रांची: स्थायीकरण की मांग को लेकर झारखंड के सहायक पुलिस कर्मियों का आंदोलन बुधवार को आखिरकार को खत्म हो गया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अपील पर आंदोलनरत सहायक पुलिसकर्मियों ने कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की के साथ वार्ता सफल होने पर अपने आंदोलन को खत्म कर दिया है. सहायक पुलिसकर्मियों को मांगो को लेकर एक लिखित पत्र भी दिया गया है. आंदोलन खत्म होने के बाद सहायक पुलिसकर्मी प्रशासन के द्वारा उपलब्ध करवाए गए बसों से अपने-अपने घर की ओर प्रस्थान कर गए.
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लिखित मिलने के बाद ही समाप्त हुआ आंदोलन
27 सितम्बर से शुरू हुआ सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन 38 दिन तक जारी रहा. 38 दिनों से अलग-अलग जिलों से आए सहायक पुलिसकर्मी रांची के मोराबादी मैदान में डटे हुए थे. रात का अंधेरा हो या फिर लगातार हो रही बारिश, ये सभी चीजें भी सहायक पुलिसकर्मियों के मनोबल को जरा सा भी टस से मस नहीं कर पाया. 2 नवंबर को जब सहायक पुलिसकर्मियों के सब्र का बांध टूटा और वे सीएम आवास घेरने का मन बना लिए, तब सरकार की नींद खुली और उन्हें वार्ता के लिए बुलाया गया.
2 नवंबर को वार्ता होने के बाद भी सहायक पुलिसकर्मी लिखित कागजात उपलब्ध करवाने की मांग को लेकर आंदोलन पर अड़े रहे, जिसके बाद सरकार की तरफ से कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की सहायक पुलिसकर्मियों से मिलने पहुंचे और उनका आंदोलन खत्म करवाया. आंदोलन में पलामू, गढ़वा, चतरा, लातेहार, गिरिडीह, लोहरदगा, गुमला, पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, सिमडेगा, लोहरदगा, दुमका सहित 12 नक्सल प्रभावित जिलों के 2,200 सहायक पुलिसकर्मी गत 27 सितंबर, 2021 से अपनी मांगों को लेकर रांची के मोरहाबादी मैदान में आंदोलनरत थे.
8 मांगों पर विचार का मिला आश्वासन
मौके पर मानदेय बढ़ाने, सेवा बहाल रखने और पुलिसकर्मियों की नौकरी में उम्र सीमा की छूट सहित 8 अन्य मांगों को पूरा करने का आश्वासन मिला है. इसमें सीधी स्थायी नियुक्ति को छोड़कर मानदेय बढ़ाने, 2022 तक सेवा बहाल रखने सहित अन्य मांगों पर चर्चा की गयी. सहायक पुलिसकर्मियों की मांगों पर विचार करने के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित की गई है. समिति द्वारा दो माह में मांगों को पूरा करने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. साथ ही सहायक पुलिसकर्मियों के 5 साल पूरे होने के बाद भी आगे सहायक पुलिस में उनके स्थायीकरण पर भी विचार किया जायेगा. लेकिन, सारा निर्णय गठित समिति द्वारा लिया जायेगा. इस समिति में आईजी के साथ गृह अपर सचिव और वित्त विभाग के अधिकारी भी शामिल होंगे.