रांची: 21वें स्थापना दिवस (Jharkhand Foundation Day) के मौके पर झारखंड मंत्रालय में राज्य स्थापना दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मंत्री आलमगीर आलम, मंत्री जगरनाथ महतो और मंत्री सत्यानंद भोक्ता उपस्थित रहे. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर किया गया. मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने स्वागत भाषण कर आगंतुक अतिथियों का स्वागत किया.
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कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल रमेश बैस और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इतिहास और नागरिक विषय में गैर अनुसूचित जिलों में चयनित हाईस्कूल शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया. इसके अलावा हाल ही में झारखंड से तीन विशिष्ट हस्तियों छुटनी देवी, मधु मंसूरी हंसमुख, छऊ नृत्य के गुरु शशधर आचार्य और मुकुंद नायक जिन्हें पद्मश्री और पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है. उन्हें भी राज्य सरकार ने सम्मानित किया. कार्यक्रम के दौरान राज्य सरकार के कार्यों को ऑडियो वीडियो विजुअल के माध्यम से प्रस्तुत किया गया. इस मौके पर बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारा होटवार द्वारा तैयार पत्रिका सरहुल का लोकार्पण किया गया. जनजातीय भाषाओं के उपर लिखी गई चित्रावाली आधारित पुस्तक का भी विमोचन किया गया.
व्यापार मंडल को दिया गया 2-2 लाख रुपये का चेक
वहीं कार्यक्रम के दौरान 500 लैम्प्स पैक्स और व्यापार मंडल को 2-2 लाख रुपये का कार्यशील पूंजी का चेक प्रदान किया गया. भगवान बिरसा मुंडा के वंशज सुखराम मुंडा और कानो मुंडा को भी सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में फूलो-झानो अभियान के वेबपोर्टल और डाटाबेस की लांचिंग की गई. वहीं आपके अधिकार, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम की शुरुआत की गई. 16 नवंबर से 29 दिसंबर 2021 तक यह योजना चलेगी. पंचायत और प्रखंडों में जनता की समस्या का समाधान किया जाएगा. सीएम हेमंत ने कहा कि खूंटी, सिमडेगा, चाईबासा सहित पांच नक्सल प्रभावित जिलों में सहाय योजना से 14-19 वर्ष के खिलाडियों को प्रोत्साहित किया जाएगा. फुटबॉल, हॉकी सहित कई खेल आयोजित किए जाएंगे.
सोने की चिड़िया आज भी देश का है पिछड़ा राज्य-मुख्यमंत्री
राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यवासियों को बधाई देते हुए कहा कि झारखंड आंदोलन से उपजा राज्य है. झारखंड की अलग पहचान देने की लंबी संघर्ष रही है. झारखंड शहादत देनेवालों की भूमि रही है. आज भी जनजाति समाज विकास के पैमाने में कदम से कदम मिलाकर नहीं चल पाया है. भारत सरकार द्वारा बिरसा जयंती को जनजाति गौरव उत्सव की घोषणा का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि इसे पाने में डेढ सौ साल लगे हैं. राज्य गठन के 21 साल हो गए हैं. लेकिन जिस गति से विकास का काम होना चाहिए था वो नहीं हो पाया. जिसके कारण झारखंड पिछड़े राज्यों में शामिल है.
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सीएम ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि
सीएम ने कहा कि सोने की चिड़िया के रूप में जाने जाना वाला झारखंड में क्या नहीं है. सोना, हीरा सहित कोयला का अकूत भंडार है. जिसके बल पर देश रोशन होता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कई विभागों के नियमावली को बदला है. जिससे यहां के लोगों को लाभ मिलेगा. स्वर्ण पदक खिलाड़ियों के रेजा और सब्जी बेचने की खबर आए दिन आते रहती है. सरकार ने ऐसे खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति की योजना बनाई है. जनजाति भाषाओं के अनुवादकों को मुख्यमंत्री ने सम्मान के रूप में एक-एक लाख देने की घोषणा करते हुए कहा कि आगे भी समाज के ऐसे व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा. कोरोना के कारण दो वर्षों से बाधित विकास योजनाओं को सभी के सहयोग से गति दी जाएगी. आज का दिन संकल्प लेकर हम राज्य के विकास का प्रण लेकर शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि दें.
राज्यपाल रमेश बैस ने किया संबोधित
वहीं राज्यपाल रमेश बैस ने संबोधित करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि आज के दिन हम अटल जी को कैसे भूल सकते हैं. जिन्होंने झारखंड बनाया था. राज्यपाल ने झारखंड के शहीदों को याद करते हुए राज्य के विकास के लिए समाज के सभी लोगों को आगे आने की अपील की. इस मौके पर राज्यपाल ने पद्मश्री और पद्मविभूषण से हाल ही में सम्मानित होनेवाले हस्तियों को बधाई देते हुए उनके योगदान की सराहना की. राज्यपाल ने राज्य सरकार के द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए नए औद्योगिक नीति, हाईस्कूल शिक्षकों की नियुक्ति का स्वागत किया. साथ ही पर्यटन क्षेत्र में रोजगार की संभावना पर जोर दिया. राज्य सरकार के द्वारा आपके अधिकार, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम की शुरुआत का राज्यपाल ने स्वागत किया.