Jharkhand Market Price: खाद्य पदार्थ समेत फल और सब्जियों की कीमत में इजाफा, जानिए क्या है दाम - inflation in jharkhand
झारखंड में खाद्य पदार्थों की कीमत में लगातार हो रही वृद्धि से मिडिल क्लास फैमिली परेशान है. इस महंगाई का सीधा असर लोगों के जेब पर पड़ रहा है. जानिए राजधानी रांची में फल, सब्जी समेत अन्य खाद्य पदार्थों की कीमत क्या है.
price of food grain and vegetables in ranchi
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Published : Mar 16, 2022, 12:33 PM IST
रांचीः बढ़ती महंगाई ने लोगों की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है. सबसे ज्यादा महंगाई खाद्य पदार्थों में देखने को मिली है. राजधानी रांची के थोक मंडी बाजार से खुदरा दुकानदार खाद्य-पदार्थ खरीद कर बेचने का काम करते हैं. बढ़ती महंगाई का असर यह है कि अब दुकानदार भी काफी सीमित मात्रा में खरीदारी कर रहे हैं.
झाररखंड में सब्जी के दाम (रुपये प्रति किलो)
कटहल
60-70 रुपये
टमाटर
25-32 रुपये
आलू
8-12 रुपये
नया आलू
10-17 रूपये
प्याज
22-35 रुपये
सेम
32-40 रुपये
हरा मटर
25-35 रुपये
फूल गोभी
35-45 रुपये
बंद गोभी
35-45 रुपये
गाजर
25-35 रुपये
खीरा
35-45 रुपये
फ्रेंचबीन
35-50 रुपये
लहसुन
80-120 रुपये
अदरक
60-80 रुपये
हरी मिर्च
60-80 रुपये
कद्दू
15-25 रुपये
शिमला मिर्च
50-60 रुपये
बैगन
25-30 रुपये
करेला
50-60 रुपये
भिंडी
70-80 रुपये
मूली
15-20 रुपये
परवल
140-160-रुपये
धनिया पत्ता
45-50 रुपये
झाररखंड में खाद्यान्न के दाम (रुपये प्रति किलो)
मोटा उसना चावल
28-40 रुपये
पतला उसना
48-55 रुपये
मोटा अरवा
25-27 रुपये
पतला अरवा चावल
40-50 रुपये
गेहूं
17-19 रुपये
लोकल आटा
25-30 रुपये
स्पेशल आटा
34-36 रुपये
मूंगफली
120-140 रुपये
अरहर दाल
94-96 रुपये
उड़द दाल
95-100 रुपये
मूंग दाल
90-95 रुपये
चना
60-65 रूपये
गुड़
44-50 रुपये
चीनी
40-45 रुपये
काबुली चना
85-90 रुपये
सरसों तेल
175-185 रुपये प्रति लीटर
रिफाइंड
130-145 रुपये प्रति लीटर
झाररखंड में फल के दाम (रुपये प्रति किलो)
सेब
100-120 रुपये
कश्मीर सेब
110-130 रुपये
अनार
120-160 रुपये
संतरा
70-80 रुपये
केला
35-45 दर्जन
कीवी
22-25 रुपये पीस
बेर
40-50 रुपये
अंगूर
80-100 रुपये
रांचीः बढ़ती महंगाई ने लोगों की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है. सबसे ज्यादा महंगाई खाद्य पदार्थों में देखने को मिली है. राजधानी रांची के थोक मंडी बाजार से खुदरा दुकानदार खाद्य-पदार्थ खरीद कर बेचने का काम करते हैं. बढ़ती महंगाई का असर यह है कि अब दुकानदार भी काफी सीमित मात्रा में खरीदारी कर रहे हैं.