रांचीः वर्ल्ड बैंक की सहायता से झारखंड में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी शुरू हो गई है. जेबीवीएनएल द्वारा इसके लिए सर्वे कार्य शुरू किया गया है. संभावना यह जताई जा रही है कि सर्वे कार्य पूरा होते ही अगस्त में पुराने मीटर बदलकर नये प्रीपेड मीटर लगाना प्रारंभ होगा. पहले फेज में राजधानी रांची में इसकी शुरुआत होगी. तीन महीने के अंदर करीब 3.50 लाख घरों में बिजली मीटर को बदल कर स्मार्ट मीटर लगा दिए जाएंगे. इसके अलावे धनबाद और जमशेदपुर में भी पहले चरण में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे.
रांची प्रक्षेत्र के कार्यपालक अभियंता दिनेश्वर कुमार सिंह के अनुसार स्मार्ट मीटर का सबसे बड़ा लाभ राजस्व संकलन में होगा. उन्होंने कहा कि इसका फायदा उपभोक्ताओं को भी होगा जो अपने हिसाब से मोबाइल की तरह रिचार्ज कर बिजली को कन्ज्यूम करेंगे. प्रीपेड मीटर के लिए कन्ज्यूमर को अलग से राशि नहीं देनी होगी. बिलिंग की सुविधा ऑनलाइन होगी जो घर बैठे लोगों को प्राप्त हो जायेगा. आम तौर पर बिल नहीं मिलने की शिकायत आती रहती थी वो समस्या दूर हो जाएगी.
घरेलू उपभोक्ता का मीटर होगा प्रीपेडः वर्ल्ड बैंक प्रायोजित इस योजना पर रांची में करीब 2.50 करोड़ खर्च होंगे. जेबीवीएनएल सबसे पहले घरेलू उपभोक्ताओं के घर का मीटर बदलने की तैयारी में है. नाम के अनुरूप स्मार्ट मीटर काम भी स्मार्टली करेगी. जिसके लिए ऊर्जा विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है. इस प्रोजेक्ट पर काम वर्ल्ड बैंक और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से हो रहा है.
प्रीपेड स्मार्ट मीटर से उपभोक्ता को है लाभः प्रीपेड स्मार्ट मीटर से ना केवल कन्ज्यूमर को लाभ है बल्कि विभाग को भी इसका लाभ मिलेगा. आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस स्मार्ट मीटर में इनेबल्ड सॉफ्टवेयर घरेलू या कमर्शियल बिजली की निर्धारित पावर लोड से अधिक होते ही बत्ती गुल कर देगी और बिजली विभाग में लगे डाटा सेंटर को लोड की पूरी जानकारी मिल जायेगी. जिसके बाद कन्ज्यूमर पर पैनल्टी हो सकती है. इसके अलावे पैसा खत्म होते ही आपके घर की बत्ती गुल हो जायेगी. मोबाइल की तरह सेवा समाप्त होने से पहले रिचार्ज के लिए आपको विभाग द्वारा मैसेज भेजा जाएगा. इसके बाद निर्धारित समय पर रिचार्ज नहीं होने पर बिजली गुल हो जायेगी. प्रीपेड स्मार्ट मीटर के जरिए विभाग को बिजली चोरी रुकने की उम्मीद है. फिलहाल सिंगल फेज प्रीपेड स्मार्ट मीटर होने के कारण डोमेस्टिक और कमर्शियल कन्ज्यूमर के घर पर ही स्मार्ट मीटर लगेंगे. इंडस्ट्री को इससे अलग रखा गया है.