रांची: झारखंड में गर्मी की दस्तक के साथ ही लगभग 12 लाख आबादी को पानी की चिंता सताने लगती है. राजधानी में रांची नगर निगम ही पेयजल आपूर्ती करता है. हालांकि ग्राउंड वाटर लेबल के नीचे चले जाने के कारण कई जगहों पर पानी की किल्लत होने लगती है. ऐसे में नगर निगम के सामने बड़ा सवाल है कि वे लोगों को पानी की किल्लत से कैसे बचाए. मेयर आशा लकड़ा का कहना है कि रांची के लोगों को पीने के पानी की कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है.
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रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा का दावा है कि वे राजधानी के लोगों को हर सुविधा बेहतर ढंग से देने के लिए तैयार है. उनका कहना है कि पिछले दो वर्षों में अच्छी बारिश हुई है और रांची के डैम में पानी भी इसलिए रांची में पानी की कोई कमी नहीं होगी. आशा लकड़ा का कहना है कि इसके बाद भी अगर कहीं पानी की समस्या होती है तो वहां टैंकर के जरिए पानी पहुंचाने की तैयारी की गई है.
मेयर आशा लकड़ा का कहना है कि रांची नगर निगम में जहां पानी की किल्लत है वहां इसी महीने से लोगों के घरों में टैंकर से पानी पहुंचाया जाएगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल 200 से अधिक जगहों को चिन्हित किया गया है जहां पानी की किल्लत होती है. रांची नगर निगम की यह कोशिश है वहां तक समुचित मात्रा में पानी पहुंचे फिर चाहे वह स्मल एरिया हो या फिर पॉश इलाका. आशा लकड़ा ने कहा कि रांची में कई अपार्टमेंट ऐसे हैं जहां गर्मियों में पानी नहीं मिलता, ग्राउंड वाटर नीचे चले जाने से उन्हें पानी की समस्या होती है. ऐसे जगहों के लिए जून तक के लिए टैंकर की बुकिंग कराई गई है.
मेयर का कहना है कि निगम के पास जो टैंकर है उसके जरिए पानी पहुंचाने का काम तो किया ही जा रहा है लेकिन फिर भी अगर जरूरत पड़ेगी तो किराए पर टैंकर लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार से लगातार पत्राचार किया जा रहा है और टैकरों के लिए 19 करोड़ की राशि की मांग की गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है. अब तक सरकार की ओर से नगर निगम को कोई राशि नहीं मिली है.