रांचीः राज्य में अगले वर्ष फरवरी-मार्च में नगर निकाय चुनाव(municipal elections) होने की संभावना है. जिसके लिए नगर विकास विभाग और राज्य निर्वाचन आयोग(state election commission) ने तैयारी शुरू कर दी है. नगर निकाय चुनाव नये परिसीमन के तहत होने की संभावना है. जिसको लेकर विभागीय स्तर पर तैयारी प्रारंभ की गई है. विभाग द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग(state election commission) को नये सिरे से तैयार नगर निकाय क्षेत्र निर्वाचन नियमावली को भेजा गया है. सरकार द्वारा की जा रही तैयारी के अनुसार वार्डों का पुनर्गठन किया जा सकता है. इसके लिए हर नगर निकाय से रिपोर्ट मांगी गई है. मंत्री आलमगीर आलम कहते हैं कि सरकार पंचायत चुनाव के बाद नगर निकाय चुनाव(municipal elections) के लिए भी तैयार है आयोग तय करे कि कब चुनाव कराने हैं.
दलीय आधार पर नहीं होगा मेयर का चुनावः राज्य सरकार ने 22 जून को कैबिनेट की बैठक में निर्णय लेते हुए साफ कर दिया है कि झारखंड में मेयर का चुनाव(mayor election) दलगत आधार पर नहीं होगा. वहीं डिप्टी मेयर पद के लिए भी सीधा निर्वाचन नहीं होगा. बल्कि निर्वाचित पार्षद डिप्टी मेयर को चुनेंगे. वर्तमान नियम के अनुसार डेढ लाख आबादी पर 35 वार्ड का गठन होता है और उसे नगर निगम का दर्जा दिया जाता है. हर दस वर्ष पर नये सिरे से परिसीमन करने का प्रावधान है. इस तरह से रांची नगर निगम (Ranchi Municipal Corporation)क्षेत्र में 2018 में हुए चुनाव के लिए 2011 की जनसंख्या को आधार मानकर परिसीमन उस समय किया गया था. मगर धनबाद, चास आदि राज्य के कई नगर निकाय क्षेत्र हैं जहां नये सिरे से परिसीमन हर हाल में कराकर वार्डों का गठन करना होगा. डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय का मानना है कि गेंद सरकार के पाले में है जैसे भी निर्वाचन कराना है करा ले. वहीं वार्ड पार्षद अरुण कुमार झा कहते हैं कि चूंकि 2021 की जनगणना रिपोर्ट नहीं आई है, इसलिए नया परिसीमन करना उचित नहीं होगा.
राज्य में एकसाथ सभी नगर निकायों का चुनाव कराने की तैयारी, नये परिसीमन के लिए सरकार ने मांगी रिपोर्ट
पंचायत चुनाव के बाद अब राज्य में municipal elections की तैयारी शुरू हो गई है. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा अगले वर्ष फरवरी-मार्च में एक साथ सभी नगर निकायों के चुनाव कराने की संभावना है. इधर सरकार द्वारा नई नियमावली तैयार कर आयोग को भेज दी गई है. इसके अलावे वार्डो के परिसीमन को लेकर हरेक नगर निकायों से रिपोर्ट मांगी गई है.
रांचीः राज्य में अगले वर्ष फरवरी-मार्च में नगर निकाय चुनाव(municipal elections) होने की संभावना है. जिसके लिए नगर विकास विभाग और राज्य निर्वाचन आयोग(state election commission) ने तैयारी शुरू कर दी है. नगर निकाय चुनाव नये परिसीमन के तहत होने की संभावना है. जिसको लेकर विभागीय स्तर पर तैयारी प्रारंभ की गई है. विभाग द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग(state election commission) को नये सिरे से तैयार नगर निकाय क्षेत्र निर्वाचन नियमावली को भेजा गया है. सरकार द्वारा की जा रही तैयारी के अनुसार वार्डों का पुनर्गठन किया जा सकता है. इसके लिए हर नगर निकाय से रिपोर्ट मांगी गई है. मंत्री आलमगीर आलम कहते हैं कि सरकार पंचायत चुनाव के बाद नगर निकाय चुनाव(municipal elections) के लिए भी तैयार है आयोग तय करे कि कब चुनाव कराने हैं.
दलीय आधार पर नहीं होगा मेयर का चुनावः राज्य सरकार ने 22 जून को कैबिनेट की बैठक में निर्णय लेते हुए साफ कर दिया है कि झारखंड में मेयर का चुनाव(mayor election) दलगत आधार पर नहीं होगा. वहीं डिप्टी मेयर पद के लिए भी सीधा निर्वाचन नहीं होगा. बल्कि निर्वाचित पार्षद डिप्टी मेयर को चुनेंगे. वर्तमान नियम के अनुसार डेढ लाख आबादी पर 35 वार्ड का गठन होता है और उसे नगर निगम का दर्जा दिया जाता है. हर दस वर्ष पर नये सिरे से परिसीमन करने का प्रावधान है. इस तरह से रांची नगर निगम (Ranchi Municipal Corporation)क्षेत्र में 2018 में हुए चुनाव के लिए 2011 की जनसंख्या को आधार मानकर परिसीमन उस समय किया गया था. मगर धनबाद, चास आदि राज्य के कई नगर निकाय क्षेत्र हैं जहां नये सिरे से परिसीमन हर हाल में कराकर वार्डों का गठन करना होगा. डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय का मानना है कि गेंद सरकार के पाले में है जैसे भी निर्वाचन कराना है करा ले. वहीं वार्ड पार्षद अरुण कुमार झा कहते हैं कि चूंकि 2021 की जनगणना रिपोर्ट नहीं आई है, इसलिए नया परिसीमन करना उचित नहीं होगा.