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सरेंडर कर चुके नक्सली कमांडर और रिश्तेदार की संपत्ति नहीं होगी जब्त, DGP ने दिए आदेश

नक्सली नकुल और उसके साथी ने 2017 में पुलिस के समक्ष सरेंडर किया था. जिसके बाद उसके और उसके परिवार की संपत्ति जब्त करने के आदेश दिए गए थे. जिसे डीजीपी ने समीक्षा के बाद उसे खारिज कर दिया.

नक्सली नकुल यादव की फाइल फोटो
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Published : Aug 21, 2019, 7:55 AM IST

रांचीः झारखंड पुलिस सरेंडर कर चुके नक्सली कमांडर नकुल यादव के रिश्तेदार रोहित यादव और उसकी पत्नी के नाम पर अर्जित संपत्ति जब्त नहीं करेगी. डीजीपी कमल नयन चौबे ने समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया है.

सरकारी संपत्ति घोषित होने की थी तैयारी
अनुसंधान में गड़बड़ी की बात कह गृह विभाग ने नकुल यादव के भाई रोहित यादव की चल-अचल संपत्ति, बैंक खातों में जमा पैसों को सरकारी संपत्ति घोषित करने के प्रस्ताव को वापस कर दिया. इसके बाद आईजी अभियान आशीष बत्रा ने नए सिरे से सीआईडी से आईजी के जांच प्रतिवेदन की मांग कर संपत्ति जब्ती की कार्रवाई शुरू करने का आदेश जारी किया था, लेकिन डीजीपी कमलनयन चौबे ने स्वयं पूरे मामले की समीक्षा की, इसके बाद आदेश जारी किया कि रोहित यादव की संपत्ति जब्त नहीं की जाएगी.

क्या था आईजी अभियान का आदेश
जुलाई महीने में आईजी अभियान ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें जिक्र था कि आईजी स्तर के अधिकारी लोहरदगा में रोहित समेत अन्य अभियुक्तों के खिलाफ दर्ज मामले की दैनिकी, अंतिम प्रतिवेदन, साक्ष्य की अपर्याप्तता समेत अन्य पहलूओं पर जांच करेंगे. इसी के आधार पर वह डीजीपी कमल नयन चौबे को जांच रिपोर्ट सौपेंगे. आईजी स्तर के अधिकारी की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद डीजीपी के द्वारा उग्रवादी की चल- अचल संपत्ति जब्त करने, फ्रिज हुए बैंक खाते में जमा राशि को सरकारी राशि घोषित करने का प्रस्ताव भेजा जाएगा.

क्या है पूरा मामला
लोहरदगा पुलिस ने 3 नवंबर 2016 को नकुल यादव के भाई रोहित यादव को गिरफ्तार किया था. रोहित के पास से पुलिस ने तब 25.15 लाख रुपये बरामद किए. पुलिस ने मौके से लेवी की राशि देने आए बालाजी कंपनी के राजकुमार सिंह और बीकेबी के बबलू खान को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ था कि रोहित के बैंक खाते में 60.40 लाख रुपये जमा है. पुलिस ने तत्काल बैंक खाते को फ्रिज करवा कर ट्रांजेक्शन पर रोक लगवा दी थी, लेकिन बैंक खातों में जमा पैसों को सरकारी संपत्ति घोषित नहीं कराया जा सका.

संगठन में रहते हुए नकुल ने बनाई थी करोड़ों की संपत्ति
पुलिस मुख्यालय के पूर्व के प्रस्ताव के मुताबिक, नकुल यादव ने सरेंडर के पहले भाकपा माओवादी संगठन में रहते हुए करोड़ों की संपत्ति अर्जित की थी. पुलिस मुख्यालय के आंकलन के मुताबिक, नकुल और उसके रिश्तेदारों के नाम पर 15.16 करोड़ की अनुमानित संपत्ति लेवी के जरिए अर्जित की गई थी. चतरा के प्रतापपुर में 27.40 एकड़ जिसकी कीमत 11 करोड़ के करीब आंकी गई है. रांची के मैकलुस्कीगंज में 10 डिसमिल जमीन पर एक करोड़ का मकान, दस लोडर, चतरा में ही 2.87 एकड़ जमीन की बात सामने आयी थी. नकुल ने साल 2017 में अपने सहयोगी मदन यादव के साथ सरेंडर कर दिया था, इसके बाद से वह जेल में बंद है.

