रांची: झारखंड में भले ही कोरोना संक्रमण के एक्टिव केस कम होकर 800 के करीब रह गया हो पर अभी भी कोरोना संक्रमण का खतरा टला नहीं है. ऐसे में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह में कई रियायत देने के बाद भी झारखंड सरकार ने 38 घंटे के कंप्लीट वीकेंड लॉकडाउन (Weekend Lockdown) को जारी रखा है. शनिवार की रात 08 बजे से सोमवार की सुबह 06 बजे तक आवश्यक सेवा छोड़ सभी गतिविधियां बंद रखने के आदेश को राजधानी रांची की जनता सरकार का बढ़िया कदम बताती है.
ये भी पढ़ें- झारखंड में एक दिन में रिकॉर्ड 1 लाख 42 हजार 908 लोगों ने ली वैक्सीन, कोरोना के 91 नए केस मिले
क्या कहती है जनता
शनिवार की शाम से सोमवार की सुबह तक कंप्लीट बंदी को लेकर रांची के लोग सही बताते हैं. राजेश बड़ाइक, शंभूनाथ सिंह, मुख्तार अंसारी जैसे लोगों से ईटीवी भारत की टीम ने वीकेंड लॉकडाउन (Weekend Lockdown) पर बात की तो सभी ने कोरोना से मुक्ति के लिए इसे सही बताया. एक और खास बात यह रही कि लोगों ने माना कि कोरोना का खतरा अभी कम नहीं हुआ है और एक और वेव आने की संभावना है तो सतर्क रहना ही होगा.
सड़कों पर सतर्क दिख रही रांची पुलिस
वीकेंड लॉकडाउन (Weekend Lockdown) में बेवजह घर से बाहर निकलने पर भी पाबंदी है. ऐसे में वैसे लोग जो घर से बाहर कार, मोटरसाइकिल से निकले हैं, उनकी जांच रांची पुलिस काफी सतर्कता से करती दिखी. रांची के हरमू चौक, सहजानंद चौक, अल्बर्ट एक्का चौक सहित अधिसंख्य चौक चौराहों पर खराब मौसम के बावजूद पुलिस पूरी सतर्कता से वाहनों की जांच करती दिखी.
बेहतर स्थिति में है झारखंड
कोरोना को काबू में रखने के लिए झारखंड इस क्षेत्र का एकमात्र राज्य है, जहां वीकेंड लॉकडाउन (Weekend Lockdown) लागू है. स्वास्थ्य विभाग से जारी डेटा के अनुसार भी यह दिखता है कि झारखंड में कोरोना को कंट्रोल करने के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयास और जनता से मिल रहे सहयोग का असर हो रहा है. देश में जहां 7 डेज ग्रोथ रेट 0.11% है तो झारखंड में यह महज 0.02% है. भारत में जहां कोरोना केस दोगुणा होने में अभी 660.05 दिन लगेगा. वहीं, झारखंड में संक्रमण की रफ्तार इतनी धीमी है कि 3076 दिन से भी ज्यादा दिन में केस दोगुणा होगा. इसी तरह राज्य का रिकवरी रेट भी राष्ट्रीय औसत 97.1% से ज्यादा 98.28% है.