रांची: केंद्र सरकार के कानून सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट को लेकर प्रदेश के सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा और विपक्षी बीजेपी में बयानबाजी तेज हो गयी है. एकतरफ झामुमो ने बीजेपी पर इस कानून की आड़ में लोगों को बांटने का आरोप लगाया है तो वहीं, बीजेपी ने दावा किया कि कांग्रेस और जेएमएम इस कानून को लेकर भ्रम की स्थिति फैला रहे हैं.
दरअसल, राजधानी रांची के कडरू इलाके में सीएए के विरोध में बड़ी संख्या में महिलाओं ने धरना दे रखा है. अनिश्चितकालीन रूप से चल रहे इस धरना कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं हिस्सा ले रही हैं. उनका साफ तौर पर कहना है कि नागरिकता संशोधन कानून उन्हें स्वीकार्य नहीं है. इस बाबत झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बीजेपी पर निशाना साधा है.
झामुमो के प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि राज्य में पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार और मौजूदा केंद्र सरकार का एजेंडा है. वह आम लोगों को मौजूदा दौर की समस्याओं और मुद्दों से भटकाने के लिए यह तरीके अपना रही है. पांडेय ने कहा कि एक तरफ देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है. इसके साथ ही जीडीपी में गिरावट दर्ज की जा रही है, लेकिन इस पर कोई चर्चा नहीं हो रही.
इन मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए सीएए और एनपीआर जैसी चीजें लाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ था कि केंद्र सरकार अपनी नीतियों के समर्थन में कोई रैली निकालनी पड़ी हो. उन्होंने कहा दरअसल बीजेपी लोगों को सांप्रदायिक रूप से अलग करना चाहती है. इसके साथ ही इसकी आड़ में अपनी राजनीतिक रोटी सेकना चाहती हैं.
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वहीं, बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि दरअसल नागरिकता संशोधन कानून को लेकर लोगों के बीच में भ्रम की स्थिति फैलाई जा रही है. उस कानून में ऐसा कोई बिंदु नहीं है जिससे ऐसा स्पष्ट हो कि किसी की भी नागरिकता खतरे में है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता दीनदयाल बरनवाल ने कहा कि कोई भी व्यक्ति उस प्रावधान को बता दें जिसमें इस तरह कि कोई बात हो. उन्होंने कहा कि दरअसल सीएए का विरोध की मंशा राजनीतिक है.