रांचीः झारखंड पुलिस सरेंडर कर चुके नक्सली कमांडर नकुल यादव के रिश्तेदार रोहित यादव और उसकी पत्नी के नाम पर अर्जित संपत्ति जब्त नहीं करेगी. डीजीपी कमल नयन चौबे ने समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया है.

सरकारी संपत्ति घोषित होने की थी तैयारी
अनुसंधान में गड़बड़ी की बात कह गृह विभाग ने नकुल यादव के भाई रोहित यादव की चल-अचल संपत्ति, बैंक खातों में जमा पैसों को सरकारी संपत्ति घोषित करने के प्रस्ताव को वापस कर दिया. इसके बाद आईजी अभियान आशीष बत्रा ने नए सिरे से सीआईडी से आईजी के जांच प्रतिवेदन की मांग कर संपत्ति जब्ती की कार्रवाई शुरू करने का आदेश जारी किया था, लेकिन डीजीपी कमलनयन चौबे ने स्वयं पूरे मामले की समीक्षा की, इसके बाद आदेश जारी किया कि रोहित यादव की संपत्ति जब्त नहीं की जाएगी.

क्या था आईजी अभियान का आदेश
जुलाई महीने में आईजी अभियान ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें जिक्र था कि आईजी स्तर के अधिकारी लोहरदगा में रोहित समेत अन्य अभियुक्तों के खिलाफ दर्ज मामले की दैनिकी, अंतिम प्रतिवेदन, साक्ष्य की अपर्याप्तता समेत अन्य पहलूओं पर जांच करेंगे. इसी के आधार पर वह डीजीपी कमल नयन चौबे को जांच रिपोर्ट सौपेंगे. आईजी स्तर के अधिकारी की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद डीजीपी के द्वारा उग्रवादी की चल- अचल संपत्ति जब्त करने, फ्रिज हुए बैंक खाते में जमा राशि को सरकारी राशि घोषित करने का प्रस्ताव भेजा जाएगा.

क्या है पूरा मामला
लोहरदगा पुलिस ने 3 नवंबर 2016 को नकुल यादव के भाई रोहित यादव को गिरफ्तार किया था. रोहित के पास से पुलिस ने तब 25.15 लाख रुपये बरामद किए. पुलिस ने मौके से लेवी की राशि देने आए बालाजी कंपनी के राजकुमार सिंह और बीकेबी के बबलू खान को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ था कि रोहित के बैंक खाते में 60.40 लाख रुपये जमा है. पुलिस ने तत्काल बैंक खाते को फ्रिज करवा कर ट्रांजेक्शन पर रोक लगवा दी थी, लेकिन बैंक खातों में जमा पैसों को सरकारी संपत्ति घोषित नहीं कराया जा सका.

संगठन में रहते हुए नकुल ने बनाई थी करोड़ों की संपत्ति
पुलिस मुख्यालय के पूर्व के प्रस्ताव के मुताबिक, नकुल यादव ने सरेंडर के पहले भाकपा माओवादी संगठन में रहते हुए करोड़ों की संपत्ति अर्जित की थी. पुलिस मुख्यालय के आंकलन के मुताबिक, नकुल और उसके रिश्तेदारों के नाम पर 15.16 करोड़ की अनुमानित संपत्ति लेवी के जरिए अर्जित की गई थी. चतरा के प्रतापपुर में 27.40 एकड़ जिसकी कीमत 11 करोड़ के करीब आंकी गई है. रांची के मैकलुस्कीगंज में 10 डिसमिल जमीन पर एक करोड़ का मकान, दस लोडर, चतरा में ही 2.87 एकड़ जमीन की बात सामने आयी थी. नकुल ने साल 2017 में अपने सहयोगी मदन यादव के साथ सरेंडर कर दिया था, इसके बाद से वह जेल में बंद है.

