रांची: विश्वविद्यालय रांची की सेंट्रल लाइब्रेरी राज्य की एकमात्र ओपन लाइब्रेरी है. इस लाइब्रेरी में विदेशी लेखकों की किताबों के अलावा पढ़ाई और विषयवस्तु से जुड़ी किताबें मौजूद हैं. हालांकि लाइब्रेरी में विद्यार्थियों के लिए बैठने की जगह कम है. फिलहाल कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से लाइब्रेरी बंद है. ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन इस लाइब्रेरी के विस्तारीकरण को लेकर योजना बना रहा है. इस लाइब्रेरी को डिजिटाइजेशन करने को लेकर भी बातें कही जा रही है. दूसरी ओर छात्र नेताओं ने कहा कि लाइब्रेरी को विश्वस्तरीय बनाने से पहले यहां फैली अव्यस्थाएं को सुधारा जाए.
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सिटिंग क्षमता है कम, विद्यार्थी ज्यादा
इसके अलावा लाइब्रेरी में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए बैठने की उचित व्यवस्था नहीं है. क्षमता के हिसाब से विद्यार्थी और इस लाइब्रेरी के सदस्य ज्यादा हैं. ऐसे में अब विश्वविद्यालय प्रशासन इस लाइब्रेरी का विस्तार करने को लेकर योजना बना रहा है. रांची विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अमर कुमार चौधरी की मानें, तो इस लाइब्रेरी में क्षमता कम है उसे बढ़ाने को लेकर तैयारी चल रही है. लॉकडाउन खत्म होने के बाद जब लाइब्रेरी खुलेगी तब विद्यार्थियों के लिए इस लाइब्रेरी में कई नई व्यवस्थाएं होंगी. इन व्यवस्थाओं को बहाल करने को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन तैयारियों में जुटा है.
आने वाले समय में लाइब्रेरी होगी डिजिटल
आने वाले समय में इस लाइब्रेरी को पूरी तरह से डिजिटल कर दिया जाएगा. हालांकि रजिस्ट्रार अमर कुमार चौधरी की इस बात से छात्र संघ से जुड़े नेता इत्तेफाक नहीं रखते. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता आशुतोष सिंह की मानें, तो कई बार विश्वविद्यालय प्रशासन इस लाइब्रेरी को लेकर बड़े-बड़े वायदे कर चुका है, लेकिन अब तक उन वादों को पूरा नहीं किया गया. ऐसे में एक बार फिर इस पूरी लाइब्रेरी को ही डिजिटल बनाए जाने की बात हवा-हवाई साबित होंगी. पहले सीटिंग क्षमता यूनिवर्सिटी प्रशासन बढ़ाए, समय सारणी का ख्याल रखे, लाइब्रेरी की व्यवस्थाओं को बेहतर करे, फिर डिजिटाइजेशन की बात करें.
कई बार विश्वविद्यालय ने दिया आश्वासन
रांची विश्वविद्यालय की सेंट्रल लाइब्रेरी को हाईटेक बनाने की बात हमेशा ही कही जाती रही है. कभी कहा जाता है कि यहां के छात्र ऑनलाइन विदेशी लेखकों की किताब पढ़ पाएंगे, तो कभी इस बात पर जोर दिया गया है कि सेंट्रल लाइब्रेरी को लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से जल्द ही जोड़ा जाएगा. ऐसा इसलिए ताकि छात्र समय के साथ हाईटेक बन सकें, लेकिन अब तक यह सिर्फ और सिर्फ चर्चाएं ही बनकर रह गई हैं.