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निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों के निर्देश का संचालकों ने किया विरोध, कहा- अन्य मरीज होंगे प्रभावित

रांची स्वास्थ विभाग के जारी आदेश के बाद सभी निजी अस्पतालों में कोरोना के मरीज की व्यवस्था पर निजी अस्पताल के संचालकों ने विरोध जताया है. उनका कहना है कि यह आदेश अन्य गंभीर मरीजों के हित में नहीं है.

Private hospital operators opposed the health department's order in Ranchi
रांची स्वास्थ विभाग
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Published : Jun 17, 2020, 1:36 PM IST

रांची: स्वास्थ्य विभाग से जारी आदेश के बाद यह तय किया गया है कि अब राज्य के सभी निजी अस्पतालों में कोरोना से ग्रसित मरीजों का भी इलाज किया जायेगा. इसी के मद्देनजर सभी निजी अस्पताल के प्रबंधकों को अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड बनाकर इलाज करने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही यह भी हिदायत दी गई कि अगर कोई मरीज अन्य बीमारी से ग्रसित होकर निजी अस्पतालों में इलाज कराने पहुंचता है और वह कोरोना पॉजिटिव भी है, तो वैसे मरीजों के साथ निजी अस्पताल किसी तरह का भेदभाव नहीं कर सकता. अस्पताल को मरीज की मूल बीमारी और कोरोना दोनों का ही इलाज करना होगा.

देखें पूरी खबर

निजी अस्पतालों आदेश का कर रहे विरोध

सरकार के इस फैसले का निजी अस्पतालों के संगठन एसोसिएशन ऑफ हेल्थ प्रोवाइडर्स और झारखंड आईएमए ने विरोध किया है. एसोसिएशन ऑफ हेल्थ प्रोवाइडर्स के अध्यक्ष योगेश गंभीर ने बताया कि सरकार के इस आदेश से निजी अस्पतालों में इलाज कराने वाले अन्य गंभीर मरीजों के भी संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाएगा. उन्होंने बताया कि कई ऐसे निजी अस्पताल हैं की संरचना और हॉस्पिटल्स इंफ्रास्ट्रक्चर उस प्रकार से नहीं है ताकि कोविड के मरीजों का इलाज करने के लिए अस्पताल के उस हिस्से को अलग किया जा सकें.

कोविड के मरीजों के लिए अलग से व्यवस्था की मांग

राज्य में कुछ अस्पताल ही ऐसे हैं जिसका इंफ्रास्ट्रक्चर अत्यधिक बेहतर है और वह कोविड के मरीजों के लिए अलग से आइसोलेशन वार्ड बना सकते हैं. वहीं, उन्होंने सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा कि कई निजी अस्पतालों में सिर्फ एक ही प्रवेश द्वार है और निकलने के लिए भी उसी रास्ते का उपयोग करना पड़ता है जबकि कोविड के मरीजों के लिए सभी चीजों की अलग व्यवस्था होना अति आवश्यक है.

निजी अस्पतालों मे आइसोलेशन वार्ड की है जरूरत

वहीं, राज्य के बड़े निजी अस्पताल मेडिका के एडवाइजर आनंद श्रीवास्तव बताते हैं कि जिस तरह से कोविड के मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है ऐसे में निजी अस्पतालों को आगे आकर इलाज करने की आवश्यकता है. इसीलिए इस संकट की घड़ी में अगर सरकार कोविड के मरीजों के लिए प्रत्येक निजी अस्पतालों मे आइसोलेशन वार्ड बनाने की बात करती है तो यह जायज है. जिस प्रकार से निजी अस्पतालों ने कोविड के मरीजों के इलाज नहीं करने की बात सरकार से की है. ऐसे में निश्चित रूप से सरकार को विचार करने की जरूरत है कि आखिर किस प्रकार से सभी निजी अस्पतालों में कोविड के मरीजों का व्यवस्था किया जायेगा.

हालांकि सरकार ने अभी तक निजी अस्पतालों के संचालकों की इस मांग पर किसी तरह की कोई जवाब नहीं दी गई है लेकिन यह उम्मीद जताई जा रही है कि स्वास्थ्य विभाग निजी अस्पतालों के संचालकों की इस मांग पर गौर करेगी.