Intro:सरेंडर कर चुके नक्सली कमांडर और रिश्तेदार की संपत्ति नहीं होगी जब्त

रांची।
झारखंड पुलिस सरेंडर कर चुके नक्सली कमांडर नकुल यादव के रिश्तेदार रोहित यादव व उसके पत्नी के नाम पर अर्जित संपत्ति जब्त नहीं करेगी। डीजीपी कमल नयन चौबे की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया है।

सरकारी संपत्ति घोषित होने की थी तैयारी

अनुसंधान में गड़बड़ी की बात कह गृह विभाग ने नकुल यादव के भाई रोहित यादव की चल-अचल संपत्ति , बैंक खातों में जमा पैसों को सरकारी संपत्ति घोषित करने के प्रस्ताव को वापस कर दिया। इसके बाद आईजी अभियान आशीष बत्रा ने नए सिरे से सीआईडी से आईजी के जांच प्रतिवेदन की मांग कर संपत्ति जब्ती की कार्रवाई शुरू करने का आदेश जारी किया था। लेकिन डीजीपी कमलनयन चौबे ने स्वयं पूरे मामले की समीक्षा की, इसके बाद आदेश जारी किया कि रोहित यादव की संपत्ति जब्त नहीं की जाएगी।

क्या था आईजी अभियान का आदेश
जुलाई महीने में आईजी अभियान ने आदेश जारी किया था, जिसमें जिक्र था कि आईजी स्तर के अधिकारी लोहरदगा में रोहित समेत अन्य अभियुक्तों के खिलाफ दर्ज मामले की कांड दैनिकी, अंतिम प्रतिवेदन, साक्ष्य की अपर्याप्ता समेत अन्य पहलूओं पर जांच करेंगे। इसी के आधार पर वह डीजीपी कमलनयन चौबे को जांच रिपोर्ट सौपेंगे। आईजी स्तर के अधिकारी की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद डीजीपी के द्वारा उग्रवादी की चल- अचल संपत्ति जब्त करने, फ्रिज हुए बैंक खाते में जमा राशि को सरकारी राशि घोषित करने का प्रस्ताव भेजा जाएगा।

क्या है पूरा मामला
लोहरदगा पुलिस ने 3 नवंबर 2016 को नकुल यादव के भाई रोहित यादव को गिरफ्तार किया था। रोहित के पास से पुलिस ने तब 25.15 लाख रुपये बरामद किए। पुलिस ने मौके से लेवी की राशि देने आए बालाजी कंपनी के राजकुमार सिंह और बीकेबी के बबलू खान को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ था कि रोहित के बैंक खाते में 60.40 लाख रुपये जमा है। पुलिस ने तत्काल बैंक खाते को फ्रिज करवा कर ट्रांजेक्शन पर रोक लगवा दी थी। लेकिन बैंक खातों में जमा पैसों को सरकारी संपत्ति घोषित नहीं कराया जा सका।

संगठन में रहते हुए नकुल ने बनायी थी करोड़ों की संपत्ति

पुलिस मुख्यालय के पूर्व के प्रस्ताव के मुताबिक, नकुल यादव ने सरेंडर के पहले भाकपा माओवादी संगठन में रहते हुए करोड़ों की संपत्ति अर्जित की थी। पुलिस मुख्यालय के आंकलन के मुताबिक, नकुल व उसके रिश्तेदारों के नाम पर 15.16 करोड़ की अनुमानित संपत्ति लेवी के जरिए अर्जित की गई थी। चतरा के प्रतापपुर में 27.40 एकड़ जिसकी कीमत 11 करोड़ के करीब आंकी गई है। रांची के मुक्लुस्कीगंज में 10 डिसमिल जमीन पर एक करोड़ का मकान, दस लोडर, चतरा में ही 2.87 एकड़ जमीन की बात सामने आयी थी। नकुल ने साल 2017 में अपने सहयोगी मदन यादव के साथ सरेंडर कर दिया था। इसके बाद से वह जेल में बंद है।

फाइल फोटो
नकुल यादव अपने साथ के साथ सरेंडर करते हुए Body:1Conclusion:2
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