

जब पोषण सखियों ने मानदेय के लिए आंदोलन को तेज किया तो वर्तमान सरकार ने बकाए भुगतान के साथ ही पोषण सखियों की सेवा जारी नहीं रखने का फैसला लिया है. इसी फैसले को वापस लेने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है.

रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर राज्य में पोषण सखियों की सेवा को जारी रखने का अनुरोध किया है. अपने पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने लिखा है की पोषण सखी की बहाली के बाद से झारखंड में कुपोषण के आंकड़ों में कमी आई है. उन्होंने आग्रह किया है कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से उनकी सेवा को जारी रखी जाए.

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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हेमंत सोरेन को पत्र में लिखा कि झारखंड में कुपोषण एक बड़ी समस्या रही है. इस कारण प्रदेश में मातृत्व मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर काफी अधिक है. झारखंड से कुपोषण को मिटाने के लिए उनकी सरकार ने सबसे ज्यादा प्रभावित जिले धनबाद, कोडरमा, दुमका, चतरा, गिरिडीह और गोड्डा में पोषण सखी की नियुक्ति की थी. ये पोषण सखियां घर-घर जाकर महिलाओं को कुपोषण के प्रति जागरूक करने और पौष्टिक आहार के विषय में उन्हें शिक्षित कर रही थी. उनके प्रयासों से झारखंड में कुपोषण के खिलाफ एक माहौल तैयार करने में सहायता मिली थी, इसके साथ ही बच्चों में कुपोषण की दर में कमी दर्ज की गई.

Raghuvar Das has written letter to Hemant Soren
रघुवर दास की चिट्ठी

रघुवर दास ने हेमंत सोरेने को लिखी चिट्ठी में लिखा कि पिछले वर्ष नवंबर में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के नतीजों ने इस पर मुहर भी लगाई, जिसमें बताया गया है कि वर्ष 2015 -16 में जहां राज्य में 45.3% अति कुपोषित बच्चे थे उनकी संख्या वर्ष 2020 में घटकर 39.6% हो गई है. इसी प्रकार कुपोषित बच्चों की संख्या भी 29% से घटकर 22.4 प्रतिशत हो गई है. रघुवर दास ने हेमंत सोरेन से आग्रह है किया कि राज्य में कार्यरत 10388 पोषण सखी की सेवा को समाप्त नहीं की जाए, मलेरिया की रोकथाम के लिए कार्य कर रहे लगभग 2200 MPW की सेवा को ऐसे ही परिस्थितियों में राज्य सरकार के संसाधनों से जारी रखा.

Raghuvar Das has written letter to Hemant Soren
रघुवर दास की चिट्ठी


क्या है झारखंड में पोषण सखियों का मामला: कुपोषण मुक्त झारखंड बनाने के लिए पोषण सखियों की नियुक्ति अनुबंध पर हुई थी, पोषण सखियों के लिए जो राशि खर्च होती उसका 75% राशि के केंद्र सरकार वहन करती वहीं 25% राशि झारखंड सरकार को वहन करना था. पिछले दिनों विधानसभा के बजट सत्र के दौरान पोषण सखियों ने 11 महीने में बकाए मानदेय की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था, जिसके बाद विधानसभा में विभागीय मंत्री जोबा मांझी ने कहा था कि 2017 से ही केंद्र की सरकार ने मानदेय देना बंद कर दिया, बावजूद इसके झारखंड सरकार अभी तक इस उम्मीद में अपनी राशि पोषण सखियों को इस उम्मीद में देती आयी है कि भारत सरकार देर सवेर राशि निर्गत करेगी.

जब पोषण सखियों ने मानदेय के लिए आंदोलन को तेज किया तो वर्तमान सरकार ने बकाए भुगतान के साथ ही पोषण सखियों की सेवा जारी नहीं रखने का फैसला लिया है. इसी फैसले को वापस लेने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है.

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