ये भी देखें- कोल्हान के व्यवसायियों ने बैंकर्स के साथ की डिजिटल बैठक, केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं की ली जानकारी

बता दें कि स्वास्थ विभाग ने पिछले दिनों सभी निजी अस्पताल के संचालकों के लिए आदेश जारी करते हुए निर्देश दिया था कि अब सभी अस्पतालों में कोविड के मरीजों का इलाज होगा. जिसके बाद से निजी अस्पताल के संचालकों ने मरीजों के सुरक्षा का हवाला देकर सरकार के इस आदेश का विरोध कर रहे हैं.

रांची: स्वास्थ्य विभाग से जारी आदेश के बाद यह तय किया गया है कि अब राज्य के सभी निजी अस्पतालों में कोरोना से ग्रसित मरीजों का भी इलाज किया जायेगा. इसी के मद्देनजर सभी निजी अस्पताल के प्रबंधकों को अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड बनाकर इलाज करने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही यह भी हिदायत दी गई कि अगर कोई मरीज अन्य बीमारी से ग्रसित होकर निजी अस्पतालों में इलाज कराने पहुंचता है और वह कोरोना पॉजिटिव भी है, तो वैसे मरीजों के साथ निजी अस्पताल किसी तरह का भेदभाव नहीं कर सकता. अस्पताल को मरीज की मूल बीमारी और कोरोना दोनों का ही इलाज करना होगा.

देखें पूरी खबर

निजी अस्पतालों आदेश का कर रहे विरोध

सरकार के इस फैसले का निजी अस्पतालों के संगठन एसोसिएशन ऑफ हेल्थ प्रोवाइडर्स और झारखंड आईएमए ने विरोध किया है. एसोसिएशन ऑफ हेल्थ प्रोवाइडर्स के अध्यक्ष योगेश गंभीर ने बताया कि सरकार के इस आदेश से निजी अस्पतालों में इलाज कराने वाले अन्य गंभीर मरीजों के भी संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाएगा. उन्होंने बताया कि कई ऐसे निजी अस्पताल हैं की संरचना और हॉस्पिटल्स इंफ्रास्ट्रक्चर उस प्रकार से नहीं है ताकि कोविड के मरीजों का इलाज करने के लिए अस्पताल के उस हिस्से को अलग किया जा सकें.

कोविड के मरीजों के लिए अलग से व्यवस्था की मांग

राज्य में कुछ अस्पताल ही ऐसे हैं जिसका इंफ्रास्ट्रक्चर अत्यधिक बेहतर है और वह कोविड के मरीजों के लिए अलग से आइसोलेशन वार्ड बना सकते हैं. वहीं, उन्होंने सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा कि कई निजी अस्पतालों में सिर्फ एक ही प्रवेश द्वार है और निकलने के लिए भी उसी रास्ते का उपयोग करना पड़ता है जबकि कोविड के मरीजों के लिए सभी चीजों की अलग व्यवस्था होना अति आवश्यक है.

निजी अस्पतालों मे आइसोलेशन वार्ड की है जरूरत

वहीं, राज्य के बड़े निजी अस्पताल मेडिका के एडवाइजर आनंद श्रीवास्तव बताते हैं कि जिस तरह से कोविड के मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है ऐसे में निजी अस्पतालों को आगे आकर इलाज करने की आवश्यकता है. इसीलिए इस संकट की घड़ी में अगर सरकार कोविड के मरीजों के लिए प्रत्येक निजी अस्पतालों मे आइसोलेशन वार्ड बनाने की बात करती है तो यह जायज है. जिस प्रकार से निजी अस्पतालों ने कोविड के मरीजों के इलाज नहीं करने की बात सरकार से की है. ऐसे में निश्चित रूप से सरकार को विचार करने की जरूरत है कि आखिर किस प्रकार से सभी निजी अस्पतालों में कोविड के मरीजों का व्यवस्था किया जायेगा.

हालांकि सरकार ने अभी तक निजी अस्पतालों के संचालकों की इस मांग पर किसी तरह की कोई जवाब नहीं दी गई है लेकिन यह उम्मीद जताई जा रही है कि स्वास्थ्य विभाग निजी अस्पतालों के संचालकों की इस मांग पर गौर करेगी.

ये भी देखें- कोल्हान के व्यवसायियों ने बैंकर्स के साथ की डिजिटल बैठक, केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं की ली जानकारी

बता दें कि स्वास्थ विभाग ने पिछले दिनों सभी निजी अस्पताल के संचालकों के लिए आदेश जारी करते हुए निर्देश दिया था कि अब सभी अस्पतालों में कोविड के मरीजों का इलाज होगा. जिसके बाद से निजी अस्पताल के संचालकों ने मरीजों के सुरक्षा का हवाला देकर सरकार के इस आदेश का विरोध कर रहे हैं.

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