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रांची में रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने गई टीम से बहस, ज्यादती का लगाया आरोप

रांची में रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने गई टीम के साथ जमकर बहसबाजी हुई है. अतिक्रमणकारियों ने ज्यादती का आरोप लगाया है. जबकि अधिकारी ने कहा कि सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही कार्रवाई की गई है.

protest during removal encroachment in ranchi
अतिक्रमण हटाने गई टीम से बहस
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Published : Oct 8, 2021, 1:19 PM IST

Updated : Oct 8, 2021, 2:12 PM IST

रांचीः राजधानी में इन दिनों अतिक्रमण हटाओ अभियान युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है. इसी क्रम में आज मेकॉन कॉलोनी के पास रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण कर बसे लोगों को हटाने के लिए गयी प्रशासन की टीम को भारी विरोध का सामना करना पड़ा. अतिक्रमणकारियों ने कहा कि पुलिस और प्रशासन की तरफ से ज्यादती की जा रही है. जबकि CO ने कहा कि रेलवे ने सभी प्रक्रियाओं का पालन किया है.

ये भी पढ़ेंः रांची में रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने गई टीम से बहस, ज्यादती का लगाया आरोप
किस बात पर विरोध
रांची के सेटेलाइट कॉलोनी से मेकॉन कॉलोनी की तरफ जाने वाले रास्ते में रेलवे लाइन के किनारे वर्षों से रह रहे लोगों के आशियाने को जिला प्रशासन और आरपीएफ की टीम ने मिल कर उजाड़ दिया. पीड़ित परिवार की महिलाओं ने कहा कि वे लोग वर्षो से इस जमीन पर रह रहे हैं. ये लोग उन्हें रेलवे की जमीन पर बसा बता रहे हैं. जबकि उन लोगों ने जमीन की मापी करने को कहा तो अधिकारियों ने इनकार कर दिया. आक्रोशित लोगों ने कहा कि प्रशासन के लोगों ने उन्हें पूर्व में ना नोटिस दिया और ना ही कोई सूचना दी. सीधे उनके घर, दुकान, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को तोड़ दिया.

देखें पूरी खबर
क्या कहते हैं अंचलाधिकारी

मौके पर मौजूद दंडाधिकारी और अरगोड़ा के अंचलाधिकारी अरविंद कुमार ओझा ने कहा कि कार्रवाई पूरी तरह से नियमानुकूल है और पहले से ही माइक से इसकी सूचना दी गयी थी. सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही यह कार्रवाई की गई है.

दिव्यांग का भी घर टूटा

कार्रवाई के दौरान ही एक भावुक करने वाला दृश्य दिखा जब टूटे हुए मकान के मलबे के बीच एक दिव्यांग छाता लिए बैठा रहा. उसके घर वाले अपने टूटे आशियाने को कहीं और बसाने की कोशिश करते देखे गए.

रांचीः राजधानी में इन दिनों अतिक्रमण हटाओ अभियान युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है. इसी क्रम में आज मेकॉन कॉलोनी के पास रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण कर बसे लोगों को हटाने के लिए गयी प्रशासन की टीम को भारी विरोध का सामना करना पड़ा. अतिक्रमणकारियों ने कहा कि पुलिस और प्रशासन की तरफ से ज्यादती की जा रही है. जबकि CO ने कहा कि रेलवे ने सभी प्रक्रियाओं का पालन किया है.

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किस बात पर विरोध
रांची के सेटेलाइट कॉलोनी से मेकॉन कॉलोनी की तरफ जाने वाले रास्ते में रेलवे लाइन के किनारे वर्षों से रह रहे लोगों के आशियाने को जिला प्रशासन और आरपीएफ की टीम ने मिल कर उजाड़ दिया. पीड़ित परिवार की महिलाओं ने कहा कि वे लोग वर्षो से इस जमीन पर रह रहे हैं. ये लोग उन्हें रेलवे की जमीन पर बसा बता रहे हैं. जबकि उन लोगों ने जमीन की मापी करने को कहा तो अधिकारियों ने इनकार कर दिया. आक्रोशित लोगों ने कहा कि प्रशासन के लोगों ने उन्हें पूर्व में ना नोटिस दिया और ना ही कोई सूचना दी. सीधे उनके घर, दुकान, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को तोड़ दिया.

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क्या कहते हैं अंचलाधिकारी

मौके पर मौजूद दंडाधिकारी और अरगोड़ा के अंचलाधिकारी अरविंद कुमार ओझा ने कहा कि कार्रवाई पूरी तरह से नियमानुकूल है और पहले से ही माइक से इसकी सूचना दी गयी थी. सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही यह कार्रवाई की गई है.

दिव्यांग का भी घर टूटा

कार्रवाई के दौरान ही एक भावुक करने वाला दृश्य दिखा जब टूटे हुए मकान के मलबे के बीच एक दिव्यांग छाता लिए बैठा रहा. उसके घर वाले अपने टूटे आशियाने को कहीं और बसाने की कोशिश करते देखे गए.

Last Updated : Oct 8, 2021, 2:12 PM IST
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